पटना: शनिवार को आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव (Lalu Yadav) का संदेश लेकर आरजेडी नेता श्याम रजक (Shyam Rajak) दिल्ली स्थित चिराग पासवान (Chirag Paswan) के आवास उनसे मिलने पहुंचे. इसको लेकर बिहार में सियासत तेज (Bihar Politics) हो गयी है. अब तेजस्वी और चिराग की मुलाकात होने की चर्चा भी जोरों पर है. बीजेपी प्रवक्ता प्रेम रंजन पटेल (Prem Ranjan Patel) ने कहा है कि राजद (RJD) का दुर्भाग्य है कि उसे अपनी खोई जमीन तलाशने के लिए दूसरी पार्टियों का सहारा लेना पड़ रहा है.
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दो दिन पहले राजद के वरिष्ठ नेता श्याम रजक की चिराग पासवान से दिल्ली में मुलाकात हुई. दरअसल चिराग पासवान को महागठबंधन में लाने की कवायद कई दिनों से चल रहा है. हाल के दिनों में रामविलास पासवान की जयंती मनाकर राजद ने अपने इरादे स्पष्ट कर दिए थे. उसके बाद रही-सही कसर केंद्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार से पूरी हो गई.
'विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने महागठबंधन को फायदा पहुंचाया. अगर चिराग अलग होकर चुनाव नहीं लड़ते तो महागठबंधन को अपनी औकात पता चल जाती. फिलहाल चिराग का स्वागत महागठबंधन के नेता कर रहे हैं लेकिन महागठबंधन में जानेवाले नेताओ का क्या हाल होता है, सब जानते है.'- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता
श्याम रजक ने चिराग पासवान से मुलाकात करके महागठबंधन में उन्हें आने का ऑफर भी दे दिया है. चर्चा यह भी है कि बहुत जल्द ही दिल्ली में चिराग पासवान और तेजस्वी यादव की मुलाकात हो सकती है. इसे लेकर बीजेपी हमलावर है.
'आरजेडी को लग रहा है कि किसी न किसी माध्यम से अपनी जमीन तैयार करें. महागठबंधन में ना किसी का सम्मान होता है ना इज्जत की जाती है. वहां एक ही नेता है तेजस्वी यादव. अगर चिराग पासवान महागठबंधन के साथ जाएंगे तो तेजस्वी के नेतृत्व को स्वीकार करना पड़ेगा, उनके रहमों करम पर रहना पड़ेगा, उनके चरणों में जाकर अपने लिए भीख मांगनी पड़ेगी तभी चिराग का वहां कुछ हो सकता है.'- प्रेम रंजन पटेल, बीजेपी प्रवक्ता
दरअसल चिराग पासवान की ताकत कितनी है यह उन्होंने 2020 विधानसभा चुनाव में दिखा दिया जब उन्होंने जनता दल यूनाइटेड को कई सीटों का नुकसान पहुंचाया. उस वजह से नीतीश कुमार की पार्टी केवल 43 सीट पर जीत हासिल कर पाई. तेजस्वी जानते हैं कि 6 फीसदी पासवान वोट बैंक चिराग के पास है.
फिलहाल बिहार में सभी की नजरें भविष्य के इन दो बड़े नेताओं पर टिकी हैं. एक तरफ राष्ट्रीय जनता दल तेजस्वी को भावी मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट कर रहा है. वहीं दूसरी तरफ चिराग पासवान भी भविष्य में मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए दावेदारी रखते हैं.
बिहार में करीब 16% यादव वोट बैंक और करीब 6% पासवान वोट बैंक है. करीब 16% मुस्लिम वोट बैंक भी पहले से राष्ट्रीय जनता दल के साथ माना जाता है. अगर दलित वोट बैंक भी राजद के साथ जुड़ता है तो भविष्य में ना सिर्फ बिहार बल्कि यूपी में होने वाले चुनाव में भी इसका फायदा लालू तेजस्वी और यूपी में अखिलेश यादव को होगा. ऐसे में आरजेडी लगातार चिराग को महागठबंधन में आने का ऑफर दे रही है. बीजेपी से जो उम्मीद चिराग को थी वो मोदी कैबिनेट के विस्तार के बाद पूरी तरह से टूट चुकी है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुत जल्द बिहार के ये दो युवा नेता एक साथ आ सकते हैं.