पटनाः बिहार विधानमंडल के मानसून सत्र का पहला दिन हंगामेदार रहा. तेजस्वी यादव के इस्ताफे की मांग सदन के अंदर और बाहर गूंजती रही. दरअसल, लैंड फॉर जॉब के मामले में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है. उपमुख्यमंत्री पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद से विपक्ष सरकार पर हमलावर है. हम पार्टी ने भी नीतीश कुमार पर निशाना साधा है.
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तेजस्वी यादव से इस्तीफे की मांगः पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नैतिकता के अधार पर तेजस्वी यादव को इस्तीफा दे देना चाहिए. हमसे यही नीतीश कुमार जी ने इस्तीफा लिया था. आज वही नीतीश कुमार हैं उनको चाहिए कि वह चार्जशिटेड उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से इस्तीफा लें. पिछली बार महागठबंधन से संबंध इसी बात से उन्होंने तोड़ा था तो अब क्या हो गया, जो तेजस्वी यादव से इस्तीफा नहीं मांग रहे हैं.
"अगर तेजस्वी यादव इस्तीफा नहीं देते हैं तो फिर मुख्यमंत्री कार्रवाई करें. मैं इस्तीफा मांगने वाला कोई नहीं हूं मुख्यमंत्री को इस्तीफा मांगना चाहिए. हमको बाहर किया गया हम बाहर का रास्ता देखे हैं. हमने मर्ज नहीं किया, इसीलिए बाहर का रास्ता देखना पड़ा है"- जीतन राम मांझी, पूर्व मुख्यमंत्री
भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात करते हैं सीएमः वहीं, तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मुख्यमंत्री के एक साथ विधानसभा में आने पर उन्होंने कहा कि अच्छी बात है और यह सब बना कर रखना चाहिए. इससे विधानसभा का सत्र अच्छा चलेगा. आपको बता दें कि नीतीश कुमार भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का दावा करते हैं और पहले कई बार नीतीश कुमार ने भ्रष्टाचार के आरोपों में कई मंत्रियों से इस्तीफा लिया है. इस फेहरिस्त में पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी का नाम भी शामिल है. पूर्व शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी और कार्तिक सिंह से भी इस्तीफा लिया गया था.