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नल जल योजना में शिकायत पर 3 दिन में होगा निष्पादन, कॉल सेंटर पर सुनी जा रहीं शिकायतें

बिहार में नल-जल योजना (Nal Jal Yojana In Bihar) की शिकायत दूर करने के लिए सरकार ने कॉल सेंटर बनवाया है. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, पंचायती राज और नगर विकास एवं आवास विभाग की शिकायतें एक ही टॉल फ्री नंबर 1800-1231121 पर प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है.

कॉल सेंटर
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Published : Apr 12, 2022, 3:21 PM IST

पटनाः प्रदेशवासियों की पानी संबधित परेशानी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने नल-जल योजना की शुरुआत की थी लेकिन नल जल में धांधली, दूषित पानी, समय से जल नहीं मिलना और अन्य कई तरह की शिकायतें लोगों से मिलती रहती हैं. लोगों की इस शिकायत को दूर करने के लिए जिला स्तर पर कॉल सेंटर (Call Center For Nal Jal yojana Complaint In Patna) बनाया गया है. अब शिकायत के बाद 3 दिनों के अंदर कामों का निष्पादन किया जाएगा.

ये भी पढ़ें: नल जल योजना का काम कर रही कंपनियों को PHED विभाग से लेना होना NOC: रामप्रीत पासवान

3 दिन में शिकायतें होंगी दूरः इस योजना से जुड़े तीनों विभागों लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, पंचायती राज और नगर विकास एवं आवास विभाग की शिकायतें एक ही टॉल फ्री नंबर 1800-1231121 पर प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है. राज्य के कोई भी लाभुक जो नल जल योजना में गड़बड़ी शिकायत को लेकर इस नंबर पर सुबह 10:00 बजे से लेकर संध्या 6:00 तक कॉल करके शिकायत कर सकते हैं. शिकातय के बाद 3 दिन में शिकायतें दूर नहीं हुईं, तो उसकी सूचना संबंधित विभाग के ऊपरी अधिकारी के पास पहुंच जाएगी.

ये भी पढ़ेंः PM मोदी ने की नल जल योजन की तारीफ, कहा- 'बिहार में आज 90% घरों तक पहुंच रहा नल से शुद्ध पानी'

शहरी क्षेत्रों के 3300 वार्डों में योजना संचालितः इसके लिए विकास भवन, नया सचिवालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है. इस कंट्रोल रूम का नियंत्रण लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पास है यहां से तीनों विभाग की शिकायतें दूर करने की व्यवस्था है. गौरतलब हो कि राज्य में तीन विभागों को नल-जल योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है, ग्रामीण क्षेत्रों के एक लाख 14 हजार वार्डों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण और पंचायती राज विभाग के माध्यम से योजना संचालित है. इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों के 3300 वार्डों में इस योजना का क्रियान्वयन नगर विकास एवं आवास विभाग करा रहा है.

ये भी पढ़ें: बोले रामप्रीत पासवान- 97% लोगों के घरों तक पहुंचा शुद्ध पेयजल, सिर्फ 3% हैं वंचित

कंट्रोल रूम काम कर रहे कई लोगः वहीं, कंट्रोल रूम के प्रबंधक लवकुश शर्मा (Manager Lavkush Sharma) ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि सीजीआरसी के तहत पहले सिर्फ पीएचईडी विभाग का शिकायत का निष्पादन किया जाता था. अब पंचायती राज विभाग पीएचईडी विभाग एवं नगर विकास एवं आवास विभाग तीनों विभागों के लिए यह कंट्रोल रूम काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि जो भी शिकायत करता है, उनका पहले नाम, जिला वार्ड संख्या, मोबाइल नंबर और शिकायत ऑनलाइन दर्ज किया जाता है. उसके बाद संबंधित विभाग को सूचित किया जाता है और त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 दिनों के अंदर उस काम को निष्पादन किया जाता है.

रोजाना सुनी जातीं हैं लोगों की समस्याः लवकुश शर्मा ने कहा कि टीम में काम कर रहे लोग रोजाना कॉल सेंटर पर लोगों की समस्या को सुनते हैं. अभी तक नगर विकास एवं आवास विभाग पंचायती राज विभाग और पीएचडी विभाग से संबंधित 35 हजार 444 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिसमें 26 हजार 941 से ज्यादा शिकायतों का निष्पादन किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री का जो सपना है, जलापूर्ति योजनाओं के संचालन रखरखाव समय से लोगों को शुद्ध पेयजल मिले. इसके लिए राज्य स्तर पर कॉल सेंटर के माध्यम से मॉनिटरिंग किया जा रहा है.
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पटनाः प्रदेशवासियों की पानी संबधित परेशानी दूर करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने नल-जल योजना की शुरुआत की थी लेकिन नल जल में धांधली, दूषित पानी, समय से जल नहीं मिलना और अन्य कई तरह की शिकायतें लोगों से मिलती रहती हैं. लोगों की इस शिकायत को दूर करने के लिए जिला स्तर पर कॉल सेंटर (Call Center For Nal Jal yojana Complaint In Patna) बनाया गया है. अब शिकायत के बाद 3 दिनों के अंदर कामों का निष्पादन किया जाएगा.

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3 दिन में शिकायतें होंगी दूरः इस योजना से जुड़े तीनों विभागों लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण, पंचायती राज और नगर विकास एवं आवास विभाग की शिकायतें एक ही टॉल फ्री नंबर 1800-1231121 पर प्राप्त करने की व्यवस्था की गई है. राज्य के कोई भी लाभुक जो नल जल योजना में गड़बड़ी शिकायत को लेकर इस नंबर पर सुबह 10:00 बजे से लेकर संध्या 6:00 तक कॉल करके शिकायत कर सकते हैं. शिकातय के बाद 3 दिन में शिकायतें दूर नहीं हुईं, तो उसकी सूचना संबंधित विभाग के ऊपरी अधिकारी के पास पहुंच जाएगी.

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शहरी क्षेत्रों के 3300 वार्डों में योजना संचालितः इसके लिए विकास भवन, नया सचिवालय में कंट्रोल रूम बनाया गया है. इस कंट्रोल रूम का नियंत्रण लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के पास है यहां से तीनों विभाग की शिकायतें दूर करने की व्यवस्था है. गौरतलब हो कि राज्य में तीन विभागों को नल-जल योजना के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी दी गई है, ग्रामीण क्षेत्रों के एक लाख 14 हजार वार्डों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण और पंचायती राज विभाग के माध्यम से योजना संचालित है. इसके साथ ही शहरी क्षेत्रों के 3300 वार्डों में इस योजना का क्रियान्वयन नगर विकास एवं आवास विभाग करा रहा है.

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कंट्रोल रूम काम कर रहे कई लोगः वहीं, कंट्रोल रूम के प्रबंधक लवकुश शर्मा (Manager Lavkush Sharma) ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि सीजीआरसी के तहत पहले सिर्फ पीएचईडी विभाग का शिकायत का निष्पादन किया जाता था. अब पंचायती राज विभाग पीएचईडी विभाग एवं नगर विकास एवं आवास विभाग तीनों विभागों के लिए यह कंट्रोल रूम काम कर रहा है. उन्होंने बताया कि जो भी शिकायत करता है, उनका पहले नाम, जिला वार्ड संख्या, मोबाइल नंबर और शिकायत ऑनलाइन दर्ज किया जाता है. उसके बाद संबंधित विभाग को सूचित किया जाता है और त्वरित कार्रवाई करते हुए 3 दिनों के अंदर उस काम को निष्पादन किया जाता है.

रोजाना सुनी जातीं हैं लोगों की समस्याः लवकुश शर्मा ने कहा कि टीम में काम कर रहे लोग रोजाना कॉल सेंटर पर लोगों की समस्या को सुनते हैं. अभी तक नगर विकास एवं आवास विभाग पंचायती राज विभाग और पीएचडी विभाग से संबंधित 35 हजार 444 शिकायतें प्राप्त हुई हैं. जिसमें 26 हजार 941 से ज्यादा शिकायतों का निष्पादन किया जा चुका है. उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री का जो सपना है, जलापूर्ति योजनाओं के संचालन रखरखाव समय से लोगों को शुद्ध पेयजल मिले. इसके लिए राज्य स्तर पर कॉल सेंटर के माध्यम से मॉनिटरिंग किया जा रहा है.
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