पटना: लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास हो गया है, आज राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा चल रही है. कानून बनते ही लोकसभा और विधानसभा में महिलाओं के लिए 33% सीट आरक्षित हो जाएगी. बिहार की सत्ताधारी जेडीयू ने भी इस बिल का समर्थन किया है. हालांकि पार्टी का कहना है कि पिछड़े समाज की महिलाओं के लिए आरक्षण के अंदर आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. जेडीयू कोटे से लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज का कहना है महिला आरक्षण के लिए नीतीश कुमार का मॉडल सबसे अच्छा है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण बिल लाया है, वह स्वागत योग्य है लेकिन उसमें ओबीसी और एससी-एसटी के लिए आरक्षण की व्यवस्था सरकार करे तो वह बेहतर होगा.
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"जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मौका मिला है, तब से उन्होंने बिहार में महिलाओं को आरक्षण देने का काम किया है. संसद में रहते हुए भी उन्होंने महिलाओं के हक में आवाज उठाई थी. अभी जो केंद्र की ओर से महिला आरक्षण बिल लाया गया है, उसमें सबसे बड़ी कमी ये है कि पिछड़े समाज की महिलाओं के आरक्षण की बात नहीं की गई है, जोकि अन्याय है"- जयंत राज, मंत्री, बिहार, सरकार
'आरक्षण पर नीतीश का मॉडल बेस्ट': महिला आरक्षण बिल नारी शक्ति वंदन को लेकर लघु जल संसाधन मंत्री जयंत राज ने बातचीत करते हुए कहा कि बिहार में जब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सत्ता संभाली है, तब से लगातार महिलाओं को आरक्षण देने का काम किया है. 1990 में जब संसद में थे, तब भी महिला आरक्षण को लेकर लगातार आवाज उठाते थे. जयंत राज ने कहा कि बिहार में 2006 में पंचायत में महिलाओं को 50% आरक्षण दिया गया और आज पुलिस बहाली में महिलाओं को जो आरक्षण दिया गया है, उसके कारण देश में सबसे अधिक महिला पुलिस बल बिहार में है.
'पिछड़ी जाति के लिए आरक्षण की व्यवस्था हो': बिहार सरकार की नौकरियों में 35% महिलाओं को आरक्षण दिया गया है और अभी इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में नामांकन में भी महिलाओं को आरक्षण दिया गया है तो मुख्यमंत्री ने हर तरह से महिलाओं को आरक्षण देने की कोशिश बिहार में की है. मंत्री ने कहा केंद्र सरकार कि ओर से जो आरक्षण के लिए पहल की गई है, उसमें पिछड़ी महिलाओं का कोई जिक्र नहीं है. जब तक सभी वर्गों को आरक्षण नहीं देंगे, तब तक बराबरी का अधिकार कैसे मिलेगा.
महिला आरक्षण का चुनावी लाभ?: 2024 में लोकसभा चुनाव होना है, क्या महिला आरक्षण बिल उसको ध्यान में रखकर लाया गया है? इस सवाल जयंत राज ने कहा कि हम लोग पहले से ही कहते रहे हैं कि मोदी सरकार जो भी काम करती है, वह चुनाव को ध्यान में रखकर ही करती है लेकिन यदि आरक्षण दे ही रहे हैं तो इसको बेहतर ढंग से लाते. पिछड़े समाज की महिलाओं को भी कोटा फिक्स कर देते तो अच्छा रहता.
महिला आरक्षण बिल के समर्थन में जेडीयू: उधर, केंद्र सरकार की ओर से कैबिनेट में जब मुहर लगी तो उसी समय महिला आरक्षण का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वागत किया. हालांकि सीएम की तरफ से भी कहा गया कि एससी-एसटी और ओबीसी महिलाओं को इस आरक्षण में जगह दी जाए, वहीं लोकसभा में बिल पास हो चुका है और जेडीयू की तरफ से बिल का समर्थन जरूर किया गया लेकिन ललन सिंह ने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा. साथ ही मोदी सरकार की मंशा पर सवाल भी खड़ा किया.