पटना : बिहार में एक बार फिर गठबंधन बदलने की चर्चा तेज हो चली है. राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेन्द्र कुशवाहा ने भी नीतीश को बड़ा भाई मानते हुए इस ओर इशारा किया कि जितनी जल्दी हो सके आप वहां से (महागठबंधन) छोड़कर चले यहां (NDA) आइए नहीं तो आपकी उम्र टेंशन की वजह से छोटी होती जा रही है.
ये भी पढ़ें- Upendra Kushwaha : 'नीतीश मेरे बड़े भाई, उनसे मेरी व्यक्तिगत हमदर्दी, जल्द निकलें महागठबंधन से बाहर'
INDIA गठबंधन में आ गई दरार? : दरअसल, भोपाल में होने वाली इंडिया की रैली कैंसिल होने की खबरों से महागठबंधन में खटपट का संदेश गया. दूसरी ओर बिहार में नीतीश के बीजेपी के साथ जाने की खबरों के बीच जब पत्रकारों ने खुद नीतीश से इसके ऊपर सवाल किया तो उन्होंने इसका जवाब देने के लिए तेजस्वी यादव को आगे कर दिया. तेजस्वी यादव अचानक सीएम का ऐसा बर्ताव देखकर हड़बड़ा गए. हालांकि खुद को संभालते हुए उन्होंने गठबंधन में कोई मतभेद नहीं है इसके बारे में क्लियर किया.
नीतीश ने तेजस्वी को जवाब देने के लिए किया आगे : लेकिन सवाल तब उठे जब हर मुद्दे पर नीतीश कुमार ने खुद जवाब दिया लेकिन इंडिया गठबंधन में दरार का सवाल पूछे जाने पर नीतीश ने तेजस्वी यादव को आगे क्यों किया? क्या इसलिए कि हाल ही में दिल्ली में हुई कॉर्डिनेशन कमेटी की बैठक में तेजस्वी यादव शामिल हुए थे. क्या वहां कोई ऐसी भी डील हुई थी जिसकी भनक जेडीयू के संजय झा को नहीं लग पाई?
ये तस्वीर याद है..? : वैसे भी बिहार में हर बार चर्चा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नीतीश की मुलाकात वाली फोटो पर हो रही है. सियासी पंडित इसी फोटो को आधार बनाकर ये कयास लगाते हैं कि नीतीश एनडीए में वापसी करने वाले हैं. ये फोटो ठीक वैसी ही है जैसे नीतीश ने 2022 की ईद में तेजस्वी यादव के साथ मुलाकात की थी, उस मुलाकात के बाद सियासी समीकरण बड़ी तेजी से बदले थे.
फिर नीतीश पर हमले क्यों नहीं कर रही बीजेपी? : इस बदलाव के कई कारण अप्रत्यक्ष तौर पर सामने दिखने लगे हैं. पहला कारण ये है कि बीजेपी के नेता नीतीश पर अटैकिंग मोड में नजर नहीं आ रहे हैं. नीतीश पर सॉफ्ट कॉर्नर अपनाए हुए हैं. वहीं दूसरी ओर अमित शाह जैसे लीडर भी नीतीश को छूकर निकल गए. बिहार में बीजेपी का अब अटैकिंग पॉइंट लालू यादव और तेजस्वी हैं.
क्या नीतीश पर INDIA का भरोसा नहीं ? : नीतीश कुमार पर INDIA गठबंधन भरोसा नहीं जता पा रहा है. इस कयास के पीछे की सबसे बड़ी वजह ये है कि अभी तक नीतीश को INDIA गठबंधन का संयोजक नहीं बनाया गया. लालू यादव भी नीतीश को प्रमोट न करके राहुल गांधी के हाथ को मजबूत करने की बात करते हैं. ऐसे में नीतीश कुमार को इंडिया गठबंधन में कोई स्कोप नजर नहीं आ रहा होगा. नीतीश भीतर से मायूस हैं.
'नीतीश जी जिस उम्र में हैं उतनी परेशानी कसी के लिए भी ठीक नहीं है. इसलिए मेरी उनसे व्यक्तिगत हमदर्दी है. हम चाहेंगे कि जितनी जल्दी से वह वहां से निकलें तो अच्छा है. क्योंकि जिस तरह से वो परेशान, तबाह और तंग हैं उससे उनकी आयु घटती जा रही है'' - उपेन्द्र कुशवाहा, राष्ट्रीय अध्यक्ष, आरएलजेडी