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Lockdown Effect: कभी परोसते थे लजीज व्यंजन, अब दाने-दाने को मोहताज - बिहार अनलॉक नियम

जिंदगी कर्ज में डूब रही है. काम नहीं है कि कुछ पैसे कमाएं. पास में रुपए नहीं है कि घर पर राशन ला सकें. भोजन का खर्च भी लोगों से मांगे गए कुछ रुपयों की वजह से चल रहा है. कैटरिंग सर्विस से जुड़े लोगों के पास घर का किराया देने तक को पैसे नहीं बचे हैं. बड़ी मुश्किल से अपनी ज़िंदगी गुजार रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

कर्ज में डूबी जिंदगी
कर्ज में डूबी जिंदगी
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Published : Jun 14, 2021, 8:27 PM IST

पटना: कभी दूसरों को लजीज खाना परोसने वाले लोग आज भूखे हैं. शादी ब्याह में लोगों के घर उजियारा लाने वाले लोग घर का किराया भी नहीं दे पा रहे हैं. दो साल से उन्हें लॉकडाउन (Lockdown) ने झकझोर दिया है.

शादी ब्याह में सीमित लोगों के शामिल होने के नियम ने उन्हें माली हालत से कमजोर कर दिया है. पटना के कैटरिंग सर्विसेज (Catering Services In Patna) के साथ काम करनेवाले कर्मियों का हाल बुरा है. लोग दाने-दाने को मोहताज हो चुके हैं.

सबका कहना है, अब तो 20 लोग शादी में शामिल हो रहे हैं, कैटरर्स में काम करने वाले कर्मी कैसे जाएंगे. कम लोगों को तो कैटरर्स वाले एक दो लोग ही खाना खिला दे रहे हैं. हम जैसे लोगों के पेट पर तो लात पड़ी है.

यह भी पढ़ें- Lockdown Effect: बोधगया में कोरोना महामारी से पर्यटन उद्योग तबाह, अब तक 200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

कैटरिंग सर्विस में काम करने वाले लोगों की हालत तंग
कोरोना काल के दौरान कई उद्योग प्रभावित (Industry affected during Corona period) हुए हैं. ऐसे में शादी-विवाह या अन्य समारोह में मुख्य आकर्षण रहने वाले कैटरर्स का उद्योग (Catering Service Industry) भी अछूता नहीं रहा.

कैटरिंग सर्विसेज में काम करने वाले कुछ लोग बताते हैं कि पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन की मार अभी तक वे झेल रहे थे कि इस साल भी लॉकडाउन ने उनकी कमर ही तोड़ दी है. हालत यह हैं कि लोगों के घरों में राशन का एक दाना भी मौजूद नहीं है. इधर-उधर से कर्ज मांग कर वे रोज अपने और अपने परिवार के खाने का इंतजाम कर रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

परिवार का पेट पालना तक हुआ मुश्किल
दरअसल, दूसरों की शादियों या फिर अन्य समारोहों का मुख्य आकर्षण रहने वाले कैटरर्स के कर्मी इन दिनों काफी परेशान हैं. इनका कहना है कि शादी विवाह और अन्य समारोहों में आए लोगों को यह स्वादिष्ट व्यंजन परोसा करते थे. लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि इन लोगों को अपना और अपने परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो रहा है.

इस काम से जुड़े लोग बताते हैं कि इस काम से हजारों और लाखों लोग जुड़े हैं. पिछले वर्ष के लॉकडाउन से अभी तक इस काम से जुड़े लोग नहीं उबरे हैं. इस साल भी लॉकडाउन ने उनका कमर तोड़ कर रख दिया है.

घर के हालात के बारे में आपस में बातें करतीं गृहणियां
घर के हालात के बारे में आपस में बातें करतीं गृहणियां
खाली पड़े बर्तन
खाली पड़े बर्तन

'महीने के 12 से 15 हजार रुपए कमाते थे. आज इधर-उधर से कर्ज मांग कर अपने परिवार का पेट पालना पड़ रहा है. समय बिताने के लिए ग्रुप के लोगों के साथ क्रिकेट खेलते हैं. हमने काम करना ही सीखा है. आज के समय में जब हमारे पास काम नहीं है, तो खाली समय कटता नहीं है. जिस कारण क्रिकेट खेल कर वक्त गुजारना पड़ता है.' -विक्की

केटरिंग सर्विसेज में काम करनेवाले कर्मियों के घर
केटरिंग सर्विसेज में काम करनेवाले कर्मियों के घर

'महीने में अमूमन 15 से 20 शादी समारोह में दर्जनों लड़कों को कैटरिंग का काम करवाया करते थे. हाल के दिनों की स्थिति को देखते हुए लोगों ने शादी विवाह या अन्य समारोह में कैटरर्स को बुलाना भी बंद कर दिया है. क्योंकि सरकार ने शादी-विवाह या अन्य समारोह के लिए सीमित लोगों के आने का आदेश रखा था. ऐसे में सीमित लोगों को खाना खिलाने के लिए लोग कैटरर्स को बुलाना नहीं चाहते.' -रंजन

यह भी पढ़ें- Lockdown Effect: पटना में अंडों और चिकेन का धंधा हुआ मंदा, व्यवसायी परेशान

'मेरे पति कैटरिंग का काम करते थे. इस काम से हर दिन 500 से 700 रुपए कमा कर लाया करते थे. आज लोग कैटरर्स को नहीं बुलाते. जिस कारण घर चलाना तक मुश्किल हो गया है. हालात ये हैं कि घर खर्च चल नहीं पा रहा है. दूसरी ओर मकान का किराया देने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.' -गीता देवी, गृहणी

केटरिंग सर्विसेज में काम करनेवाले कर्मियों के घर
केटरिंग सर्विसेज में काम करनेवाले कर्मियों के घर

'जब भी स्थिति सुधारने का ख्वाब देखते हैं, तब बढ़ती महामारी के कारण सरकार लॉकडाउन लगा देती है. ऐसे में ख्वाब बस ख्वाब ही रह जाता है. ना जाने कब संक्रमण का दौर खत्म होगा. कब एक बार पहले जैसी रौनक शादी-विवाह या अन्य समारोह में नजर आएगी. माली हालत काफी बुरी हो चुकी है. पिछले साल का कर्ज भी नहीं चुका सका.' -जय, कैटरर

20 लोग ही शादी समारोह में हो सकेंगे शामिल
बिहार में 9 जून से अनलॉक शुरू कर दिया गया है. लेकिन पाबंदियां अभी भी हैं. सभी दुकानें दिन में खुली रहेंगी, लेकिन शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. सीएम नीतीश कुमार ने आदेश जारी किया कि सभी को कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना होगा. बता दें कि अभी भी शादी समारोह में 20 लोगों के शामिल होने का नियम अब भी जारी है.

अनलॉक-1 से जुड़े कुछ नियम
अनलॉक-1 से जुड़े कुछ नियम

किस दिन खुलेगी कौन सी दुकान
पटना डीएम ने एक-एक दिन के अंतराल पर दुकान खोलने की इजाजत दी है. प्रतिदिन खुलने वाले दुकानों में किराना दुकान, सब्जी मंडी, फल, अनाज मंडी, उर्वरक, पेट्रोल पम्प, पीडीएस, बीज, कीटनाशक, डेयरी, मीट-मछली की दुकानें शामिल हैं. सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को खुलने वाली दुकानों में इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, गुड्स, सैलून, पार्लर, ऑटोमोबाइल, स्टेशनरी की दुकानें शामिल हैं.

रसोई में सारे बर्तन पड़े हैं खाली
रसोई में सारे बर्तन पड़े हैं खाली

मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को खुलने वाली दुकानें
मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को पटना में कपड़े की दुकानें, सोना-चांदी की दुकानें, बर्तन की दुकानें, ड्राई क्लीनर, जूता-चप्पल, निर्माण सामग्री, बालू, गिट्टी, सीमेंट की दुकानें शामिल हैं. पूरे राज्य के लिए समान नियम हैं.

काम नहीं है तो खेल रहे हैं क्रिकेट
काम नहीं है तो खेल रहे हैं क्रिकेट

जान लें अनलॉक-1 से जुड़े ये कुछ नियम

  • 9 मई से 15 मई तक बिहार में रहेगा नाइट कर्फ्यू
  • शादी-विवाह में 20 की संख्या में ही लोग होंगे शामिल
  • निजी एवं सरकारी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारी ही करेंगे काम
  • कार्यालय शाम 4 बजे तक खोले जाने का जारी हुआ है आदेश
  • सरकारी कार्यालय में आगंतुकों का प्रवेश वर्जित
  • अल्टरनेट डे के नियम से शाम के 5 बजे तक खुलेंगी दुकानें
  • सार्वजनिक वाहनों में 50 फीसदी ही लोग कर सकते हैं सफर
  • सभी कोचिंग, स्कूल, कॉलेज संस्थान रहेंगे बंद
  • ऑनलाइन ही शिक्षण देने की रहेगी व्यवस्था
  • सड़कों पर निकलने वाले लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य
  • होम डिलिवरी के लिए सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक खुलेंगे रेस्टोरेंट

यह भी पढ़ें- आज से अनलॉक हुआ बिहार, घर से बाहर निकलने से पहले जान लें नई गाइडलाइन

पटना: कभी दूसरों को लजीज खाना परोसने वाले लोग आज भूखे हैं. शादी ब्याह में लोगों के घर उजियारा लाने वाले लोग घर का किराया भी नहीं दे पा रहे हैं. दो साल से उन्हें लॉकडाउन (Lockdown) ने झकझोर दिया है.

शादी ब्याह में सीमित लोगों के शामिल होने के नियम ने उन्हें माली हालत से कमजोर कर दिया है. पटना के कैटरिंग सर्विसेज (Catering Services In Patna) के साथ काम करनेवाले कर्मियों का हाल बुरा है. लोग दाने-दाने को मोहताज हो चुके हैं.

सबका कहना है, अब तो 20 लोग शादी में शामिल हो रहे हैं, कैटरर्स में काम करने वाले कर्मी कैसे जाएंगे. कम लोगों को तो कैटरर्स वाले एक दो लोग ही खाना खिला दे रहे हैं. हम जैसे लोगों के पेट पर तो लात पड़ी है.

यह भी पढ़ें- Lockdown Effect: बोधगया में कोरोना महामारी से पर्यटन उद्योग तबाह, अब तक 200 करोड़ से ज्यादा का नुकसान

कैटरिंग सर्विस में काम करने वाले लोगों की हालत तंग
कोरोना काल के दौरान कई उद्योग प्रभावित (Industry affected during Corona period) हुए हैं. ऐसे में शादी-विवाह या अन्य समारोह में मुख्य आकर्षण रहने वाले कैटरर्स का उद्योग (Catering Service Industry) भी अछूता नहीं रहा.

कैटरिंग सर्विसेज में काम करने वाले कुछ लोग बताते हैं कि पिछले वर्ष लगे लॉकडाउन की मार अभी तक वे झेल रहे थे कि इस साल भी लॉकडाउन ने उनकी कमर ही तोड़ दी है. हालत यह हैं कि लोगों के घरों में राशन का एक दाना भी मौजूद नहीं है. इधर-उधर से कर्ज मांग कर वे रोज अपने और अपने परिवार के खाने का इंतजाम कर रहे हैं.

देखें पूरी रिपोर्ट

परिवार का पेट पालना तक हुआ मुश्किल
दरअसल, दूसरों की शादियों या फिर अन्य समारोहों का मुख्य आकर्षण रहने वाले कैटरर्स के कर्मी इन दिनों काफी परेशान हैं. इनका कहना है कि शादी विवाह और अन्य समारोहों में आए लोगों को यह स्वादिष्ट व्यंजन परोसा करते थे. लेकिन आज हालात ऐसे हैं कि इन लोगों को अपना और अपने परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो रहा है.

इस काम से जुड़े लोग बताते हैं कि इस काम से हजारों और लाखों लोग जुड़े हैं. पिछले वर्ष के लॉकडाउन से अभी तक इस काम से जुड़े लोग नहीं उबरे हैं. इस साल भी लॉकडाउन ने उनका कमर तोड़ कर रख दिया है.

घर के हालात के बारे में आपस में बातें करतीं गृहणियां
घर के हालात के बारे में आपस में बातें करतीं गृहणियां
खाली पड़े बर्तन
खाली पड़े बर्तन

'महीने के 12 से 15 हजार रुपए कमाते थे. आज इधर-उधर से कर्ज मांग कर अपने परिवार का पेट पालना पड़ रहा है. समय बिताने के लिए ग्रुप के लोगों के साथ क्रिकेट खेलते हैं. हमने काम करना ही सीखा है. आज के समय में जब हमारे पास काम नहीं है, तो खाली समय कटता नहीं है. जिस कारण क्रिकेट खेल कर वक्त गुजारना पड़ता है.' -विक्की

केटरिंग सर्विसेज में काम करनेवाले कर्मियों के घर
केटरिंग सर्विसेज में काम करनेवाले कर्मियों के घर

'महीने में अमूमन 15 से 20 शादी समारोह में दर्जनों लड़कों को कैटरिंग का काम करवाया करते थे. हाल के दिनों की स्थिति को देखते हुए लोगों ने शादी विवाह या अन्य समारोह में कैटरर्स को बुलाना भी बंद कर दिया है. क्योंकि सरकार ने शादी-विवाह या अन्य समारोह के लिए सीमित लोगों के आने का आदेश रखा था. ऐसे में सीमित लोगों को खाना खिलाने के लिए लोग कैटरर्स को बुलाना नहीं चाहते.' -रंजन

यह भी पढ़ें- Lockdown Effect: पटना में अंडों और चिकेन का धंधा हुआ मंदा, व्यवसायी परेशान

'मेरे पति कैटरिंग का काम करते थे. इस काम से हर दिन 500 से 700 रुपए कमा कर लाया करते थे. आज लोग कैटरर्स को नहीं बुलाते. जिस कारण घर चलाना तक मुश्किल हो गया है. हालात ये हैं कि घर खर्च चल नहीं पा रहा है. दूसरी ओर मकान का किराया देने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.' -गीता देवी, गृहणी

केटरिंग सर्विसेज में काम करनेवाले कर्मियों के घर
केटरिंग सर्विसेज में काम करनेवाले कर्मियों के घर

'जब भी स्थिति सुधारने का ख्वाब देखते हैं, तब बढ़ती महामारी के कारण सरकार लॉकडाउन लगा देती है. ऐसे में ख्वाब बस ख्वाब ही रह जाता है. ना जाने कब संक्रमण का दौर खत्म होगा. कब एक बार पहले जैसी रौनक शादी-विवाह या अन्य समारोह में नजर आएगी. माली हालत काफी बुरी हो चुकी है. पिछले साल का कर्ज भी नहीं चुका सका.' -जय, कैटरर

20 लोग ही शादी समारोह में हो सकेंगे शामिल
बिहार में 9 जून से अनलॉक शुरू कर दिया गया है. लेकिन पाबंदियां अभी भी हैं. सभी दुकानें दिन में खुली रहेंगी, लेकिन शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा. सीएम नीतीश कुमार ने आदेश जारी किया कि सभी को कोरोना गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना होगा. बता दें कि अभी भी शादी समारोह में 20 लोगों के शामिल होने का नियम अब भी जारी है.

अनलॉक-1 से जुड़े कुछ नियम
अनलॉक-1 से जुड़े कुछ नियम

किस दिन खुलेगी कौन सी दुकान
पटना डीएम ने एक-एक दिन के अंतराल पर दुकान खोलने की इजाजत दी है. प्रतिदिन खुलने वाले दुकानों में किराना दुकान, सब्जी मंडी, फल, अनाज मंडी, उर्वरक, पेट्रोल पम्प, पीडीएस, बीज, कीटनाशक, डेयरी, मीट-मछली की दुकानें शामिल हैं. सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को खुलने वाली दुकानों में इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स, गुड्स, सैलून, पार्लर, ऑटोमोबाइल, स्टेशनरी की दुकानें शामिल हैं.

रसोई में सारे बर्तन पड़े हैं खाली
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मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को खुलने वाली दुकानें
मंगलवार, गुरुवार और शनिवार को पटना में कपड़े की दुकानें, सोना-चांदी की दुकानें, बर्तन की दुकानें, ड्राई क्लीनर, जूता-चप्पल, निर्माण सामग्री, बालू, गिट्टी, सीमेंट की दुकानें शामिल हैं. पूरे राज्य के लिए समान नियम हैं.

काम नहीं है तो खेल रहे हैं क्रिकेट
काम नहीं है तो खेल रहे हैं क्रिकेट

जान लें अनलॉक-1 से जुड़े ये कुछ नियम

  • 9 मई से 15 मई तक बिहार में रहेगा नाइट कर्फ्यू
  • शादी-विवाह में 20 की संख्या में ही लोग होंगे शामिल
  • निजी एवं सरकारी कार्यालयों में 50 फीसदी कर्मचारी ही करेंगे काम
  • कार्यालय शाम 4 बजे तक खोले जाने का जारी हुआ है आदेश
  • सरकारी कार्यालय में आगंतुकों का प्रवेश वर्जित
  • अल्टरनेट डे के नियम से शाम के 5 बजे तक खुलेंगी दुकानें
  • सार्वजनिक वाहनों में 50 फीसदी ही लोग कर सकते हैं सफर
  • सभी कोचिंग, स्कूल, कॉलेज संस्थान रहेंगे बंद
  • ऑनलाइन ही शिक्षण देने की रहेगी व्यवस्था
  • सड़कों पर निकलने वाले लोगों को मास्क लगाना अनिवार्य
  • होम डिलिवरी के लिए सुबह 9 बजे से रात 9 बजे तक खुलेंगे रेस्टोरेंट

यह भी पढ़ें- आज से अनलॉक हुआ बिहार, घर से बाहर निकलने से पहले जान लें नई गाइडलाइन

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