पटना: किसानों की समस्याओं को लेकर भारत बंद (Bharat Bandh) का आह्वान किया गया था. बिहार में भी विपक्षी दलों (Opposition Parties) ने एकजुटता के साथ बंद का समर्थन किया. राज्य के विभिन्न जिलों में भारत बंद का असर देखने को मिला है. पटना के डाक बंगला चौराहे पर भी नेता और कार्यकर्ता सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करते हुए देखे गए. इनमें सबसे ज्यादा वाम दलों की सक्रियता रही.
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किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया था. बिहार के मुख्य विपक्षी दल राजद (RJD) समेत तमाम महागठबंधन के घटक दलों ने बंद का समर्थन किया था. बड़ी संख्या में नेता सड़कों पर भी उतरे थे. बंद को लेकर दावों का दौर जारी है, राजद ने जहां बंद को सफल करार दिया है. वहीं, बीजेपी ने बंद को असफल करार दिया है.
किसानों की ओर से बुलाए गए भारत बंद को बीजेपी (BJP) ने फ्लॉप करार दिया है. बीजेपी का कहना है कि मोदी सरकार किसानों की सबसे बड़ी हितैषी सरकार है. बीजेपी प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा कि बंद पूरी तरह असफल रहा है. बंद को जनता का समर्थन हासिल नहीं हुआ है.
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''हर बार की तरह इस बार भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सड़क पर नहीं दिखे. नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानों की चिंता की है और वर्तमान में 6000 रुपए उनके खातों में जा रहे हैं.''- अखिलेश सिंह, बीजेपी प्रवक्ता
''बिहार और केंद्र में किसान विरोधी सरकार है. तीनों काले कानून किसानों की कमर तोड़ने वाले हैं. सरकार को किसानों की चिंता नहीं है. केंद्र की सरकार सिर्फ पूंजीपतियों की चिंता कर रही है. केंद्र सरकार तीनों काला कानून वापस लें.''- एजाज अहमद, राजद प्रवक्ता
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आपको बता दें कि भारत बंद के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) गायब रहे. हालांकि, नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पटना में नहीं हैं. उन्होंने खुद 2 दिन पहले महागठबंधन की बैठक करके ऐलान किया था कि राष्ट्रीय जनता दल (Rashtriya Janata Dal) किसान संगठनों के बंद को सक्रिय समर्थन देगा, लेकिन इस सक्रिय समर्थन की घोषणा करने के बाद वे खुद दिल्ली रवाना हो गए.