पटनाः सीएम नीतीश कुमार और हरिवंश सिंह की मुलाकात के बाद से बिहार में सियासत तेज हो गई है. एक बार फिर नीतीश कुमार को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं, क्योंकि हरिवंश सिंह पीएम नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार दोनों के करीबी माने जाते हैं. इधर रालोजपा(R) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि नीतीश कुमार को अपनी कुर्सी जाने का डर है. इसलिए अपने विधायकों और सांसद से मुलाकात कर रहे हैं.
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किसके दूत बनकर आए हरिवंशः चिराग पासवान ने कहा कि हमें नहीं पता कि हरिवंश सिंह किसके दूत बनकर गए हैं. नीतीश कुमार से मुलाकात के कई मायने हैं. हरिवंश अपने भविष्य को लेकर के मुलाकात किए या नीतीश कुमार के पास प्रस्ताव लेकर गए हों. हरिवंश सिंह का भी 2024 में कार्यकाल समाप्त हो रहा है. उप सभापति हरिवंश सिंह और नीतीश कुमार के संबंध मधुर नहीं थे. दोनों की मुलाकात भविष्य को लेकर हो सकता है.
नीतीश कुमार कभी भी फैसला ले सकते हैं: नीतीश कुमार को लेकर चिराग पासवान ने साफ कहा कि उनका स्टैंड क्या होगा, आज तक कभी क्लियर नहीं हो पाया है. नीतीश कुमार कब क्या करेंगे, कहां जाएंगे, यह कोई नहीं जानता है. नीतीश कुमार अपनी कुर्सी खोने के डर से तमाम विधायक नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. लेकिन आज तक नीतीश कुमार बिहार के किसी जनता, पीड़ित परिवार से मिलना उचित नहीं समझा, बिहार से उनको कोई मतलब नहीं है.
"मुझें नहीं पता कोई किसकी दूत बनकर आए हैं. मुझें ये नहीं पता कि हरिवंश सिंह सीएम नीतीश कुमार के पास कोई सुझाव लेकर गए हैं या अपने भविष्य के लिए गए हैं. 2024 में उनका भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है. नीतीश कुमार और हरिवंश जी के समबंध उतने मधूर तो नहीं रहे थे. नीतीश कुमार अब सौ प्रतिशत तो नहीं कह सकते हैं कि वे क्या करेंगे. नीतीश कुमार अपनी कुर्सी खोने के डर से विधायकों और सांसदों से मुलाकात कर रहे हैं." - चिराग पासवान, राष्ट्रीय अध्यक्ष, रालोजपा(R)