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भगवान राम पर दिए बयान से बुरे फंसे मांझी, बोली BJP- 'किसी लोभ में फंसकर कही ऐसी बात'

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने श्रीराम को लेकर विवादित बयान दिया है. इस बयान के बाद से ही मांझी पर लगातार हमले हो रहे हैं. विपक्ष के साथ ही सत्ता पक्ष भी जीतन राम मांझी के इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहा है. पढ़ें पूरी खबर..

jitan ram manjhi controversial statement
jitan ram manjhi controversial statement
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Published : Sep 23, 2021, 5:47 PM IST

बक्सर: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भगवान श्रीराम (Sri Ram) को लेकर विवादास्पद बयान (Controversial Statement) दिया था. मांझी के बयान पर बीजेपी के बड़े नेताओं ने जहां चुप्पी साध ली है तो वहीं विपक्ष लगातार इसे लेकर हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है.

यह भी पढ़ें- रामायण पर महाभारत: जीतनराम मांझी ने श्रीराम के अस्तित्व पर उठाया सवाल, भगवान मानने से भी इंकार

एनडीए के सहयोगी हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के द्वारा रामायण की घटनाओं को काल्पनिक बताये जाने के बाद, प्रदेश के सियासत में भूचाल आ गया है. विपक्ष के नेता बीजेपी के बड़े नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं जीतन राम मांझी अब भी अपने बयान पर कायम हैं. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने जीतन राम मांझी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

देखें वीडियो

जीतन राम मांझी के इस बयान पर राजद के जिलाध्यक्ष शेषनाथ यादव ने बीजेपी के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि जिस राम के नाम पर भारतीय जनता पार्टी के नेता अयोध्या में अरबों रुपये का मंदिर बनवा रहे हैं, उनको अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए.

"मांझी जी को ज्ञान है या ज्ञान नहीं होने की नौटंकी कर रहे हैं. मांझी कह रहे हैं कि राम है ही नहीं, काल्पनिक घटना है, मनोरंजन है. बीजेपी को समझना होगा कि उनके सहयोगी का क्या कहना है. एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी ने जो बयान दिया है, क्या उसमें उनकी सहमति है, या फिर जीतन राम मांझी को गठबंधन से बाहर निकालेंगे. बीजेपी को जवाब देना चाहिए क्योंकि यह मामला करोड़ों अरबों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है."- शेषनाथ यादव, बक्सर जिलाध्यक्ष, राजद

यह भी पढ़ें- बोले मांझी- रामायण में नायक और नायिका बनाकर कही गयी है बात, अपने बयान पर 200% हूं कायम

हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के इस बयान पर बीजेपी की जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर ने भी पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि मेरे इस बयान के बाद हो सकता है कि पार्टी के वरीय नेता मुझपर कार्रवाई करें. लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है. सच तो ये है कि किसी न किसी रूप में मांझी जी भी राम को मानते होंगे. जीतन राम मांझी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है.

"कोई अपने जन्मदाता को काल्पनिक कैसे कह सकता है. ऐसे लोगों की मानसिकता के कारण हमारा देश 200 वर्षो तक अंग्रेजों का गुलाम रहा. एक बार फिर देश में विरोधी ताकतें सर उठा रही हैं. जीतन राम मांझी को लालच देकर इस तरह का बयान दिलवाया जा रहा है. लेकिन मांझी जी यह भूल रहे हैं कि बाबरी मस्जिद की जब खुदाई हुई थी तो उस समय राम के होने के कई प्रमाण मिले थे. यह बात जीतन राम मांझी कैसे भूल गए."- माधुरी कुंवर, बक्सर जिलाध्यक्ष, बीजेपी

गौरतलब है कि त्रेता युग मे भगवान श्रीराम अपने भ्राता लक्ष्मण एवं ऋषि विश्वामित्र के साथ बक्सर पधारे थे.बक्सर में उन्होंने ताड़का, सुबाहु, मारीच आदि राक्षसों का वध कर नारी हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए उत्तरायणी गंगा के तट पर स्नान किया था. उस स्थान को आज भी राम रेखा घाट के नाम से जाना जाता है. श्रीराम के चरण पादुका के निशान आज भी वहां मौजूद हैं.

दरअसल, जीतन राम मांझी ने श्रीराम को काल्पनिक बताने वाली बातें मंगलवार को तब कहीं जब उनसे सवाल पूछा गया कि मध्य प्रदेश में जिस तरीके से रामायण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है तो क्या बिहार में भी ऐसा होना चाहिए जैसा कि बीजेपी नेताओं की तरफ से मांग की जा रही है. जीतन राम मांझी ने श्रीराम को काल्पनिक बताने वाली बातें कहीं, वहीं दूसरी तरफ उनकी ओर से इस बात की भी वकालत की गई कि रामायण को बिहार के स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि लोग उससे अच्छी बातें सीख सकें.

यह भी पढ़ें- बोले BJP MLA- राम का अस्तित्व नहीं होता तो नाम जीतन 'राक्षस' मांझी होता

बक्सर: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भगवान श्रीराम (Sri Ram) को लेकर विवादास्पद बयान (Controversial Statement) दिया था. मांझी के बयान पर बीजेपी के बड़े नेताओं ने जहां चुप्पी साध ली है तो वहीं विपक्ष लगातार इसे लेकर हमलावर रुख अख्तियार किए हुए है.

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एनडीए के सहयोगी हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के द्वारा रामायण की घटनाओं को काल्पनिक बताये जाने के बाद, प्रदेश के सियासत में भूचाल आ गया है. विपक्ष के नेता बीजेपी के बड़े नेताओं की चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं जीतन राम मांझी अब भी अपने बयान पर कायम हैं. जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने जीतन राम मांझी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.

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जीतन राम मांझी के इस बयान पर राजद के जिलाध्यक्ष शेषनाथ यादव ने बीजेपी के नेताओं पर तंज कसते हुए कहा कि जिस राम के नाम पर भारतीय जनता पार्टी के नेता अयोध्या में अरबों रुपये का मंदिर बनवा रहे हैं, उनको अपना स्टैंड क्लियर करना चाहिए.

"मांझी जी को ज्ञान है या ज्ञान नहीं होने की नौटंकी कर रहे हैं. मांझी कह रहे हैं कि राम है ही नहीं, काल्पनिक घटना है, मनोरंजन है. बीजेपी को समझना होगा कि उनके सहयोगी का क्या कहना है. एनडीए के सहयोगी जीतन राम मांझी ने जो बयान दिया है, क्या उसमें उनकी सहमति है, या फिर जीतन राम मांझी को गठबंधन से बाहर निकालेंगे. बीजेपी को जवाब देना चाहिए क्योंकि यह मामला करोड़ों अरबों लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है."- शेषनाथ यादव, बक्सर जिलाध्यक्ष, राजद

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हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी के इस बयान पर बीजेपी की जिलाध्यक्ष माधुरी कुंवर ने भी पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि मेरे इस बयान के बाद हो सकता है कि पार्टी के वरीय नेता मुझपर कार्रवाई करें. लेकिन मुझे इसकी चिंता नहीं है. सच तो ये है कि किसी न किसी रूप में मांझी जी भी राम को मानते होंगे. जीतन राम मांझी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है.

"कोई अपने जन्मदाता को काल्पनिक कैसे कह सकता है. ऐसे लोगों की मानसिकता के कारण हमारा देश 200 वर्षो तक अंग्रेजों का गुलाम रहा. एक बार फिर देश में विरोधी ताकतें सर उठा रही हैं. जीतन राम मांझी को लालच देकर इस तरह का बयान दिलवाया जा रहा है. लेकिन मांझी जी यह भूल रहे हैं कि बाबरी मस्जिद की जब खुदाई हुई थी तो उस समय राम के होने के कई प्रमाण मिले थे. यह बात जीतन राम मांझी कैसे भूल गए."- माधुरी कुंवर, बक्सर जिलाध्यक्ष, बीजेपी

गौरतलब है कि त्रेता युग मे भगवान श्रीराम अपने भ्राता लक्ष्मण एवं ऋषि विश्वामित्र के साथ बक्सर पधारे थे.बक्सर में उन्होंने ताड़का, सुबाहु, मारीच आदि राक्षसों का वध कर नारी हत्या दोष से मुक्ति पाने के लिए उत्तरायणी गंगा के तट पर स्नान किया था. उस स्थान को आज भी राम रेखा घाट के नाम से जाना जाता है. श्रीराम के चरण पादुका के निशान आज भी वहां मौजूद हैं.

दरअसल, जीतन राम मांझी ने श्रीराम को काल्पनिक बताने वाली बातें मंगलवार को तब कहीं जब उनसे सवाल पूछा गया कि मध्य प्रदेश में जिस तरीके से रामायण को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है तो क्या बिहार में भी ऐसा होना चाहिए जैसा कि बीजेपी नेताओं की तरफ से मांग की जा रही है. जीतन राम मांझी ने श्रीराम को काल्पनिक बताने वाली बातें कहीं, वहीं दूसरी तरफ उनकी ओर से इस बात की भी वकालत की गई कि रामायण को बिहार के स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए ताकि लोग उससे अच्छी बातें सीख सकें.

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