पटना: कोरोना संक्रमण का दौर चल रहा है और ऐसे में लोग संक्रमण से बचाव के लिए अपने शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने और संक्रमण से दूर रहने के लिए तरह-तरह के प्रयास करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में आयुर्वेद के तहत कई घरेलू नुस्खे हैं. जिनके माध्यम से शरीर की इम्यूनिटी मजबूत रहती है और शरीर रोग से दूर रहता है. ऐसे में शरीर की इम्यूनिटी मजबूत रखने और निरोग रखने में कौन सी आयुर्वेदिक पद्धति है कारगर, इसके बारे में बता रहे हैं आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद.
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आयुर्वेद जीवन का सिद्धांत
आयुर्वेद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि आयुर्वेद को जीवन का सिद्धांत कहा गया है. यह स्वस्थ जीवन जीने की कला है. आयुर्वेद में दिनचर्या सबसे महत्वपूर्ण है, सोने से लेकर जागने तक. कब हमें जगना है, कब हमें सोना है. इसके बीच में कब हमें क्या और कितना खाना है. इसके साथ ही ऋतु चर्या का भी बेहद महत्व है कि किस ऋतु में हमें क्या खाना चाहिए.
आयुर्वेद में रसायन का सपोर्ट
अगर हम दिनचर्या, ऋतुचर्या, सदवृत और आचार्य रसायन का पालन करें तो किसी भी बीमारी पर काबू पाया जा सकता है. रसायन उसे कहते हैं जिससे कि बॉडी की इम्यूनिटी बढ़ती है और रोग दूर होते हैं. आयुर्वेद में रसायन के सपोर्ट में बहुत से क्रियाकलापों का वर्णन किया गया है, जैसे कि आचार्य रसायन, सदवृत, दिनचर्या और ऋतु चर्या के नाम से जाना जाता है.
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बच्चे और युवा हो रहे हैं ज्यादा संक्रमित
डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद ने बताया कि अभी के संक्रमण के दौर में देखने को मिल रहा है कि इस बार बच्चे और युवा काफी ज्यादा संक्रमित हो रहे हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है दिनचर्या और खानपान. एक साल बच्चे घरों में बंद रहे हैं. ऐसे में उनकी दिनचर्या और खाने-पीने की आदत बदल गई है. जिस वजह से उनके शरीर की इम्यूनिटी कमजोर हो गई है.
बच्चे खा रहे हैं ज्यादा फास्ट फूड
बच्चों में बाहर से फास्ट फूड ऑर्डर कर होम डिलीवरी कराने की आदत पड़ गई है और अधिक फास्ट फूड और जंक फूड का सेवन कर रहे हैं. साथ ही कब सोना है और कब जगना है. इसका रूटीन भी नहीं मेंटेन कर रहे हैं. ऐसे में अगर योग, नेचुरोपैथ और आयुर्वेद का लोग अगर सपोर्ट लें, तो बच्चों की आदत बदल सकती है और उनकी इम्यून भी मजबूत होगी और शरीर रोग से भी दूर होगा.
'कोरोना की रोकथाम के उपाय के साथ-साथ पिछले वर्ष भी महामारी के प्रथम दौर में आयुर्वेद की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. ऐसे में आयुर्वेद में आयुष मंत्रालय के निर्देशानुसार आयुष काढ़ा का प्रयोग, गिलोय घनवटी, संशामनी वटी, दूध में हल्दी डाल कर पीने के सलाह को लोगों ने गंभीरता से लिया और नतीजा यह रहा कि लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ी और लोग संक्रमण से दूर रहे, जिन्हें संक्रमण हुआ भी उनकी स्थिति गंभीर नहीं हुई. अभी के समय आयुर्वेद द्वारा कई घरेलू नुस्खे हैं, जिनका प्रयोग शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है.' -डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद, प्राचार्य, आयुर्वेद महाविद्यालय
मौसमी फलों का सेवन जरूरी
डॉक्टर दिनेश्वर प्रसाद ने कहा कि खाने-पीने की अगर बात करें तो स्वस्थ रहने के लिए हमें मौसमी फलों और सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करना चाहिए. साथ ही अगर पानी पीते हैं, तो कोशिश करें कि पानी को उबाल कर पीएं. अभी गर्मी का मौसम है और ऐसे में अभी जो फल आते हैं. वह सामान्यतः ठंडी प्रवृति के होते हैं. जो पेट को ठंडा करते हैं. यदि संभव हो तो पानी उबालते वक्त पानी में लॉन्ग, तुलसी पत्ता आदि डाल दें और हल्का ठंडा होने पर इसे सेवन करें.
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