पटना : बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के द्वारा इंटर स्तरीय परीक्षा के रिजल्ट पास करने के बाद अभ्यार्थियों को बहाल नहीं किये जाने से छात्र आंदोलित हैं. शुक्रवार को पटना के गर्दनी बाग धरनास्थल पर बड़ी संख्या में छात्रों ने धरना दिया. छात्र कर्मचारी चयन आयोग द्वारा इंटर स्तरीय परीक्षा के रिजल्ट के बाद बहाल नहीं करने का आरोप लगाया है. छात्रों का कहना है कि उत्तीर्ण 1778 अभ्यर्थी को अभी तक बहाल नहीं किया गया है. यदि हमारी मांगों को सरकार पूरा नहीं करती है तो हमलोग आंदोलन करेंगे.
ये भी पढ़ें: BSSC Result: 8 साल बाद अभ्यर्थियों का वनवास हुआ खत्म, प्रथम इंटर स्तरीय बहाली का रिजल्ट घोषित
मांग पूरा नहीं हुआ तो सरकार के खिलाफ होगा आंदोलन: धरना पर बैठे बक्सर से आए हाकिम हुसैन ने कहा कि सरकार हम लोगों के साथ अन्याय कर रही है. हम लोग बिहार कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा इंटर स्तरीय परीक्षा के रिजल्ट पास कर चुके हैं. यहां तक कि सारे पेपर भी जांच किए जा चुके हैं. लेकिन अभी तक किसी भी विभाग में हम लोगों को बहाल नहीं किया गया. बजट सत्र में 7 से ज्यादा विधायक इस मामले को सदन में उठाए थे. अभी तक सरकार ने इस पर संज्ञान नहीं लिया है जो की गलत है. उन्होंने कहा कि हम लोग आज से दो दिवसीय धरना पर बैठे हैं. अगर सरकार हमारी मांग को नहीं मानती है तो पूरे बिहार के बड़ा आंदोलन करेंगे.
सरकार और बीएसएससी नहीं कर रही न्याय: वहीं पटना के रहनेवाले सुनील कुमार चौधरी ने कहा कि आयोग से कई बार हमलोग मिले हैं. आयोग कुछ जवाब नहीं दे रही है और इधर सरकार भी हम लोगों को बहाल नहीं कर रही है. अभी भी विभिन्न विभागों में खाली सीट हैं और हम लोग इंटर स्तरीय परीक्षा उत्तीर्ण छात्र हैं. उन्होंने कहा की अगर सरकार हमारी बातों को नहीं मानती है तो यही बैनर लेकर हम लोग जनता के बीच जाकर सभी जिलों में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि लोगों को बताएंगे की सरकार किस तरह वादा खिलाफी करती है.
2017 में हुई थी पीटी परीक्षाः दरअसल 2014 में जब बिहार एसएससी ने 13120 पदों के लिए वैकेंसी निकाली थी तब वैकेंसी निकलने के ढाई वर्ष बाद साल 2017 में इसकी पीटी परीक्षा हुई थी. इस परीक्षा में क्वेश्चन पेपर वायरल हो गया और पेपर लिक के कारण परीक्षा रद्द हो गई. फिर दोबारा 2018 में पीटी की परीक्षा आयोजित की गई. इसके बाद फिर डेढ़ वर्षों बाद छात्रों के आंदोलन के बाद पीटी परीक्षा का रिजल्ट साल 2020 के जनवरी में जारी हुआ और फिर 25 दिसंबर 2020 को मुख्य परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें 63000 परीक्षार्थी शामिल हुए.