पटना: पृथ्वी दिवस और मिशन 2.50 करोड़ पौधारोपण समापन के मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आर ब्लॉक के पास 'पाटली' का पौधा लगाया. सीएम के साथ उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी और पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने भी पौधारोपण किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने मीडिया कर्मियों से दूरी बानाई रखी. कार्यक्रम बेहद सादगीपूर्ण तरीके से बिना किसी भीड़-भाड़ के संपन्न हुआ.
बता दें कि हर साल पृथ्वी दिवस पर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना संक्रमण के कारण किसी तरह का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं की गई.
सीएम नीतीश ने लगाया 'पाटली' का पौधा
इस मौके पर सीएम नीतीश के साथ उपमुख्यंत्री सुशील मोदी और नंद किशोर यादव ने एक खास पौधा 'पाटली' का पौधारोपण किया. इसको लेकर जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार ने कहा कि पाटली पौधे का बिहार खासकर पटना में काफी महत्व है. इसी पौधे के कारण पटना का नाम पाटलिपुत्र भी है. यह पौधा सड़क किनारे यह पौधा काफी सर्वाइव करता है. इसके अलावे पटाली का पौधा बिहार के पर्यवारण के हिसाब से भी काफी अनुकूल होता है.
कोरोना संक्रमण के कारण नहीं हुआ कोई कार्यक्रम
बता दें कि पृथ्वी दिवस का कार्यक्रम केवल बिहार में ही आयोजित की जाती है. बीते साल बिहार सरकार की ओर से पटना के ज्ञान भवन में बड़ा कार्यक्रम हुआ था. मौके पर सीएम नीतीश कुमार ने 'जल जीवन हरियाली अभियान' के जागरूकता पर जोर भी दिया था. इस साल पृथ्वी दिवस पर एक दिन में ढ़ाई करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया था. लेकिन कोरोना महामारी के कारण पिछले कई दिनों से पेड़ लगाने का कार्यक्रम चल रहा था. सचिवालय अधिकारियों के अनुसार लक्ष्य से कहीं अधिक पेड़ लगाये जा चुके हैं.
इससे पहले यहीं से उखाड़े गये थे बड़े-बड़े पेड़
गौरतलब है कि आर ब्लॉक दीघा पथ निर्माण के दौरान बड़े पैमाने पर पुराने पेड़ को उखाड़ कर आधुनिक मशीन से दूसरे स्थान पर लगाया गया था. इसके बाद आज पृथ्वी दिवस के मौके पर सीएम ने आर ब्लॉक दीघा पथ पर एक बार फिर से बड़े पैमाने पर कई पेड़ लगाए. कार्यक्रम के दौरान सीएम ने मीडिया से कोई बातचीत नहीं की, सादगीपूर्ण तरीके से बिना किसी भीड़-भाड़ के यह कार्यक्रम संपन्न हुआ. हालांकि, इस दौरान सुरक्षा कारणों से दर्जनों पुलिस बल को तैनात किया गया था.
पाटली के पौधे का पटना से कनेक्शन?
वन मामले के जानकार बताते हैं कि पटना समेत आस पास के इलाके में पहले काफी मात्रा में पाटली के पेड़ हुआ करता था. इसकी अधिकता से ही पटना का नाम पाटलिपुत्र पड़ा था. बिहार में अब पाटली का पेड़ लगभग लुप्त हो चुकें हैं. पटना में अब महज दो दर्जन से भी कम पाटली के पेड़ बचे हुए हैं. बीते साल पृथ्वी दिवस के कार्यक्रम पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में पाटली पौधे लगाने के फैसले किये थे. जिसके बाद पटना में वृहद पैमाने पर पाटली के पौधे लगाए गए थे.