पटना: बिहार के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी ) के नेता डॉ भीम सिंह ने बिहार निकाय चुनावों में ईबीसी आरक्षण की समाप्ति (Abolition of EBC reservation in Bihar) सरकार की लापरवाही और जिद का परिणाम बताते हुए इसके लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीधे तौर पर जिम्मेदार बताया. उन्होंने कहा कि पर ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार अभी भी ईबीसी के अधिकारों के प्रति गंभीर नहीं हैं. अगर गंभीर होती तो इतने हल्के ईबीसी आयोग का गठन नहीं करती.
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बीजेपी प्रदेश कार्यालय में बुधवार को आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सिंह ने कहा कि सरकार द्वारा जो आयोग गठित है, उसके क्रिया-कलापों को सार्वजनिक नहीं किया जाना इस बात का प्रमाण है कि आयोग स्वतंत्र तथा निष्पक्ष ढंग से काम नहीं कर रहा. आयोग ने अब तक न कोई सार्वजनिक सुनवाई की है, और न सर्वसाधारण से कोई लिखित राय-सुमारी ही की है.
सरकार और आयोग की गतिविधियॉं तथा भाव-भंगिमा से स्पष्ट होता है कि 'ट्रिपल टेस्ट' के नाम पर खानापूर्ति और लीपापोती करने के प्रयास चल रहे हैं. खानापूर्ति के रूप में की गयी कार्रवाई न्यायिक समीक्षा में कहॉं तक ठहरेगी, यह तो समय बतलाएगा, पर बीजेपी, सरकार को स्पष्ट चेतावनी देना चाहती है कि वह ईबीसी के अधिकारों में कोई भी कटौती बर्दाश्त नहीं करेगी.'' - डॉ भीम सिंह, बीजेपी नेता
डॉ भीम सिंह ने कहा कि सरकार ने अनेक ह्यफारवर्ड मुस्लिम जातियों को ईबीसी और बीसी की सूचियों में जोड़कर हिन्दू ईबीसी व हिन्दू बीसी के आरक्षण में सेंधमारी कर चुकी है. गलत ढंग से सूचियों में शामिल जातियॉं वास्तविक ईबीसी तथा बीसी मुस्लिम जातियों के हिस्से को भी हड़प कर जा रही हैं.
बीजेपी नेता ने कहा कि बीजेपी यह भी स्पष्ट कर देना चाहती है कि वह जननायक कर्पूरी ठाकुर की सूचियों के मान्यता देती है, पर बाद में गलत ढंग से शामिल मुस्लिम जातियों यथा कुल्हैया, सुरजापुरी, शेरशाहबादी, ठकुराई, मलिक, शेरवड़ा, मोमिन, एराकी आदि जातियों को आरक्षण के दायरे में रखा जाना बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी.