पटनाः कोरोना संकट के समय में भी बिहार में सियासत बदस्तूर जारी है. सत्ता पक्ष ने तेजस्वी यादव के एक बार फिर बिहार से गायब होने पर सवाल खड़े किए हैं. एनडीए के नेताओं का कहना है कि नेता प्रतिपक्ष राज्य में आपदा और विपदा के समय हमेशा गायब हो जाते हैं और केवल सोशल मीडिया के जरिए भ्रम फैलाने की कोशिश करते हैं.
बीजेपी और जदयू के नेताओं का कहना है कि तेजस्वी यादव को जनता की परेशानियों से कोई सरोकार नहीं है. सिर्फ ट्वीट करके राजनीति में बने रहने की कोशिश करते हैं. वहीं तेजस्वी के गायब रहने पर आरजेडी ने चुप्पी साध ली है. हालांकि आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी का कहना है कि जब विपक्ष का कोई सुझाव सरकार मान ही नहीं रही है तो विपक्ष क्या करे.
'जो स्थिति राहुल गांधी की देश में है, वही स्थिति बिहार में तेजस्वी यादव की बन गई है. तेजस्वी सिर्फ नकारात्मक बात करते हैं. अगर सही सुझाव दें तो सरकार भी उनके सुझाव को गंभीरता से ले. लेकिन वो कहां रहते हैं, यह भी पता नहीं चलता है. केवल बयानबाजी कर राजनीति में बने रहने की कोशिश कर रहे हैं'. नितिन नवीन, पथ निर्माण मंत्री
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'केवल ट्वीट से बने रहते हैं तेजस्वी'
वहीं, जदयू के वरिष्ठ नेता सुनील सिंह का कहना है कि आरजेडी के राजकुमार नकारात्मक बातें कर रहे हैं. सरकार काम कर रही है, जबकि नेता प्रतिपक्ष उसमें खामी निकालते रहते हैं. खुद लगातार गायब हैं, केवल ट्वीट से बने रहने की कोशिश कर रहे हैं.
'हमारे नेता तेजस्वी यादव ने तो शुरू में ही सुझाव दिया था, लेकिन सरकार विपक्ष के किसी भी सुझाव को मान ही नहीं रही है- मृत्युंजय तिवारी , आरजेडी प्रवक्ता
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तेजस्वी पर बोलने से बच रही कांग्रेस
तेजस्वी यादव के बिहार से गायब रहने के मामले में सहयोगी कांग्रेसी भी तेजस्वी को लेकर खुलकर बोलने से बच रहे हैं. ऐसे कोरोना काल में तेजस्वी यादव हर दिन एक या दो ट्वीट करते हैं. अब तक उन्होंने 80 से 90 ट्वीट करके सरकार को घेरने की कोशिश की है.
राजनीतिक गतिविधियां बंद , सियासत नहीं
बता दें कि बिहार में लॉकडाउन के बाद कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर थोड़ा ब्रेक लगा है. हालांकि अभी भी 10,000 से अधिक कोरोना संक्रमित हर रोज मिल रहे हैं. बड़ी संख्या में लोगों की मौत भी हो रही है. पिछले 5 दिनों में कोरोना वायरस का दर 15.59% से घटकर 10.6% पर आ गया है. इसके कारण थोड़ी राहत जरूर मिली है. लेकिन अभी मुश्किलें कम नहीं हुई हैं. इन परिस्थितियों में पप्पू यादव की गिरफ्तारी से लेकर बक्सर में बड़ी संख्या में लाशों के मिलने के कारण सरकार पर सवाल उठ रहे हैं. संक्रमण और लॉकडाउन के कारण बिहार में राजनीतिक गतिविधि भले बंद हो, लेकिन सियासत नहीं थमी है.