पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 1 अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीसी के माध्यम से ग्रामीण विकास विभाग, नगर विकास-आवास विभाग और श्रम संसाधन विभाग की विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन किया. ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत मनरेगा से 158.05 करोड़ रूपये की लागत से 6,097 तालाबों,पोखरों, आहर और पईन का जीर्णोद्धार किया जाएगा.
साथ ही 62.98 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 85,233 सोख्ता, 53.93 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 1,701 चेकडैम और 5.35 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 1,328 सरकारी भवनों के छत वर्षा जल संचयन संरचनाओं की योजनाओं का उद्घाटन और लोकार्पण किया गया.
विभिन्न योजनाओं का उद्घाटन
लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान के अन्तर्गत 67.05 करोड़ रूपये की लागत से निर्मित 3,166 सामुदायिक स्वच्छता केन्द्रों का भी लोकार्पण किया गया. ग्रामीण विकास विभाग अन्तर्गत लोकार्पण की गयी सभी 97,525 योजनाओं की कुल लागत राशि 347.37 करोड़ रूपये है. नगर विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत 67.64 करोड़ रुपये की लागत की 177 योजनाओं का उद्घाटन, 68.66 करोड़ रुपये की लागत से 119 योजनाओं का शिलान्यास, बिहाशरीफ स्मार्ट सिटी अंतर्गत 102.94 करोड़ रुपये लागत की इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर एंड ई-गवर्नेंस बेस्ड स्मार्ट सिटी साॅल्यूशन का कार्य शुरु किया गया.
पटना स्मार्ट सिटी अंतर्गत 15.97 करोड़ रुपये लागत की इंटिग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेन्टर का कार्यारंभ किया गया है. श्रम संसाधन विभाग के अंतर्गत कोविड विशेष सहायता अनुदान योजना अंतर्गत बिहार भवन और अन्य सन्निर्माण के 13.68 लाख कामगारों के लिये 2 हजार रुपये की दर से 273.56 करोड़ रुपये का सीधे डीबीटी के माध्यम से खाते में हस्तांतरण किया गया.
संबोधन के मुख्य बिंदु
सीएम ने कहा कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के विकास कार्यों के उद्घाटन के साथ-साथ श्रमिकों को दी जाने वाली सहायता के संबंध में आयोजित इस कार्यक्रम का विशेष महत्व है. पर्यावरण के प्रति जागरुकता हम सबका दायित्व है, इससे आने वाली पीढ़ियों का जीवन सुरक्षित रहेगा. अगर खुले में शौच से मुक्ति और लोगों को पीने का स्वच्छ पानी मिल जाय तो होने वाली 90 प्रतिशत बीमारियों से छुटकारा मिल जाएगा. पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकाय के शिक्षकों के तर्ज पर मदरसों, अल्पसंख्यक विद्यालयों एवं संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को ईपीएफ की सुविधा के साथ-साथ 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ 1 अप्रैल 2020 से दिया जायेगा.
सरकारी कर्मियों की मदद करने की कोशिश
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से उत्पन्न आर्थिक स्थिति में गिरावट के बावजूद हर प्रकार से लोगों के साथ-साथ सरकारी कर्मियों को भी मदद करने की कोशिश की गई है. पंचायती राज संस्थानों एवं नगर निकाय के शिक्षकों के तर्ज पर मदरसों, अल्पसंख्यक विद्यालयों एवं संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को ईपीएफ की सुविधा के साथ-साथ 15 प्रतिशत वेतन वृद्धि का लाभ 1 अप्रैल 2020 से देने का निर्णय किया गया है.
शिक्षक सेवक और तालिमी मरकज के मानदेय में 1 हजार रुपये की बढ़ोतरी, विद्यालय में काम कर रहे रसोइयों के मानदेय में 150 रुपये की वृद्धि, आंगन बाड़ी सेविका के मानदेय में 300 रुपये की वृद्धि, मिनी आंगनबाड़ी सेविकाओं के लिये 230 रुपये तथा सहायिका के मानदेय में 150 रुपये की बढ़ोतरी, विकास मित्र के मानदेय में 1200 रुपये की बढ़ोतरी तथा किसान सलाहकार के मानदेय में 1 हजार रुपये की बढ़ोतरी की गई है.
पर्यावरण के प्रति जागरुकता
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण के प्रति जागरुकता हम सब का दायित्व है. इससे आने वाली पीढ़ियों का जीवन सुरक्षित रहेगा. जब से काम करने का मौका मिला है सब के लिये जो संभव हुआ है कार्य करते रहे हैं और सबकी सेवा की है, किसी की उपेक्षा नहीं की है. सीएम ने कहा कि हमारी अपील है कि आपस में प्रेम, भाईचारा और सदभाव का माहौल रखें ताकि हम सब मिलकर आगे और तरक्की कर सकें. कार्यक्रम के दौरान गया, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया और समस्तीपुर जिले के जिलाधिकारियों ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत अपने जिले में शुरुआत की गई कार्य की जानकारी दी.
गया जिले की मनरेगा की लाभान्वित अनिता देवी, पूर्वी चम्पारण जिले के बाहका माहौल रखें ताकि हम सब मिलकर आगे और तरक्की कर सकें. कार्यक्रम के दौरान गया, पूर्वी चंपारण, पूर्णिया तथा समस्तीपुर जिले के जिलाधिकारियों ने जल-जीवन-हरियाली अभियान के अंतर्गत अपने जिले में शुरुआत की गई कार्य की जानकारी दी.