पटना: सारण में इस बार पांचवें चरण में मतदान होगा, लेकिन लालू परिवार का गढ़ होने के चलते यह सीट एक बार फिर हॉट केक बन गया है. लालू यहां से कई बार चुनाव लड़ चुके हैं. लालू के बाद राबड़ी देवी ने भी पिछला चुनाव यहीं से लड़ा थाऔर इस बार तेज प्रताप यादव के ससुर चंद्रिका राय के यहां से चुनाव लड़ने की संभावना है.
सारण में 6 विधानसभा सीटें
जेपी और भिखारी ठाकुर की भूमि सारण पिछले करीब तीन दशक से बीजेपी और राजद के बीच राजनीतिक संघर्ष का गवाह रही है. सारण लोकसभा में सोनपुर, छपरा, मढ़ौरा, गरखा, अमनौर और परसा को मिलाकर कुल 6 विधानसभा सीटें हैं. पिछले तीन दशक से यहां राजद और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला होता रहा है.
सारण लोकसभा का राजनीतिक परिचय
लालू यादव पहली बार 1977 में यहां से चुनाव जीते थे. उसके बाद वे 1989, 2004 और 2009 में यहां से जीते. जबकि वर्तमान सांसद राजीव प्रताप रूडी सारण से 1996, 1999 और 2014 में चुनाव जीते. पिछली बार लालू की गैरहाजिरी में राबड़ी देवी ने सारण से चुनाव लड़ा था, लेकिन राबड़ी देवी बीजेपी के राजीव प्रताप रूडी से करीब 41000 वोटों से चुनाव हार गई थीं.
चंद्रिका राय को मिल सकता है टिकट
सूत्रों के अनुसार, इस बार राबड़ी देवी चुनाव नहीं लड़ रही हैं. उनकी जगह पर राष्ट्रीय जनता दल चंद्रिका राय को सारण सीट से उम्मीदवार बना सकता है, आपको बता दें कि चंद्रिका राय सारण जिले के परसा से विधायक हैं और लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव के ससुर भी हैं. हालांकि चंद्रिका राय की उम्मीदवारी को लेकर राजद का कोई नेता बोलने को तैयार नहीं है.
'राजद में अंतर्कलह चरम पर'
सूत्रों के मुताबिक लालू यादव की तरफ से चंद्रिका राय को हरी झंडी मिल चुकी है और वे लगातार अपने क्षेत्र में भ्रमण कर रहे हैं. सारण से एक बार फिर बीजेपी की ओर से राजीव प्रताप रूडी एनडीए के प्रत्याशी होंगे. बीजेपी का कहना है की राजद में अंतर्कलह चरम पर है. विशेष रूप से लालू परिवार में भी काफी अंतर्कलह है और इसी को कम करने के लिए चंद्रिका राय को उम्मीदवार बनाया गया है.