पटना: वीआईपी चीफ मुकेश सहनी (VIP Chief Mukesh Sahni) की ओर से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की तारीफ के बाद बिहार में सियासी बयानबाजी तेज हो गई है. एक बार फिर बीजेपी ने मुकेश सहनी पर हमला बोला (BJP Attack Mukesh Sahni) है. बीजेपी प्रवक्ता रामसागर सिंह (BJP Spokesperson Ram Sagar Singh) ने कहा कि वे जो आरोप बीजेपी नेतृत्व पर लगा रहे हैं, वो निराधार है. हमने शुरू से गठबंधन के साथियों के लिए कुर्बानियां दी हैं. उन्होंने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी ने ऐसा किया था. तब हमने अपनी सीटिंग सीट सहयोगी दलों के लिए छोड़ दी थी.
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बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि 2020 का बिहार विधानसभा चुनाव तो मुकेश सहनी को याद ही होगा. जब गठबंधन के लिए हमलोगों ने बोचहां सीट (जहां से बेबी कुमारी विधायक थीं) वीआईपी को देने का काम किया था, बावजूद इसके जो बात वो आज कह रहे हैं वो निराधार है. साथ ही उन्होंने कहा कि मीडिया में बात करने से कुछ भी नही होता है, अगर उन्हें बीजेपी से कोई बात कहनी है तो साथ बैठें. फिलहाल बोचहां सीट को लेकर उन्हें गठबंधन के साथियों से मिलकर बात करनी चाहिए.
रामसागर सिंह ने कहा कि आज मुकेश सहनी लालू यादव की विचारधारा की बात कर रहे हैं. उन्हें पता होना चाहिए कि जिस विचारधारा की वो बात कर रहे हैं, वो लंपटवाद और परिवारवाद की विचारधारा है. जिसे बिहार की जनता ने सिरे से नकारा है. अगर फिर भी मुकेश सहनी को वही विचारधारा पसंद आ रही है तो वो जा सकते हैं. हम उनको उस विचारधारा के लिए मुबारबाद देते हैं.
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यहां ये बताना भी बेहद जरूरी हो जाता है कि मंगलवार को ही बिहार सरकार में मंत्री मुकेश सहनी वे लालू यादव और तेजस्वी यादव की तारीफ की थी. तेजस्वी को अपना छोटा भाई बताते हुए उनको भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी थी. साथ ही आरजेडी के 'खेला होबे' के दावे पर मुस्कुराते हुए कहा था कि अगर खेला होगा और खिचड़ी पकेगी तो सभी लोग मिलकर खाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि देखते जाइये आगे होता है क्या.
वहीं, तेजस्वी की तारीफ करने के बाद बीजेपी नेता और मंत्री नीरज कुमार सिंह (Minister Neeraj Kumar Singh) ने तल्ख लहजे में कहा कि अगर फिर से उनका मन डोल रहा है तो उन्हें पहले मंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए. उन्होंने कहा कि जब वो हमारे गठबंधन में आए थे तब आरजेडी से ही आए थे और चिल्ला-चिल्लाकर कहते थे कि उनके पीठ में छुरा घोंप दिया. मुझे लगता है कि उनको ये बात याद रखनी चाहिए. हमारी सरकार में मंत्री हैं वो, इसलिए उनको सोच-समझकर बोलना चाहिए. क्या मुकेश सहनी महागठबंधन में एक और विश्वासघात झेलने की तैयारी कर चुके हैं.
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