पटना : आज हंसते मुस्कुराते चेहरों पर नियुक्ति पत्र मिलने की रौनक है, वो केके पाठक की बदौलत है. जिस दिन बिहार लोक सेवा आयोग ने बिहार शिक्षक के रिजल्ट की घोषणा की उसी दिन केके पाठक ने युद्धस्तर पर अगले दिन ही नियुक्ति करने का शासनादेश निकाल दिया. आनन फानन में 1 लाख 20 हजार 366 शिक्षकों ने ज्वाइनिंग भी कर लिया. इन्हें अब नियुक्ति पत्र भी मिल चुका है. सारी नियुक्ति प्रक्रिया में कोई हीरो बनकर उभरा है तो पहले अभ्यर्थी स्वयं हैं और दूसरे केके पाठक. इस बात की मुहर खुद सीएम नीतीश ने गांधी मैदान में भरे मंच पर लगा दी.
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मंच से नीतीश ने कर लिया था नोटिस : नीतीश कुमार भी मंच से इस बात का नोटिस कर रहे थे. उनसे रहा नहीं गया. जैसे ही उन्होंने अपने संबोधन में केके पाठक का नाम लिया शिक्षक ने ऊंचे स्वर में चिल्लाकर जता दिया किया ये सब कुछ उनके कठोर निरीक्षण में हुआ. सीएम नीतीश भी ये देखकर काफी गदगद हुए.
''काफी खुशी हुई है यह देखकर कि हमने जिसे नियुक्त किया उसके काम की सराहना हो रही है. लोग इनके बारे में कुछ भी बोलते हैं, अनाप-शनाप बोलते रहते हैं लेकिन यह काम तो अच्छा ही कर रहे हैं.''- नीतीश कुमार, मुंख्यमंत्री, बिहार सरकार
नेताओं से बढ़कर केके पाठक का क्रेज : मंत्रियों के संबोधन भाषण में जैसे ही केके पाठक का नाम आता पूरा मैदान शिक्षक बने अभ्यर्थियों के जोश से गूंज उठता. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी जब आखिर में केके पाठक का नाम लिया तो मैदान में बैठे शिक्षक गर्मजोशी से भर उठे. तेजस्वी के मुंह से दो बार केके पाठक का नाम आया और दोनों ही बार अभ्यर्थियों ने ऐसा ही जोरदार अभिवादन किया.
केके पाठक की हनक : बता दें कि आईएएस केके पाठक अपने सख्त मिजाज और बेहतर प्रशासनिक अफसर हैं. अपने सख्त आदेशों, चुस्त दुरुस्त कार्यप्रणाली के चलते हमेशा से सुर्खियों में रहते हैं. केके पाठक के कई आदेश सरकार को वापस लेना पड़ा था जो कि सरकार के लिए मुसीबत बन गए थे. वहीं केके पाठक की कार्यशैली से शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर भी बीच में नाराज थे. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी केके पाठक के रवैये से रुष्ठ थे. जाहिर सी बात है कि इतने विवादों के बाद भी केके पाठक अपनी हनक से काम करते रहे. इसके पहले केके पाठक आबकारी विभाग के सचिव थे.