ETV Bharat / state

Caste Census Survey Report: बिहार से बाहर रहते हैं 53 लाख लोग, पलायन रोकना सरकार के लिए बड़ी चुनौती

बिहार सरकार ने जातीय गणना की सर्वे रिपोर्ट विधानसभा में पेश की है. उसमें खुलासा हुआ है बिहार से नौकरी और रोजगार के लिए 45 लाख 78 हजार से अधिक लोग दूसरे राज्यों में हैं. 5 लाख 15 हजार 978 लोग शिक्षा के लिए दूसरे राज्यों में हैं. राज्य के बाहर अलावे दूसरे देशों में भी 2 लाख 17 हजार लोग रोजगार और शिक्षा के लिए गये हुए हैं. अब इस रिपोर्ट पर सियासत जारी है. पढ़ें, विस्तार से.

Caste Census
Caste Census
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : Nov 13, 2023, 7:49 PM IST

पलायन के मुद्दे पर राजनीति तेज.

पटना: बिहार में छठ पूजा का विशेष महत्व है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर से होगी. समापन 20 नवंबर को होगा. छठ पर्व मनाने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौटते ही हैं. इस दौरान महानगरों के स्टेशनों पर जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है. बिहार आने वाले हवाई जहाज का किराया भी विदेश जाने के मुकाबले काफी अधिक होता है. इसका कारण बड़ी संख्या में बिहार से बाहर रहनेवाले लोग बताये जाते हैं. इसको लेकर लंबे समय से राजनीति चल रही है.

आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के आंकड़ेः बिहार में पलायन का दर्द काफी पुराना है. मगर इस वक्त छठ को लेकर घर लौट रहे लोगों की भीड़ को देखकर फिर से यह दर्द उठा है. इसका कारण है 7 नवंबर को विधानसभा में पेश की गयी जाति गणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट. दरअसल इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 53 लाख 10 हजार 978 लोग बिहार से बाहर दूसरे राज्य या फिर दूसरे देश में रोजगार या शिक्षा के लिये गये पलायन कर गये हैं.

ETV graphics.
ETV graphics.



"कोरोना के समय भी स्किल मैपिंग की गई थी. हालांकि उसके आधार पर बहुत कुछ नहीं किया गया. प्लान रोकने के लिए और अब तो ऑथेंटिक डाटा सरकार के पास आ गया है. उच्च वेतन के लिए लोग बाहर जाएं तो अच्छी बात है. लेकिन, 15 000 रुपए के लिए बाहर जा रहे हैं तो ऐसे में सरकार को औद्योगिक क्षेत्र पर ध्यान देना होगा. कृषि पर पहले से ही काफी भार है."- एनके चौधरी, अर्थ शास्त्री

पलायन पर राजनीतिः इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पलायन को लेकर राजनीति भी जारी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार का कहना है कि सरकार लगातार कहती रही है कि पलायन कम हो गया है. लेकिन, सरकार के आंकड़ों से ही साफ है कि पलायन रुका नहीं है. अब सरकार को इस पर काम करना चाहिए. जो आंकड़े उपलब्ध हुए हैं उसके बाद इस पर काम करना चाहिए.

ETV graphics.
ETV graphics.

"सरकार ने जब जातीय करना की रिपोर्ट तैयार करवाई है, आगे उस पर योजना भी बनेगी. जो भी वंचित हैं पिछड़े हैं, उन्हें मुख्य धारा में लाया जाएगा. पलायन रोकने पर भी काम होगा."- मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता

केंद्र सरकार पर फोड़ा ठीकराः जदयू कोटे के मंत्री श्रवण कुमार ने बिहार से पलायन के कारण का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है. श्रवण कुमार का कहना है कि सक्षम लोग पलायन कर रहे हैं कोई गलत बात नहीं है. लेकिन, मनरेगा के मजदूर पलायन कर रहे हैं यह चिंता की बात है. मंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिहार के मनरेगा विभाग का पैसा रोक कर रखी है, इस गरीब पलायन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह हम लोगों के लिए चिंता की बात है.

ETV graphics.
ETV graphics.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Assembly Winter Session: जातीय गणना की डिटेल रिपोर्ट सदन में पेश, CM बोले- सबकी राय से हुआ सर्वे

इसे भी पढ़ेंः कोसी-सीमांचल से हजारों मजदूरों का पलायन शुरू, कब थमेगा ये सिलसिला?

इसे भी पढ़ेंः बिहार में पलायन का दर्द: आखिर बिहार से क्यों होता है इतना पलायन?

इसे भी पढ़ेंः Bihar Migration Problem: दूसरे राज्यों में पिटाई के बाद पलायन पर होती है पॉलिटिक्स, निदान किसके पास ?

इसे भी पढ़ेंः Bhojpuri Song: 'पलायन के दंश' को बयां करता गाना 'पेट के खातिर' रिलीज..गायक भाई अंकुश-राजा की नई पेशकश

पलायन के मुद्दे पर राजनीति तेज.

पटना: बिहार में छठ पूजा का विशेष महत्व है. चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व की शुरुआत 17 नवंबर से होगी. समापन 20 नवंबर को होगा. छठ पर्व मनाने के लिए बड़ी संख्या में प्रवासी घर लौटते ही हैं. इस दौरान महानगरों के स्टेशनों पर जबरदस्त भीड़ देखने को मिलती है. बिहार आने वाले हवाई जहाज का किराया भी विदेश जाने के मुकाबले काफी अधिक होता है. इसका कारण बड़ी संख्या में बिहार से बाहर रहनेवाले लोग बताये जाते हैं. इसको लेकर लंबे समय से राजनीति चल रही है.

आर्थिक सर्वे रिपोर्ट के आंकड़ेः बिहार में पलायन का दर्द काफी पुराना है. मगर इस वक्त छठ को लेकर घर लौट रहे लोगों की भीड़ को देखकर फिर से यह दर्द उठा है. इसका कारण है 7 नवंबर को विधानसभा में पेश की गयी जाति गणना और आर्थिक सर्वे रिपोर्ट. दरअसल इस रिपोर्ट में बताया गया है कि कुल 53 लाख 10 हजार 978 लोग बिहार से बाहर दूसरे राज्य या फिर दूसरे देश में रोजगार या शिक्षा के लिये गये पलायन कर गये हैं.

ETV graphics.
ETV graphics.



"कोरोना के समय भी स्किल मैपिंग की गई थी. हालांकि उसके आधार पर बहुत कुछ नहीं किया गया. प्लान रोकने के लिए और अब तो ऑथेंटिक डाटा सरकार के पास आ गया है. उच्च वेतन के लिए लोग बाहर जाएं तो अच्छी बात है. लेकिन, 15 000 रुपए के लिए बाहर जा रहे हैं तो ऐसे में सरकार को औद्योगिक क्षेत्र पर ध्यान देना होगा. कृषि पर पहले से ही काफी भार है."- एनके चौधरी, अर्थ शास्त्री

पलायन पर राजनीतिः इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पलायन को लेकर राजनीति भी जारी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार का कहना है कि सरकार लगातार कहती रही है कि पलायन कम हो गया है. लेकिन, सरकार के आंकड़ों से ही साफ है कि पलायन रुका नहीं है. अब सरकार को इस पर काम करना चाहिए. जो आंकड़े उपलब्ध हुए हैं उसके बाद इस पर काम करना चाहिए.

ETV graphics.
ETV graphics.

"सरकार ने जब जातीय करना की रिपोर्ट तैयार करवाई है, आगे उस पर योजना भी बनेगी. जो भी वंचित हैं पिछड़े हैं, उन्हें मुख्य धारा में लाया जाएगा. पलायन रोकने पर भी काम होगा."- मृत्युंजय तिवारी, आरजेडी प्रवक्ता

केंद्र सरकार पर फोड़ा ठीकराः जदयू कोटे के मंत्री श्रवण कुमार ने बिहार से पलायन के कारण का ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ा है. श्रवण कुमार का कहना है कि सक्षम लोग पलायन कर रहे हैं कोई गलत बात नहीं है. लेकिन, मनरेगा के मजदूर पलायन कर रहे हैं यह चिंता की बात है. मंत्री ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बिहार के मनरेगा विभाग का पैसा रोक कर रखी है, इस गरीब पलायन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह हम लोगों के लिए चिंता की बात है.

ETV graphics.
ETV graphics.

इसे भी पढ़ेंः Bihar Assembly Winter Session: जातीय गणना की डिटेल रिपोर्ट सदन में पेश, CM बोले- सबकी राय से हुआ सर्वे

इसे भी पढ़ेंः कोसी-सीमांचल से हजारों मजदूरों का पलायन शुरू, कब थमेगा ये सिलसिला?

इसे भी पढ़ेंः बिहार में पलायन का दर्द: आखिर बिहार से क्यों होता है इतना पलायन?

इसे भी पढ़ेंः Bihar Migration Problem: दूसरे राज्यों में पिटाई के बाद पलायन पर होती है पॉलिटिक्स, निदान किसके पास ?

इसे भी पढ़ेंः Bhojpuri Song: 'पलायन के दंश' को बयां करता गाना 'पेट के खातिर' रिलीज..गायक भाई अंकुश-राजा की नई पेशकश

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.