पटनाः बिहार में अपराधिक घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं. राज्य के अंदर जितनी अपराधिक घटनाएं होती हैं, उनमें लगभग 60% भूमि विवाद की वजह से घटित होती हैं. भूमि विवाद के मामले में बिहार पूरे देश में सबसे अव्वल है. हालांकि सरकार ने इस पर काबू पाने की कोशिश जरूर की है.
भूमि विवाद के मामले में बिहार अव्वल
एनसीआरबी के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि भूमि विवाद के मामले में बिहार पूरे देश में पहले स्थान पर रहा. कैटेगरी एक के तहत राज्य के अंदर कुल 6608 मामले प्रकाश में आएं. वहीं, कैटेगरी पांच के तहत 7798 मामले साल 2018 में प्रकाश में आए.
'परिवार की कम हो रही है वैल्यू'
इस मामले पर समाजशास्त्री अजय झा का मानना है कि बिहार जैसे राज्य में धार्मिक, सामाजिक और पारिवारिक मान्यताओं की वजह से राज्य में भूमि विवाद बढ़ रहे हैं. परिवार के वैल्यू ही टूट रहे हैं. भौतिक रिकॉर्ड भी भूमि विवाद के पीछे प्रमुख वजह है.
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'लगातार किए जा रहे हैं प्रयास'
वहीं, भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल ने कहा कि सरकारी स्तर पर भूमि विवाद को कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. ऑनलाइन म्यूटेशन की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है. और जमीन के कागजात भी ऑनलाइन किए जा रहे हैं. सीओ और थानेदार को भी सप्ताह में 1 दिन भूमि विवाद से जुड़े मामलों को सुलझाने के लिए कहा गया है. सरकार अपने स्तर पर लगातार कोशिशें कर रही है.
60% अपराधिक मामले भूमि विवाद से जुड़े
दरअसल बिहार में भूमि विवाद की वजह से ज्यादातर अपराधिक घटनाएं घटित हो रही हैं. राज्य के अंदर जितनी आपराधिक घटनाएं होती हैं, उनमें से ज्यादातर मामलों के पीछे भूमि विवाद ही वजह होती है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि 60% अपराध राज्य के अंदर भूमि विवाद की वजह से हो रहे हैं. राज्य में भूमि विवाद को कम करने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था सरकारी स्तर पर किए गए हैं बावजूद इसके भूमि विवाद के मामले में बिहार पहले स्थान पर है.