मदुरैः तमिलनाडु के थिरुपरनकुंद्रम में धार्मिक भावना आहत होने के मुद्दे को लेकर मुदरै जिला प्रशासन ने सोमवार से ही निषेधाज्ञा लागू किया है. इसके बाद पुलिस पूरे मदुरै जिले में पुलिस गहन निगरानी कर रही है. धार्मिक संगठन के बुलाये गये बंद को लेकर निषेधाज्ञा लागू किया गया है. मंगलवार 4 फरवरी को थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित सिकंदर दरगाह पर बकरे और मुर्गे की बलि को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले थे. इस बीच मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने हिंदू संगठनों को थिरुपरनकुंद्रम दरगाह मुद्दे पर मदुरै के पलंगनाथम में 4 फरवरी को शाम 5 बजे से शाम 6 बजे तक एक घंटे का विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है.
क्या है मामलाः मदुरै निगम के अंतर्गत आने वाला थिरुपरनकुंद्रम मुरुगन मंदिर तमिल देवता मुरुगन का पैतृक घर है. हाल ही में पुलिस द्वारा थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी पर स्थित सिकंदर दरगाह पर बकरे और मुर्गे की बलि पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इस्लामी संगठनों ने इसका विरोध किया था. इसके बाद हिंदुत्व संगठनों ने 4 फरवरी को थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी की रक्षा के नारे के साथ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था. जिसके बाद मदुरै जिला कलेक्टर संगीता ने नोटिस जारी किया. बीएनएसएस की धारा 163 (पूर्व में सीआरपीसी की धारा 144) के तहत निषेधाज्ञा लागू किया.
क्या है आदेश मेंः "हिंदू संगठन और उनके समर्थक संगठन 4 फरवरी को थिरुपरनकुंद्रम मंदिर के सामने विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं, और दक्षिणी जिलों के विभिन्न संगठनों के लोग भी इसमें भाग लेने जा रहे हैं. पुलिस ने इस विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से इनकार कर दिया है. इस बीच, हिंदू और इस्लामी संगठनों से जुड़े लोग थिरुपरनकुंद्रम पहाड़ी को लेकर अपनी मांगें और अलग-अलग राय सोशल मीडिया पर अपलोड कर रहे हैं. इससे असामान्य स्थिति पैदा होने की संभावना है. इसलिए, मदुरै शहर और मदुरै जिले में 3 फरवरी सुबह 6 बजे से 4 फरवरी मध्यरात्रि (12 बजे) तक 2 दिनों के लिए सार्वजनिक शांति बनाए रखने के लिए विरोध प्रदर्शन, बैठकों और धरनों पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया गया है."
सुरक्षा जांच के बाद मंदिर में प्रवेशः इसके बाद सोमवार से ही थिरुपरनकुंद्रम के आसपास के सभी इलाकों में पुलिस ने बैरीकेडिंग कर दी है. सभी लोगों को जांच के बाद ही मंदिर में प्रवेश करने दिया जा रहा है. इसके अलावा मदुरै जिले और शहर की सीमा में चेकपोस्ट पर पुलिस निगरानी बढ़ा दी गई है. इसके अलावा, अवैध रूप से प्रवेश करने वाले लोगों को गिरफ्तार किया गया है. 144 निषेधाज्ञा के बाद मदुरै जिले और आसपास के शहर में 4 हजार से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा कार्य में लगे हुए हैं. थिरुपरनकुंद्रम मंदिर के आसपास एक हजार से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा कार्य में लगे हुए हैं.
बाहर से आनेवाले लोगों पर नजरः मंदिर में भक्तों के आने की संख्या बहुत कम रही. मंदिर के आसपास की अधिकांश दुकानें बंद रही. इसके कारण व्यापारियों को काफी नुकसान हुआ है. इसके अलावा, बाहरी जिलों से ट्रेन द्वारा मदुरै आने वाले हिंदू संगठनों को पकड़ने के लिए रेलवे स्टेशन, पूर्वी प्रवेश द्वार और पश्चिमी प्रवेश द्वार सहित सभी मार्गों पर 60 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं. पुलिस ने विरोध प्रदर्शन जारी रखने वाले हिंदू संगठनों की पहचान करने और उनसे पूछताछ करने के बाद उन्हें पास के एक निजी हॉल में नजरबंद करने की व्यवस्था की है.
क्या कहा सरकारी वकील नेः सुंदरवदिवेल और मुरुगन ने मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ में एक याचिका दायर की, जिसमें धारा 144 लागू करने और पुलिस की घोषणा को चुनौती दी गई. मामले की सुनवाई जस्टिस जयचंद्रन और पूर्णिमा की पीठ ने की. राज्य सरकार ने तर्क दिया कि थिरुपरनकुंद्रम मुद्दे को बाबरी मस्जिद जैसी स्थिति में नहीं बदलने दिया जाना चाहिए. उन्होंने विरोध प्रदर्शन की अनुमति न देने के लिए 11 तारीख तक चल रहे त्यौहारी सीजन का हवाला दिया. न्यायाधीशों ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ़ कानूनी कार्रवाई के बारे में पुलिस की सार्वजनिक घोषणा पर अपनी असहमति व्यक्त की और कहा कि यह सही दृष्टिकोण नहीं है.
कोर्ट ने दिये निर्देशः उन्होंने सरकारी वकील को निर्देश दिया कि वे इस बारे में जानकारी दें कि विरोध प्रदर्शन की अनुमति कब दी जा सकती है. दोपहर 2 बजे मामले की फिर से सुनवाई की गई. न्यायाधीशों ने कहा कि विरोध करने का अधिकार मौजूद है, लेकिन इसका प्रयोग संविधान के ढांचे के भीतर और सार्वजनिक व्यवस्था को बाधित किए बिना किया जाना चाहिए. उन्होंने हिंदू संगठनों को आज शाम 5 बजे से शाम 6 बजे तक पलंगनाथम में एक घंटे का विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी, जिसमें कुछ शर्तें शामिल थीं. इन शर्तों में शामिल थीं. जैसे, पुलिस पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करेगी. केवल एक माइक्रोफोन का उपयोग होगा. कोई भड़काऊ नारे नहीं लगाये जाएंगे. पूरे विरोध की वीडियो रिकॉर्डिंग की जाएगी.
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