पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अणे मार्ग स्थित नेक संवाद से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जल संसाधन विभाग की 30 अलग-अलग योजनाओं का उद्घाटन, लोकार्पण, शिलान्यास और कार्यारंभ किया. इन योजनाओं की कुल लागत 1489.73 करोड़ रुपये है. योजनाओं के उद्घाटन के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि जल संसाधन विभाग को इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बधाई देता हूं.
बता दें कि जल संसाधन विभाग की ओर से लगभग 1,082 करोड़ रुपये लागत की 23 योजनाओं का उद्घाटन और 388 करोड़ रुपये लागत की 7 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है. वहीं, इस योजनाओं के उद्घाटन में सीएम ने स्व. रामाश्रय बाबू के कार्यों को याद किया.
बाढ़ से बिहार का बड़ा क्षेत्र होता प्रभावित
इसके अलावे सीएम ने कहा कि बिहार बड़ी आबादी वाला राज्य है. जिसकी जनसंख्या का घनत्व काफी अधिक है. यहां की 80 प्रतिशत जनसंख्या गांवों में निवास करती है और यहां की 78 प्रतिशत आबादी कृषि पर निर्भर है. राज्य में कभी बाढ़ तो कभी सुखाड़ की स्थिति बनी रहती है. ऐसी स्थिति में जल संसाधन विभाग की जल प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका है. बाढ़ से बिहार का बहुत बड़ा क्षेत्र प्रभावित होता है. यहां की 68 लाख 80 हजार हेक्टेयर भूमि बाढ़ से प्रभावित है जो कि बिहार के कुल भौगोलिक क्षेत्रफल का 73.06 प्रतिशत है. पूरे देश का 400 लाख हेक्टेयर क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित होता है. पूरे देश के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का 17.2 प्रतिशत क्षेत्र बिहार का है.
मुख्यमंत्री के संबोधन के मुख्य बिन्दु
सीएम ने कहा कि हम लोगों के सपने को साकार करने में लगे रहते हैं. अगली बार मौका मिला तो हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएंगे. जल संसाधन विभाग की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका है. साल 1980 से 2005 के बीच 2 लाख 85 हजार हेक्टयर सिंचाई क्षमता का सृजन किया गया, जबकि साल 2006 से 2020 के बीच 4 लाख 8 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता सृजित की गई. साथ ही 7 लाख 25 हजार हेक्टेयर सिंचाई क्षमता को फिर से स्थापित किया गया है.
छोटी-छोटी नदियोंं को लिंक करने की योजना पर करें काम
पटना में गणितीय प्रतिमान केंद्र (Mathematical Modelling Center) की स्थापना की गई है. इस केंद्र में मॉडल स्टडीज और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का प्रयोग कर 80 प्रतिशत सटिकता के साथ आंकलन हो पाता है. जिससे सभी प्रमुख नदियों के 72 घंटे पूर्व ही जलस्तर और जलश्राव का पूर्वानुमान, रियल टाइम रेनाफॉल और डिस्चार्ज से संबंधित जानकारी प्राप्त हो जाती है. अनुसंधान और विकास के लिए एक उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना के उद्देश्य से फिजिकल मॉडलिंग सेंटर का वीरपुर में शिलान्यास किया गया है. यह बिहार के लिए काफी उपयोगी साबित होगा. साथ ही उन्होंने कहा कि जल संसाधन विभाग छोटी-छोटी नदियों को लिंक करने की योजना पर तत्परता से काम करें. हमलोगों का उद्देश्य है कि जो भी योजनाएं चल रही हैं, उसकी पूरी तौर पर निगरानी हो और बेहतर कार्यान्वयन हो.
820 करोड़ रुपये की जीआर की राशि वितरित
इस साल अभी तक 10 लाख 48 हजार बाढ़ पीड़ित परिवारों के बीच 820 करोड़ रुपये की जीआर की राशि उनके खाते में भेजी जा चुकी है. शेष बचे परिवारों के खाते में जल्द से जल्द राशि भेज दी जाएगी. जल संसाधन विभाग ने इस साल कोरोना संक्रमण और बाढ़ के दौरान 300 से ज्यादा जगहों पर मरम्मती या सुदृढीकरण का कार्य किया है. साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि जिन योजनाओं का शिलान्यास कराया गया है उससे समय पूरा करें. इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि साल 2007 में बिहार के 22 जिले बाढ़ से प्रभावित हुए. साल 2008 में कोसी त्रासदी आई, साल 2018, साल 2017 और साल 2010 में भी बाढ़ की स्थिति बनी. इस साल भी नेपाल के तराई क्षेत्रों में भारी बारिश और राज्य के उत्तरी भाग में बारिश के कारण सूबे के 18 जिले के 130 प्रखंड के 1,333 पंचायत के 83 लाख 62 हजार की जनसंख्या बाढ़ से प्रभावित हुई.
उप मुख्यमंत्री भी हुए शामिल कार्यक्रम में शामिल
योजना के उद्घाटन के मौके पर जल संसाधन विभाग की ओर से गंगा जल उवह योजना और अभिनव प्रयोगों पर आधारित एक-एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गई. जिसके बाद सीएम ने कहा कि हमारा सपना है कि हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएं. वहीं, कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी, ऊर्जा, मद्य निषेद उत्पाद एवं निबंधन मंत्री विजेन्द्र प्रसाद यादव, जल संसाधन मंत्री संजय झा, पूर्व जल संसाधन मंत्री सह सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह और सचिव जल संसाधन संजीव हंस ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, नगर एवं विकास मंत्री सुरेश शर्मा, योजना एवं विकास मंत्री महेश्वर हजारी, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला सहित अन्य जन प्रतिनिधिगण जुड़े रहे.
डुमरियाही उप वितरणी नहर का शुभारंभ
वहीं, मधुबनी के डुमरियाही उप वितरणी नहर का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन किया. इसको लेकर हररी और ननौर गांव के बीच आरडी 138 के पास एक भव्य कार्यक्रम किया गया. इस दौरान जिलाधिकारी नीलेश रामचंद्र भी मौजूद थे. बताएं कि इसके निर्माण में 3394.58 लाख रुपए खर्च आयी है. नहर चालू हो जाने से बसबा, धत्ता, डुमरा, रुद्रपुर, नवनगर, कोरियापट्टी, ननौर, डुमरीयाही, जलसेन, मदना ,मदनपट्टी, रही टोल और भगवतीपुर के किसानों को लाभ मिलेगा.