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Chhath Puja Surya Arghya Mantra: सूर्य को अर्घ्य देने के समय करें इन मंत्रों का जाप, होगा शुभ

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।। ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।। आज अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के समय इन मंत्रों का जाप करने से शुभ होगा. कैसे दें सूर्य को अर्घ्य आगे पढ़ें...

Chhath Puja Surya Arghya mantra
Chhath Puja Surya Arghya mantra
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Published : Nov 10, 2021, 12:27 PM IST

Updated : Nov 10, 2021, 7:22 PM IST

पटना: 8 नवंबर को नहाय खाय, 9 को खरना के बाद आज छठ महापर्व (Chhath Puja 2021) का पहला अर्घ्य है. अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को शाम के वक्त अर्घ्य देने की तैयारी चल रही है. इस दौरान सूर्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya Mantra) का जाप करना न भूलें. इन मंत्रों के उच्चारण से छठी मईया प्रसन्न होती हैं. मनोकामना पूर्ति के लिए ये जाप काफी अहम हैं.

यह भी पढ़ें- छठ महापर्व का 'पहला अर्घ्य' आज, जानें अस्ताचलगामी सूर्य पूजन का महत्व

कहते हैं कि छठ का व्रत महिलाएं संतान के लिए रखती हैं. जिन दांपत्य के घर संतान नहीं होती. वे छठ का व्रत रख छठी मईया से संतान प्राप्ति की इच्छा प्रकट करते हैं और मईया उनकी इच्छा जल्द ही पूरी भी करती है. इस व्रत में सूर्य देवता का विधिवत तरीके से व्रत रखा जाता है. 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और छठी मईया की आरती की जाती है

देखें वीडियो

यह भी पढ़ें- आज आएंगी छठी मईया, जानें सूर्यास्‍त और सूर्योदय का समय

अर्घ्य देते समय सूर्य अर्घ्य मंत्र:

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।

ये भी पढ़ें - चार दिवसीय महापर्व छठ : बुधवार काे डूबते हुए सूर्य देव को दिया जाएगा पहला अर्घ्‍य

10 नवंबर को सूर्योदय का समय 6 बजकर 3 मिनट है. वहीं सूर्यास्त का समय 5 बजकर 3 मिनट है. 11 नवंबर को सूर्योदय का समय 6 बजकर 17 मिनट है. वहीं 5 बजकर 3 मिनट पर सूर्यास्त होगा. अर्घ्य देने के समय इन बातों का खास ख्याल रखें, बांस की टोकरी में सभी सामान रखें. सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएं. फिर नदी में उतरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.

यह भी पढ़ें- Chhath Puja 2021:छठ में चढ़ने वाले इन प्रसादों का है खास महत्व, मईया होती हैं प्रसन्न

अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य (First Arghya Of Chhath Puja) आज दिया जाना है. छठ महापर्व (Chhath Puja 2021 In Bihar) में संध्याकालीन अर्घ्य की विशेष महत्ता है. माना जाता है कि सूर्य षष्ठी यानी कि छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के वक्त सूर्यदेव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए संध्या अर्घ्य देने से प्रत्यूषा को अर्घ्य प्राप्त होता है. सूर्य देवता के मंत्रों से लाभ दोगुना होता है.

यह भी पढ़ें- पटना में बीजेपी नेताओं ने छठ व्रतियों को बांटी पूजन सामग्री, कहा- छठ मैया की कृपा से करता रहूंगा सेवा

बता दें कि चार दिवसीय महापर्व छठ 8 नवंबर 2021 सोमवार को नहाय खाय के साथ ही शुरू हो चुका है. 9 नवंबर मंगलवार के दिन खरना किया गया. 10 नंवबर बुधवार यानी की आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देने की सभी तैयारियां हो चुकी हैं. वहीं 11 नवंबर गुरुवार यानी कि कल उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाएगा.

पटना: 8 नवंबर को नहाय खाय, 9 को खरना के बाद आज छठ महापर्व (Chhath Puja 2021) का पहला अर्घ्य है. अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को शाम के वक्त अर्घ्य देने की तैयारी चल रही है. इस दौरान सूर्य मंत्र (Chhath Puja Surya Arghya Mantra) का जाप करना न भूलें. इन मंत्रों के उच्चारण से छठी मईया प्रसन्न होती हैं. मनोकामना पूर्ति के लिए ये जाप काफी अहम हैं.

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कहते हैं कि छठ का व्रत महिलाएं संतान के लिए रखती हैं. जिन दांपत्य के घर संतान नहीं होती. वे छठ का व्रत रख छठी मईया से संतान प्राप्ति की इच्छा प्रकट करते हैं और मईया उनकी इच्छा जल्द ही पूरी भी करती है. इस व्रत में सूर्य देवता का विधिवत तरीके से व्रत रखा जाता है. 36 घंटे निर्जला व्रत रखने के बाद उगते सूरज को अर्घ्य देने के बाद सूर्य भगवान की पूजा-अर्चना की जाती है और छठी मईया की आरती की जाती है

देखें वीडियो

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अर्घ्य देते समय सूर्य अर्घ्य मंत्र:

ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।

अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।

ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि।

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10 नवंबर को सूर्योदय का समय 6 बजकर 3 मिनट है. वहीं सूर्यास्त का समय 5 बजकर 3 मिनट है. 11 नवंबर को सूर्योदय का समय 6 बजकर 17 मिनट है. वहीं 5 बजकर 3 मिनट पर सूर्यास्त होगा. अर्घ्य देने के समय इन बातों का खास ख्याल रखें, बांस की टोकरी में सभी सामान रखें. सूर्य को अर्घ्य देते समय सारा प्रसाद सूप में रखें और सूप में ही दीपक जलाएं. फिर नदी में उतरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें.

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अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य (First Arghya Of Chhath Puja) आज दिया जाना है. छठ महापर्व (Chhath Puja 2021 In Bihar) में संध्याकालीन अर्घ्य की विशेष महत्ता है. माना जाता है कि सूर्य षष्ठी यानी कि छठ पूजा के तीसरे दिन शाम के वक्त सूर्यदेव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ रहते हैं. इसलिए संध्या अर्घ्य देने से प्रत्यूषा को अर्घ्य प्राप्त होता है. सूर्य देवता के मंत्रों से लाभ दोगुना होता है.

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बता दें कि चार दिवसीय महापर्व छठ 8 नवंबर 2021 सोमवार को नहाय खाय के साथ ही शुरू हो चुका है. 9 नवंबर मंगलवार के दिन खरना किया गया. 10 नंवबर बुधवार यानी की आज अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य देने की सभी तैयारियां हो चुकी हैं. वहीं 11 नवंबर गुरुवार यानी कि कल उदयीमान सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसके साथ ही छठ पूजा का समापन हो जाएगा.

Last Updated : Nov 10, 2021, 7:22 PM IST
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