ETV Bharat / state

CM नीतीश कुमार का बड़ा बयान- नहीं छोड़े हैं बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा बयान दिया है. पटना में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग पुरानी है, वो जारी रहेगी. पढ़ें पूरी खबर...

nitish
nitish
author img

By

Published : Sep 29, 2021, 7:14 PM IST

पटना: बिहार में 'विशेष' पर सियासत जारी है. इसको लेकर पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं. इन सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे ( Special Status ) की मांग तो पुरानी है. वह तो बिहार के विकास के लिए जरूरी है.

नीतीश ने आगे कहा कि कमेटी भी बनी थी लेकिन कांग्रेस सरकार ने कुछ किया नहीं. 2014 में कमीशन की रिपोर्ट भी आई. कहा गया कि रिपोर्ट में कुछ नहीं बोला गया है. फैसला लेना तो केंद्र सरकार को ही है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मंत्री जी ने जो भी कहा है, वह उनके कहने का अपना तरीका है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- अब 'विशेष दर्जे' की मांग नहीं... नीतीश के मंत्री बोले- 16 साल से मांग करते-करते थक गए

'बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग पुरानी है, वो जारी रहेगी, इस मामले में केंद्र सरकार को निर्णय लेना है, राज्य में विकास हो, शुरू से मांग करते आ रहे हैं.'- नीतीश कुमार, सीएम

बता दें कि बिहार सरकार में योजना-विकास और ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ( Vijendra Yadav ) ने एलान कर दिया है कि अब बिहार सरकार केन्द्र से विशेष दर्जे की मांग नहीं करेगी. पटना में में पत्रकारों से बात करते हुए विजेंद्र यादव ने कहा- 'विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते-करते हम थक गए हैं. केंद्र सरकार ने विशेष राज्य के दर्जा को लेकर कमेटी का भी गठन किया था. उसकी रिपोर्ट भी आयी. लेकिन उसके बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ. अब कितनी मांग की जाए.'

ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन : हर भारतीय के पास होगा हेल्थ कार्ड, जानिए कैसे बनेगा, क्या होंगे फायदे

'मांग करने की एक सीमा होती है. कब तक मांगा जाएगा. 7-8 साल से तो मांग रहे हैं लेकिन कुछ हुआ नहीं. अनवरत यह सिलसिला कब तक चलेगा. हम लोग तो एक सरकार में हैं. इसलिए अब हम लोग अपना काम कर रहे हैं.' - विजेंद्र यादव, मंत्री, योजना एवं विकास विभाग

बता दें कि साल 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार आयी थी. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. तब से ही नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं. यही नहीं, साल 2010 के विधानसभा चुनाव के बाद तो नीतीश ने एलान भी कर दिया था कि जो कोई भी पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगी, वे उसका समर्थन कर देंगे. उस वक्त भी नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ चुनाव लडे थे और सरकार भी बनाए थे.

ये भी पढ़ें- बिहार को फिसड्डी बताने वाले 'नीति आयोग की रैंकिंग' पर सरकार ने जताई आपत्ति, भेजा मेमोरेंडम

उस वक्त केंद्र में यूपीए सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. साल 2013 में केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सरकार ने बिहार समेत देश के कुछ दूसरे राज्यों द्वारा विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर विचार करने के लिए रघुराम राजन कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना कि बिहार देश में उड़ीसा के बाद सबसे पिछडा राज्य है. लेकिन रघुराम राजन कमेटी ने किसी भी राज्य को विशेष दर्जा देने का प्रावधान खत्म कर देने की ही सिफारिश कर दी थी.

पटना: बिहार में 'विशेष' पर सियासत जारी है. इसको लेकर पक्ष और विपक्ष एक दूसरे पर जुबानी हमला बोल रहे हैं. इन सब के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ( CM Nitish Kumar ) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि विशेष राज्य के दर्जे ( Special Status ) की मांग तो पुरानी है. वह तो बिहार के विकास के लिए जरूरी है.

नीतीश ने आगे कहा कि कमेटी भी बनी थी लेकिन कांग्रेस सरकार ने कुछ किया नहीं. 2014 में कमीशन की रिपोर्ट भी आई. कहा गया कि रिपोर्ट में कुछ नहीं बोला गया है. फैसला लेना तो केंद्र सरकार को ही है. मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि मंत्री जी ने जो भी कहा है, वह उनके कहने का अपना तरीका है.

देखें वीडियो

ये भी पढ़ें- अब 'विशेष दर्जे' की मांग नहीं... नीतीश के मंत्री बोले- 16 साल से मांग करते-करते थक गए

'बिहार के लिए विशेष राज्य के दर्जा की मांग पुरानी है, वो जारी रहेगी, इस मामले में केंद्र सरकार को निर्णय लेना है, राज्य में विकास हो, शुरू से मांग करते आ रहे हैं.'- नीतीश कुमार, सीएम

बता दें कि बिहार सरकार में योजना-विकास और ऊर्जा विभाग के मंत्री विजेंद्र यादव ( Vijendra Yadav ) ने एलान कर दिया है कि अब बिहार सरकार केन्द्र से विशेष दर्जे की मांग नहीं करेगी. पटना में में पत्रकारों से बात करते हुए विजेंद्र यादव ने कहा- 'विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग करते-करते हम थक गए हैं. केंद्र सरकार ने विशेष राज्य के दर्जा को लेकर कमेटी का भी गठन किया था. उसकी रिपोर्ट भी आयी. लेकिन उसके बाद भी कोई फैसला नहीं हुआ. अब कितनी मांग की जाए.'

ये भी पढ़ें- प्रधानमंत्री डिजिटल हेल्थ मिशन : हर भारतीय के पास होगा हेल्थ कार्ड, जानिए कैसे बनेगा, क्या होंगे फायदे

'मांग करने की एक सीमा होती है. कब तक मांगा जाएगा. 7-8 साल से तो मांग रहे हैं लेकिन कुछ हुआ नहीं. अनवरत यह सिलसिला कब तक चलेगा. हम लोग तो एक सरकार में हैं. इसलिए अब हम लोग अपना काम कर रहे हैं.' - विजेंद्र यादव, मंत्री, योजना एवं विकास विभाग

बता दें कि साल 2005 में बिहार में एनडीए की सरकार आयी थी. नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने. तब से ही नीतीश कुमार बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं. यही नहीं, साल 2010 के विधानसभा चुनाव के बाद तो नीतीश ने एलान भी कर दिया था कि जो कोई भी पार्टी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देगी, वे उसका समर्थन कर देंगे. उस वक्त भी नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ चुनाव लडे थे और सरकार भी बनाए थे.

ये भी पढ़ें- बिहार को फिसड्डी बताने वाले 'नीति आयोग की रैंकिंग' पर सरकार ने जताई आपत्ति, भेजा मेमोरेंडम

उस वक्त केंद्र में यूपीए सरकार थी और मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे. साल 2013 में केंद्र की तत्कालीन मनमोहन सरकार ने बिहार समेत देश के कुछ दूसरे राज्यों द्वारा विशेष राज्य के दर्जे की मांग पर विचार करने के लिए रघुराम राजन कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में माना कि बिहार देश में उड़ीसा के बाद सबसे पिछडा राज्य है. लेकिन रघुराम राजन कमेटी ने किसी भी राज्य को विशेष दर्जा देने का प्रावधान खत्म कर देने की ही सिफारिश कर दी थी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.