पटना: बिहार में विधान परिषद (Bihar Legislative Election) की 24 सीटो पर चुनाव होना है. एनडीए गठबंधन में भी इसको लेकर कई तरह की बयानबाजी हो रही है. मुकेश सहनी और हम पार्टी भी परिषद चुनाव में अपने हिस्सेदारी का मांग कर रहे हैं. इन तमाम कयासों के बीच बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ( BJP JDU ready to divide seats on Bihar MLC election) ने कहा कि, 'विधान परिषद चुनाव में एनडीए के बीच सीट बंटवारा लगभग हो चुका है. कहीं कोई परेशानी नही है. बिहार बीजेपी प्रभारी भूपेंद्र यादव पटना आएंगे और बहुत जल्द एनडीए के उम्मीदवारों की घोषणा होगी. इस मामले पर एनडीए घटक दलों की आपस में बात हो रही है.'
साथ ही उत्तर प्रदेश चुनाव में जदयू द्वारा अलग से चुनाव लड़ने को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी और कहा कि, सभी राज्यो में सभी दल से गठबंधन हो ऐसा जरूरी नही है. ऐसा ही कुछ यूपी में हुआ है. ये कोई पहली बार नहीं हुआ है. इससे बिहार के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार है और उनके नेतृत्व में सरकार चल रही है. कहीं भी कोई दिक्कत नहीं है.
"विधान परिषद की सीटों को लेकर हमारी सद्भावपूर्ण माहौल में अपने सहयोगी दलों से बातचीत चल रही है. प्रभारी भूपेन्द्र यादव जी पटना आएंगे और उस दिन वो संयुक्त रूप से सीटों की घोषणा करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से विचार विमर्श करके सीटों की घोषणा की जाएगी. कहीं कोई परेशानी नहीं है. यूपी में जदयू से गठबंधन नहीं होने का बिहार की सरकार पर कोई असर पड़ने वाला नहीं है."- संजय जायसवाल, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष
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बता दें कि, बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर चुनाव को लेकर एनडीए गठबंधन में घमासान मचा हुआ है. एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी और जेडीयू के बीच सीटों को लेकर मामला फंसा हुआ है. वहीं वीआईपी पार्टी के प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahni On Bihar MLC Election) ने भी ऐलान कर दिया है कि, हम एनडीए गठबंधन में हैं तो हमें हिस्सेदारी चाहिए. अगर एनडीए गठबंधन में रहकर हमें हिस्सेदारी नहीं मिलेगी, तो बिहार विधान परिषद की 24 सीटों पर हमारा कैंडिडेट तय है. 24 सीटों पर हम अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारेंगे.
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दरअसल, भाजपा और जदयू अधिक से अधिक विधान परिषद की सीटें अपने खाते में चाहती (Seat Sharing Between BJP And JDU) है. जनता दल यूनाइटेड की नजर आधी सीटों पर है. पार्टी चाहती है कि कम से कम 12 सीटें जदयू के खाते में आए. एक और फार्मूले के तहत जदयू की मंशा यह है कि 10-10 सीटों पर भाजपा और जदयू लड़े. दो-दो सीटें दोनों सहयोगी दलों के लिए छोड़ दिया जाए. आपको बता दें कि जीतन राम मांझी के नेतृत्व वाली पार्टी ने भी दो सीटों पर दावा ठोक रखा है. पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा के खाते में 13 सीटें थीं, जबकि 7 सीटों पर जदयू का कब्ज़ा था. 4 सीटें विरोधी खेमे में थी.
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