पटना: राज्य में एक तरफ चुनावी माहौल है और दूसरी तरफ नीतीश कुमार एवं स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ नारेबाजी चल रही है. सोमवार को सूबे में एक बार फिर से बिहार के सभी सरकारी अस्पतालों में कार्यरत जूनियर डॉक्टर सामूहिक रूप से हड़ताल पर चले गए हैं. जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन अपनी अहम मांगों को पूरा किए जाने को लेकर राज्य सरकार से मदद चाह रहे हैं.
मांग पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल
राज्य के तमाम मेडिकल कॉलेज के पीजी एवं यूजी के छात्रों ने आज से कार्य बहिष्कार करने की बात कही है. पीएमसीएच में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष शंकर भारती ने बताया कि प्रदेश के सभी सरकारी मेडिकल कॉलेज के पीजी एवं यूजी के छात्र हड़ताल पर चले गए हैं. राज्य के मेडिकल कॉलेजों में सरकार द्वारा एम्स के छात्रों को पीजी में नामांकन का मौका दिया जा रहा है, जबकि बिहार के छात्रों को एम्स में नामांकन का मौका नहीं मिल रहा है. इस संबंध में कई बार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से मुलाकात की गई. लेकिन, इनकी मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. अंत में विवश होकर जेडीए ने कार्य का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है. उनका कहना है कि जबतक मांगें पूरी नहीं होगी कार्य का बहिष्कार जारी रहेगा.
यह है मांग :-
- पटना एम्स के एमबीबीएस उतीर्ण छात्रों को बिहार कोटे की 50 प्रतिशत सीट में शामिल नहीं किया जाए.
- आईजीआईएमएस की तरह पीजी छात्रों को भी स्टाइपेंड दिया जाना चाहिए.
- एसआर की योग्यता की अधिकतम उम्र सीमा 37 से बढ़ाकर 45 वर्ष किया जाए.
- पीजी विद्यार्थियों के पठन-पाठन के लिए अस्पताल में अत्याधुनिक सुविधा युक्त लाइब्रेरी एवं एमसीआई के मापदंड अनुसार व्यवस्था सुनिश्चित किया जाए.
- औषधि विभाग में बेड की संख्या बढ़ाई जाए इस विभाग को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में स्थानांतरित किया जाना चाहिए.
- औषधि विभाग में टीएमटी होल्डर इन सीवी ईसीजी मीकू में यूसीजी की स्वास्थ्य सुनिश्चित हो, प्रसूति में एबीजी मशीन लगाई जाए.