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शराबबंदी को लेकर बैकफुट पर सरकार, पहली बार शराब पीकर जेल गए लोगों को भी बिना शर्त करे रिहा : LJP(R) - शराबबंदी कानून में बदलाव

बिहार में शराबबंदी (Liquor Ban In Bihar) हुए 6 साल हो चुके हैं. लेकिन इसकी सफलता पर आज भी सवाल उठ रहे हैं. शराबबंदी पर चौतरफा विरोध से घिरी राज्य सरकार ने इस कानून में कुछ बदलाव का फैसला लिया है. जिस पर विपक्ष एक बार फिर ये कहने लगा है कि आखिरकार सरकार शराबबंदी कानून को धरातल पर सही तरीके से नहीं उतर सकी और अपना कदम पीछे हटा लिया. पढ़ें पूरी खबर....

लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह
लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह
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Published : Mar 9, 2022, 12:35 PM IST

Updated : Mar 9, 2022, 1:47 PM IST

पटनाः बिहार कैबिनेट से मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति मिल गई है. इस अधिनियम के तहत शराबबंदी कानून में बदलाव किया जाएगा. इसे लेकर लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह (Chandan Singh On Changes In Liquor Prohibition Law) ने राज्य सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की गलत शराब नीति धरातल पर नहीं उतर सकी, जिस वजह से राज्य सरकार अपना कदम पीछे खींच रही है.

ये भी पढ़ेंः अब बिहार में शराब पीकर पकड़े गये तो नहीं जाना होगा कोर्ट, एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट से मिल जायेगी बेल

'शराबबंदी कानून में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे परिवर्तन को लेकर बदलाव के प्रस्ताव पर राज्य मंत्री परिषद की मुहर स्पष्ट दिखाती है. सरकार की गलत शराब नीति धरातल पर नहीं उतर सकी जिस वजह से राज्य सरकार अपनी कदम को पीछे खींच रही है. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून में बदलाव का निर्णय लिया है'- चंदन सिंह, लोजपा(आर) प्रवक्ता


ये भी पढ़ें: तो क्या राजस्थान में लागू होगा नीतीश का शराबबंदी मॉडल! CM से मुलाकात के बाद 5 सदस्यीय टीम ने दिए संकेत

लोजपा(आर) प्रवक्ता चंदन सिंह (LJP R spokesperson Chandan Singh) ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराबबंदी कानून के तहत पौने चार लाख लोग अब तक जेल जा चुके हैं. बिहार की जेलो में कैदी के रखने की क्षमता से अधिक कैदी मौजूदा वक्त में हैं. शराबबंदी कानून से सबसे ज्यादा अगर कोई वर्ग प्रताड़ित हुआ है तो वह दलित समाज है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन सरकार के संरक्षण में अवैध शराब की भर्तियां चल रही थी. इसमें गरीब और दलित को बेवजह फंसाया गया है.

ये भी पढ़ें: शराब से जुड़े मामलों का कोर्ट में ट्रायल शुरू, फरवरी महीने में पड़े 68 हजार 947 छापे

लोजपा ने राज्य सरकार से मांग किया है कि कैबिनेट में जो फैसला लिया गया है इसके साथ-साथ एक और फैसला ले लेना चाहिए था कि जो पहली बार शराब पीने की वजह से जेल में बंद हैं, उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए. राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून के तहत हेलीकॉप्टर ड्रोन वोट से कड़ाई करने की कोशिश की है. लेकिन इसके बावजूद भी शराब की बड़ी-बड़ी खेप बिहार में बरामद हो रही है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से बिहार में शराब पहुंच रही है.

बता दें कि बिहार में शराबबंदी को लेकर बार-बार विपक्ष के विरोध और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को देखते हुए राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून में बदलाव का फैसला किया है. इसे लेकर बिहार कैबिनेट से मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति भी मिल गई है. इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीते हुए पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्ति को एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. शराब बेचने वाले दुकानदार का नाम बताने पर मामूली फाइन लेकर जमानत दे दी जायेगी.

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पटनाः बिहार कैबिनेट से मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति मिल गई है. इस अधिनियम के तहत शराबबंदी कानून में बदलाव किया जाएगा. इसे लेकर लोजपा प्रवक्ता चंदन सिंह (Chandan Singh On Changes In Liquor Prohibition Law) ने राज्य सराकर पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकार की गलत शराब नीति धरातल पर नहीं उतर सकी, जिस वजह से राज्य सरकार अपना कदम पीछे खींच रही है.

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'शराबबंदी कानून में राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे परिवर्तन को लेकर बदलाव के प्रस्ताव पर राज्य मंत्री परिषद की मुहर स्पष्ट दिखाती है. सरकार की गलत शराब नीति धरातल पर नहीं उतर सकी जिस वजह से राज्य सरकार अपनी कदम को पीछे खींच रही है. सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून में बदलाव का निर्णय लिया है'- चंदन सिंह, लोजपा(आर) प्रवक्ता


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लोजपा(आर) प्रवक्ता चंदन सिंह (LJP R spokesperson Chandan Singh) ने राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि शराबबंदी कानून के तहत पौने चार लाख लोग अब तक जेल जा चुके हैं. बिहार की जेलो में कैदी के रखने की क्षमता से अधिक कैदी मौजूदा वक्त में हैं. शराबबंदी कानून से सबसे ज्यादा अगर कोई वर्ग प्रताड़ित हुआ है तो वह दलित समाज है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन सरकार के संरक्षण में अवैध शराब की भर्तियां चल रही थी. इसमें गरीब और दलित को बेवजह फंसाया गया है.

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लोजपा ने राज्य सरकार से मांग किया है कि कैबिनेट में जो फैसला लिया गया है इसके साथ-साथ एक और फैसला ले लेना चाहिए था कि जो पहली बार शराब पीने की वजह से जेल में बंद हैं, उन्हें बिना शर्त रिहा किया जाए. राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून के तहत हेलीकॉप्टर ड्रोन वोट से कड़ाई करने की कोशिश की है. लेकिन इसके बावजूद भी शराब की बड़ी-बड़ी खेप बिहार में बरामद हो रही है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि सरकार और प्रशासन की मिलीभगत से बिहार में शराब पहुंच रही है.

बता दें कि बिहार में शराबबंदी को लेकर बार-बार विपक्ष के विरोध और सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को देखते हुए राज्य सरकार ने शराबबंदी कानून में बदलाव का फैसला किया है. इसे लेकर बिहार कैबिनेट से मद्य निषेध एवं उत्पाद संशोधन अधिनियम 2022 को स्वीकृति भी मिल गई है. इस अधिनियम में संशोधन होने के बाद शराब पीते हुए पकड़े जाने पर संबंधित व्यक्ति को एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया जाएगा. शराब बेचने वाले दुकानदार का नाम बताने पर मामूली फाइन लेकर जमानत दे दी जायेगी.

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Last Updated : Mar 9, 2022, 1:47 PM IST
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