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Bihar Teacher Recruitment : शिक्षक मामले में बैकफुट पर CM नीतीश! BJP और वामदलों ने सरकार पर बनाया जबरदस्त दबाव - ETV Bharat News

बिहार में शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति और नियोजित शिक्षक समान वेतन समान काम के साथ सरकारी शिक्षक बनाने की मांग को लेकर इन दिनों आंदोलनरत हैं. शिक्षक बिहार में पहले से भी बड़ा वोट बैंक रहा है कोई भी इन्हें नाराज करने का रिस्क नहीं उठाना चाहता है. बीजेपी के साथ इस मुद्दे पर सरकार की सहयोगी वामदल भी समर्थन कर रहे है. ऐसे में सरकार अब बैकफुट पर नजर आ रही है.

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Published : Jul 12, 2023, 5:53 PM IST

Updated : Jul 12, 2023, 9:14 PM IST

शिक्षक बहाली में बैकफुट पर सीएम नीतीश कुमार

पटना : बिहार विधानसभा में मानसून सत्र चल रहा है. ऐसे में अपनी मांगों के लेकर शिक्षकों के लिए यह बड़ा मौका है. क्योंकि 4 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक हैं और 170000 से अधिक नई शिक्षकों की बहाली होनी है. इसलिए बीजेपी के आक्रमक रुख और सहयोगी वाम दलों के तेवर के कारण नीतीश कुमार शिक्षक अभ्यर्थियों और महागठबंधन के सहयोगियों से भी बात करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों की जो बड़ी मांग है. उस पर क्या फैसला होगा. इस पर ही सबकी नजर है.

ये भी पढ़ें : Bihar Teacher Protest : पटना में शिक्षक अभ्यर्थियों का हंगामा, शिक्षक नेता हिरासत में... गुस्से में आंदोलनकारी

शिक्षकों की मांग को बीजेपी बना रही बड़ा मुद्दा: बिहार में शिक्षकों के आंदोलन पहले भी होते रहे हैं. इन दिनों 170000 नए शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया चल रही है. शिक्षक अभ्यर्थी शिक्षक नियोजन नियमावली के प्रावधानों से नाराज हैं. खासकर डोमिसाइल नीति को लेकर विरोध जता रहे हैं. वहीं नियोजित शिक्षक पुराने वेतनमान के साथ सरकारी शिक्षक बनाने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि अब जो नई बहाली हो रही है, उसमें सभी सरकारी शिक्षक होंगे. मानसून सत्र में बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बना रही है.

ईटीवी भारत GFX.
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13 को बीजेपी का विधानसभा मार्च : दबाव बनाने के लिए 13 जुलाई को बीजेपी ने विधानसभा मार्च का ऐलान किया है. गांधी मैदान से लेकर विधानसभा तक सभी विधायक विधान पार्षद और पार्टी के नेता इस मार्च में शामिल होंगे. दूसरी तरफ सरकार में सहयोगी वामपंथी तीनों दल सीपीआई, सीपीएम और माले भी शिक्षकों के साथ हैं और इसके कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई है. नीतीश कुमार को हार कर अब महागठबंधन के सहयोगियों के साथ शिक्षक अभ्यर्थियों से बात करने का आश्वासन देना पड़ा है.

"शराबबंदी मुआवजा की तरह जब तक शिक्षक मामले में भी सरकार को झुका नहीं देंगे, तब तक सरकार को छोड़ने वाले नहीं हैं."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा

वामदलों को समाधान की उम्मीद : माले के विधायक का कहना है कि जब मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है. इसमें दो प्रमुख मांग है डोमिसाइल और नियोजित शिक्षकों को सरकारी करने की, तो स्वाभाविक है इन्हीं पर चर्चा होगी. डोमिसाइल को लेकर सरकार का कहना है यदि दूसरे राज्यों में जहां भी डोमिसाइल लागू की गई है. वहां कोर्ट में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. इसलिए हम लोग कहीं कोर्ट मामले में फंसकर शिक्षक नियोजन नियमावली बाधित ना हो जाए इससे बच रहे हैं. लेकिन जहां तक नियोजित शिक्षकों का मामला है, उसमें सरकार कुछ फैसला ले सकती है.

"सरकार के तरफ से संकेत तो है कि हमलोग बात करके समाधान निकालेंगे. इसलिए उम्मीद तो है कि समाधान निकलेगा." - संदीप सौरभ, विधायक, माले

ईटीवी भारत GFX.
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नीतीश कुमार के फैसले पर सबकी नजर : कोई भी राजनीतिक पार्टी शिक्षक को नाराज करने का रिस्क नहीं लेना चाहती है. फिलहाल बीजेपी को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है. इसके अलावा बीजेपी पहली कैबिनेट में 10 लाख नौकरी देने का वादा तेजस्वी यादव ने जो किया था, उसको लेकर भी सरकार को घेर रही है. वहीं डोमिसाइल नीति को लेकर जो आरजेडी का स्टैंड रहा है. उस पर भी निशाना साध रही है. कुल मिलाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या कुछ फैसला लेते हैं. इस पर सबकी नजर रहेगी.

"जब मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है बातचीत के लिए तो निश्चित रूप से कुछ फैसला लेंगे. जिससे समाधान निकलेगा."- श्रवण कुमार, जदयू मंत्री

प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर गिरेगी गाज : इस बीच, धरना-प्रदर्शन को लेकर शिक्षा विभाग एक्शन में आ गया है. शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा पदाधिकारियों को कहा गया है कि जो भी शिक्षक धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे, उनकी जानकारी विभाग को दें. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद सभी जिलों के डीईओ द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेज दिया गया है.

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शिक्षक बहाली में बैकफुट पर सीएम नीतीश कुमार

पटना : बिहार विधानसभा में मानसून सत्र चल रहा है. ऐसे में अपनी मांगों के लेकर शिक्षकों के लिए यह बड़ा मौका है. क्योंकि 4 लाख से अधिक नियोजित शिक्षक हैं और 170000 से अधिक नई शिक्षकों की बहाली होनी है. इसलिए बीजेपी के आक्रमक रुख और सहयोगी वाम दलों के तेवर के कारण नीतीश कुमार शिक्षक अभ्यर्थियों और महागठबंधन के सहयोगियों से भी बात करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन शिक्षकों और शिक्षक अभ्यर्थियों की जो बड़ी मांग है. उस पर क्या फैसला होगा. इस पर ही सबकी नजर है.

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शिक्षकों की मांग को बीजेपी बना रही बड़ा मुद्दा: बिहार में शिक्षकों के आंदोलन पहले भी होते रहे हैं. इन दिनों 170000 नए शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया चल रही है. शिक्षक अभ्यर्थी शिक्षक नियोजन नियमावली के प्रावधानों से नाराज हैं. खासकर डोमिसाइल नीति को लेकर विरोध जता रहे हैं. वहीं नियोजित शिक्षक पुराने वेतनमान के साथ सरकारी शिक्षक बनाने की मांग कर रहे हैं. क्योंकि अब जो नई बहाली हो रही है, उसमें सभी सरकारी शिक्षक होंगे. मानसून सत्र में बीजेपी इसे बड़ा मुद्दा बना रही है.

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13 को बीजेपी का विधानसभा मार्च : दबाव बनाने के लिए 13 जुलाई को बीजेपी ने विधानसभा मार्च का ऐलान किया है. गांधी मैदान से लेकर विधानसभा तक सभी विधायक विधान पार्षद और पार्टी के नेता इस मार्च में शामिल होंगे. दूसरी तरफ सरकार में सहयोगी वामपंथी तीनों दल सीपीआई, सीपीएम और माले भी शिक्षकों के साथ हैं और इसके कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मुश्किलें बढ़ गई है. नीतीश कुमार को हार कर अब महागठबंधन के सहयोगियों के साथ शिक्षक अभ्यर्थियों से बात करने का आश्वासन देना पड़ा है.

"शराबबंदी मुआवजा की तरह जब तक शिक्षक मामले में भी सरकार को झुका नहीं देंगे, तब तक सरकार को छोड़ने वाले नहीं हैं."- विजय सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा

वामदलों को समाधान की उम्मीद : माले के विधायक का कहना है कि जब मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाई है. इसमें दो प्रमुख मांग है डोमिसाइल और नियोजित शिक्षकों को सरकारी करने की, तो स्वाभाविक है इन्हीं पर चर्चा होगी. डोमिसाइल को लेकर सरकार का कहना है यदि दूसरे राज्यों में जहां भी डोमिसाइल लागू की गई है. वहां कोर्ट में उन्हें हार का सामना करना पड़ा है. इसलिए हम लोग कहीं कोर्ट मामले में फंसकर शिक्षक नियोजन नियमावली बाधित ना हो जाए इससे बच रहे हैं. लेकिन जहां तक नियोजित शिक्षकों का मामला है, उसमें सरकार कुछ फैसला ले सकती है.

"सरकार के तरफ से संकेत तो है कि हमलोग बात करके समाधान निकालेंगे. इसलिए उम्मीद तो है कि समाधान निकलेगा." - संदीप सौरभ, विधायक, माले

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नीतीश कुमार के फैसले पर सबकी नजर : कोई भी राजनीतिक पार्टी शिक्षक को नाराज करने का रिस्क नहीं लेना चाहती है. फिलहाल बीजेपी को एक बड़ा मुद्दा मिल गया है. इसके अलावा बीजेपी पहली कैबिनेट में 10 लाख नौकरी देने का वादा तेजस्वी यादव ने जो किया था, उसको लेकर भी सरकार को घेर रही है. वहीं डोमिसाइल नीति को लेकर जो आरजेडी का स्टैंड रहा है. उस पर भी निशाना साध रही है. कुल मिलाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार क्या कुछ फैसला लेते हैं. इस पर सबकी नजर रहेगी.

"जब मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया है बातचीत के लिए तो निश्चित रूप से कुछ फैसला लेंगे. जिससे समाधान निकलेगा."- श्रवण कुमार, जदयू मंत्री

प्रदर्शनकारी शिक्षकों पर गिरेगी गाज : इस बीच, धरना-प्रदर्शन को लेकर शिक्षा विभाग एक्शन में आ गया है. शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा पदाधिकारियों को कहा गया है कि जो भी शिक्षक धरना-प्रदर्शन में शामिल हुए थे, उनकी जानकारी विभाग को दें. शिक्षा विभाग के आदेश के बाद सभी जिलों के डीईओ द्वारा प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को पत्र भेज दिया गया है.

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Last Updated : Jul 12, 2023, 9:14 PM IST
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