पटना: बिहार में जातीय जनगणना का कार्य चल रहा है. ऐसे में राजधानी पटना के मसौढ़ी में इस जाति जनगणना का बहिष्कार किया है. दरअसल लोहार जाति को कमार उपजाति में जोड़ देने का लोग विरोध जता रहे हैं. सरकार से लोहार जाति को मूल रूप से स्वतंत्र कोड देने की मांग की है. वहीं जब आक्रोशित लोगों को समझाने के लिए एसडीएम प्रीति कुमारी पहुंची. लोगों ने उनकी भी बात मानने से इनकार कर दिया. लोगों ने कहा कि कमार बिहार में कोई जाति नहीं होती है.
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मसौढ़ी में जातीय जनगणना का बहिष्कार: एक बार फिर से जाति आधारित गणना की शुरुआत में सभी लोहार जातीयों ने गणना करवाने से मना कर दिया है. घर-घर जा रहे गणनाकर्मीयों को गणना करने से मना कर दिया है. वहीं मसौढ़ी एसडीएम प्रीति कुमारी उन सभी आक्रोशित लोहार जातियों से मिलने पहुंचीं. पहले धनरूआ के तेतरी गांवों में जाकर लोगों को समझाने की कोशिश की लेकिन सभी उनकी बात माने से इनकार दिया.
"जाति आधारित गणना के प्रथम चरण से ही हम सभी लोहार जाति इसका विरोध कर रहे हैं और लोहार जाति को अलग से कोड देने की मांग कर रहे हैं सरकारी सूची में लोहार के बदले कमार कर दिया गया है ऐसे में पूरे बिहार में लोहार जाति गणना नहीं करवा रहे हैं." -सरोज देवी, बिहार राज्य लोहार संघ
लोहार जातियों से घंटों चली वार्ता: धनरूआ के तेतरी गांव के लोग जब बात नहीं माने तो एसडीएम मसौढ़ी नगर परिषद के लखीबाग मोहल्ला पहुंचीं. जहां वे सभी लोहार जातियों से मिलकर घंटों वार्ता की.इस मौके पर नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, भूमी उपसमाहर्ता, नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि भी शामिल रहे. लेकिन घंटों चली वार्ता के बाद भी सभी लोहार जाति एक सुर में कहा कि जब तक सरकार हम सभी लोहार जातियों को अलग से लोहार जाति का प्रयोग कर कोड की व्यवस्था करें. सरकार द्वारा जारी सूची में लोहार शब्द नहीं है बल्कि कमार है.
"मसौढ़ी और धनरूआ में कई जगहों पर लोहार जाति के लोग विरोध कर रहे हैं. जातीय गणना करवाने से इनकार कर दिए हैं. ऐसे में उन सबको समझाने के लिए घंटों वार्ता चली है,लेकिन लोगों ने गन्ना करवाने से इनकार कर दिया है ऐसे में उनकी मांग पत्र को जिला में प्रतिवेदित कर रहे है." -प्रीति कुमारी, एसडीएम मसौढ़ी