पटना: सुशांत सिंह राजपूत सुसाइड मामले को लेकर एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने सीएम नीतीश से फोन पर बातचीत की है. उन्होंने सुशांत के मौत की जांच सीबीआई से करवाने की मांग फिर से की. वहीं, इसको लेकर उन्होंने सीएम को फिर से एक लेटर भी लिखा है.
बता दें कि चिराग ने अपने पत्र में कहा है कि पूरा देश सुशांत मामले की जांच में हो रही बिहार और मुंबई पुलिस के बीच खिंचा-तानी को देख रहा है. इस मामले को खत्म करने के लिए वो सीबीआई को जांच सौंपने की अनुसंशा करें. साथ ही चिराग ने कहा कि सुशांत की भाभी ने बताया है कि 5 अगस्त को सप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है. सुशांत केस को पटना से मुंबई ट्रांस्फर करने के संबंध में उससे पहले सीबीआई जांच की सिफारिश बिहार सरकार को कर देना चाहिए.
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लोक जनशक्ति पार्टी @LJP4India के आदरणीय राष्ट्रीय चिराग पासवान जी @iChiragPaswan ने आज सुबह स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के मामले की सी॰बी॰आई॰ जाँच के लिए बिहार के मुख्यमंत्री आदरणीय नीतीश कुमार जी @NitishKumar से फ़ोन पर बात की व मुख्य मंत्री जी को इस संदर्भ में पत्र भी पुनःलिखा। pic.twitter.com/FHMMtjjgI4
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">लोक जनशक्ति पार्टी @LJP4India के आदरणीय राष्ट्रीय चिराग पासवान जी @iChiragPaswan ने आज सुबह स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के मामले की सी॰बी॰आई॰ जाँच के लिए बिहार के मुख्यमंत्री आदरणीय नीतीश कुमार जी @NitishKumar से फ़ोन पर बात की व मुख्य मंत्री जी को इस संदर्भ में पत्र भी पुनःलिखा। pic.twitter.com/FHMMtjjgI4
— Lok Janshakti Party (@LJP4India) August 4, 2020लोक जनशक्ति पार्टी @LJP4India के आदरणीय राष्ट्रीय चिराग पासवान जी @iChiragPaswan ने आज सुबह स्वर्गीय सुशांत सिंह राजपूत के मामले की सी॰बी॰आई॰ जाँच के लिए बिहार के मुख्यमंत्री आदरणीय नीतीश कुमार जी @NitishKumar से फ़ोन पर बात की व मुख्य मंत्री जी को इस संदर्भ में पत्र भी पुनःलिखा। pic.twitter.com/FHMMtjjgI4
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पुलिस अधिकारी के साथ बर्ताव को लेकर पीएम को पत्र लिखने की अपील
इसके अलावे चिराग ने अपने पत्र में नीतीश कुमार से बिहार पुलिस अधिकारी के साथ हुए बर्ताव के लिए पीएम और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपनी आपत्ति और शिकायत करने की भी बात कही है. ताकी कभी आगे ऐसा वाक्या फिर से सामने ना आए. ये पुलिस की कार्रवाई पर ही सवाल उठाने के जैसा है. वो भी एक स्टेट की पुलिस को दूसरे स्टेट की पुलिस सहायता करने के बजाए उसे कार्रवाई करने से रोक रही है.