पटना: बिहार सरकार का पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग (डीओईएफसीसी) दुबई में इंडिया पवेलियन में अपने हस्तक्षेप के दौरान अपनी टिकाऊ प्रथाओं का एक व्यापक अवलोकन प्रदर्शित करेगा. यह पर्यावरणीय प्रबंधन के प्रति राज्य की प्रतिबद्धता को रेखांकित करेगा. वैश्विक समुदाय की दुबई में पार्टियों के सम्मेलन सीओपी 28 के लिए इकट्ठा हो रहा है.
कार्यक्रम का उद्देश्य: कार्यक्रम में बिहार के चयनित अधिकारी वनीकरण पहल की एक श्रृंखला प्रस्तुत करेंगे, जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में एक रोल मॉडल के रूप में काम करने की क्षमता रखते हैं. सीओपी उन देशों की एक वार्षिक सभा है, जो जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) पर हस्ताक्षरकर्ता हैं. जिसका उद्देश्य प्रगति को मापना, बहुपक्षीय प्रतिक्रियाओं पर बातचीत करना, जीएचजी उत्सर्जन को सीमित करना और ग्लोबल वार्मिंग का मुकाबला करना है.
दुबई जाएगी प्रतिनिधिमंडल: इस साल का सम्मेलन 30 नवंबर से 12 दिसंबर तक एक्सपो सिटी, दुबई में हो रहा है. जिसमें 198 हस्ताक्षरकर्ता देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की तीन सदस्यीय टीम के नेतृत्व में दुबई में एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें सचिव बंदना प्रेयषी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आशुतोष और निदेशक, पारिस्थितिकी सुरेंद्र सिंह शामिल हो रहे हैं.
बिहार की वनीकरण योजनाओं का COP28 में प्रदर्शन: COP28 में प्रदर्शित की जाने वाली बिहार की वनीकरण योजनाओं की मुख्य विशेषताओं में स्वदेशी पौधों पर ध्यान केंद्रित करना, वृक्षारोपण और नर्सरी तैयार करने में जीविका (स्वयं सहायता समूह) की सक्रिय भागीदारी, किसानों की भूमि पर बड़े पैमाने पर कृषि वानिकी शामिल है, और वन पुनर्जनन को सुविधाजनक बनाने के लिए मिट्टी की नमी संरक्षण उपायों के साथ वनीकरण गतिविधियों का एकीकरण शामिल है.
"मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में, बिहार वनीकरण के माध्यम से जलवायु संकट प्रबंधन में एक रोल मॉडल के रूप में उभरा है. 2012-13 में हरियाली मिशन के शुभारंभ के बाद से कुल 381.008 मिलियन वृक्षारोपण के साथ, राज्य का हरित आवरण 2019 में 9.9% से बढ़कर 2021 में 14.75% हो गया है. भारत राज्य वन रिपोर्ट, 2021 के अनुसार परिणामस्वरूप कुल कार्बन पृथक्करण 56.88 मिलियन टन रहा है."- वंदना प्रेयसी, सचिव, वन एवं पर्यावरण विभाग
प्रतिनिधिमंडल का लक्ष्य: क्योंकि बिहार टिकाऊ प्रथाओं के मामले में सबसे आगे है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल का लक्ष्य वैश्विक सहयोग को प्रेरित करना और जलवायु परिवर्तन को कम करने में वनीकरण की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करना है. बिहार में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन विभाग राज्य की समृद्ध जैव विविधता को संरक्षित करने, सतत विकास सुनिश्चित करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों में सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए समर्पित है.
क्या है COP28? : यह समिट उत्सर्जन को कम करने और मौसम संबंधी घटनाओं से निपटने में विकासशील देशों का समर्थन करने पर केंद्रित होगा. यह जलवायु को लेकर UN की कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज की 28वीं बैठक का हिस्सा है, इसलिए इसे COP28 नाम दिया गया है. इस समिट में दुनियाभर के कई वैश्विक नेता ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने और जलवायु परिवर्तन से प्रभावी ढंग से निपटने के तरीकों पर चर्चा करेंगे.