पटना: अहोई अष्टमी से शुरू हुए दीपावली (Diwali) पर्व पर इस वर्ष बिहार (Bihar) सहित देश भर के बाजारों में ग्राहकों की संख्या में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है. जिससे देश भर के व्यापारियों को लगता है की पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष दिवाली त्यौहार के मौके पर खरीदी में काफी वृद्धि होगी. खास बात यह है कि बाजारों में मोटे तौर पर चीनी सामान नदारद है. उसका स्थान देसी ने ले लिया है.
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दुकानों पर खरीदी करने वाले ग्राहक सामान खरीदने से पहले यह पूछ रहे हैं कि खरीदी किया जाने वाला सामान चीन का तो नहीं है. वर्ष 2019 और 2020 की दीपावली व्यापारियों के लिहाज से बेहद फीकी रही लेकिन इस बार व्यापारियों को बड़ी उम्मीदें हैं. कॉन्फेडरशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( CAIT) बिहार ने कहा कि इस वर्ष की दीपावाली विशुद्ध रूप से "भारतीय दिवाली-लोकल दिवाली" होगी. कैट ने कहा कि देश भर में व्यापारी अपने घरों और दुकानों में वैदिक रीति से दिवाली पूजन करेंगे और अपने ग्राहकों को भी इसके लिए प्रेरित करेंगे. कैट ने यह भी कहा कि जिस तरह से ग्राहक बाहर आकर खरीदी कर रहे हैं, वो ई- कॉमर्स व्यापार पर एक बड़ा तमाचा है.
कैट बिहार के चेयरमैन कमल नोपानी, अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और महासचिव डॉ रमेश गांधी ने एक संयुक्त वक्तव्य में कहा कि दो दिन पहले कैट ने एक सर्वे के आधार पर इस वर्ष चीन को दीपावाली त्यौहार पर 50 हजार करोड़ के व्यापार का अनुमान जताया था और जिस प्रकार से देश के सभी राज्यों के बाजारों में ग्राहकों की भीड़ उमड़ रही है, उसको देखते हुए यह अनुमान बिलकुल ठीक साबित होगा. कैट बिहार के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुकेश नंदन और संयुक्त महासचिव आर सी मल्होत्रा ने बताया कि कोरोना के बाद ग्राहकों में एक मानसिकता बन गई है की अपने घर में किसी भी आकस्मिक विपदा से निबटने के लिए एक बचत कोष होना जरूरी है.
उन्होंने कहा कि बाजारों में ग्राहक त्यौहार से सम्बंधित वस्तुएं ही खरीद रहे हैं. एक्स्ट्रा सामान खरीदने से ग्राहक बच रहे हैं. उन्होंने बताया कि खास तौर पर मिट्टी के दीए, रेडीमेड गारमेंट्स, कपड़े, गिफ्ट आइटम्स, एफएमसीजी प्रोडक्ट्स, रोजमर्रा की जरूरत की वस्तुएं, सौंदर्य प्रसाधन, कन्फेक्शनरी, मिठाई, घर में साज-सज्जा की वस्तुएं, बिजली की लरिया और सजावटी बल्ब, मेहंदी, रंगोली का सामान, सोना चांदी, हैंडलूम फैब्रिक्स, मोटरसाइकिल, फर्निशिंग आइटम्स आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं.
कैट बिहार अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा ने बताया कि इस वर्ष धनतेरस के दिन भी देश भर के सर्राफा व्यापारियों को भी बड़े व्यापार की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कोरोना माहमारी की वजह से देश में लोगों की क्रय क्षमता में कमी आयी है. किन्तु सोने-चांदी के बढ़ते भाव को देखते हुए इस वर्ष भी बाजारों में भारी निवेश की उम्मीद की जा रही है. हमेशा की तरह सोना-चांदी ही निवेशकों की पहली पसंद रहेगा. जिसके लिए सर्राफा बाजारों ने भी पूरी तैयारी की है और हर रेंज में ग्राहकों के लिए वैरायटीज उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष धनतेरस पर हुई सोने-चांदी की बिक्री में इस बार 15 से 18 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है.
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