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दिल्ली चुनाव परिणाम का बिहार में होगा साइड इफेक्ट? नीतीश मॉडल पर उठ रहे सवाल

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Published : Feb 13, 2020, 2:33 PM IST

विश्लेषक का दावा है कि नीतीश कुमार लगातार बीजेपी का हर मुद्दे पर साथ दे रहे हैं. इसका खामिया चुनाव में भुगतना पड़ सकता है. वहीं, शिक्षा, स्वास्थ्य, बेरोजगारी जैसे अहम मुद्दे पर ध्यान देने के बजाय सिर्फ शराबबंदी, जल जीवन हरियाली पर फोकस कर रहे हैं. दिल्ली के विकास मॉडल ने लोगों का ध्यान आकृष्ट किया है. ऐसे में चुनाव में जरुर प्रभाव डालेगा.

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जनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर

पटनाः दिल्ली विधानसभा चुनाव में एनडीए ने पूरी ताकत लगा दी बावजूद इसके अरविंद केजरीवाल ने प्रचंड जीत हासिल की. दिल्ली के बाद अब बिहार में चुनाव को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है. राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि केजरीवाल के विकास मॉडल का असर बिहार में भी पड़ेगा. हालांकि जेडीयू साफ-साफ कह रही है कि बिहार में नीतीश के सामने कोई भी नहीं है.

राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर का कहना है कि बीजेपी के सुर में सुर मिलाने से नीतीश कुमार को नुकसान उठाना पड़ सकता है. बता दें कि पिछले तीन बार से बिहार में एनडीए की सरकार है. बीच के महागठबंधन की सरकार को छोड़ दें तो एनडीए की सरकार नीतीश कुमार बिहार में लगातार एनडीए का चेहरा रहे हैं. इस बार भी चुनाव में एनडीए का सीएम कैंडिडेट रहेंगे. दिल्ली में जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी के चुनाव लड़ने के बाद भी हार पर केजरीवाल का विकास मॉडल चर्चा में है. डीएम दिवाकर का कहना है कि दिल्ली का इफेक्ट बिहार पर ही पड़ेगा.

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जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर का कहना है कि इसके पीछे कई कारण है.

  • 1. बिहार में पिछले कुछ सालों से विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है. सरकार सिर्फ नशा मुक्ति, दहेज बंदी, जल जीवन हरियाली जैसे अभियानों पर पूरी ताकत लगा रही है.
  • 2. शिक्षा, स्वास्थ्य की स्थिति बिहार में पूरी तरह खराब है. वहीं, दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने इस पर बहुत ही बेहतर काम किया है. जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है.
  • 3. नीतीश कुमार लगातार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. बावजूद इसके पलायन नहीं रुक रहा है. आज भी सबसे अधिक पलायन बिहार से ही हो रहा है. बिहार में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है.
    ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट
  • 4. नीतीश कुमार बीजेपी के सुर में सुर मिला रहे हैं. दूसरी तरफ बीजेपी लगातार कई राज्यों में चुनाव हार रही है. इसका खामियाजा नीतीश कुमार को भी उठाना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ेंः मिशन 2020: प्रशांत किशोर होंगे बिहार में आम आदमी पार्टी का चेहरा!

'सब पर भारी नीतीश कुमार'

वहीं, जेडीयू नेता का दावा है कि बिहार में नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं है. प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि नीतीश कुमार ने विकास कार्यों के बदौलत जनता के दिलों में जगह बनाई है. जेडीयू नेता की मानें तो पार्टी लगातार शानदार जीत की ओर बढ़ रही है. नीतीश कुमार अपने काम के दम पर बिहार में सब पर भारी हैं.

पटनाः दिल्ली विधानसभा चुनाव में एनडीए ने पूरी ताकत लगा दी बावजूद इसके अरविंद केजरीवाल ने प्रचंड जीत हासिल की. दिल्ली के बाद अब बिहार में चुनाव को लेकर चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है. राजनीतिक विश्लेषक का कहना है कि केजरीवाल के विकास मॉडल का असर बिहार में भी पड़ेगा. हालांकि जेडीयू साफ-साफ कह रही है कि बिहार में नीतीश के सामने कोई भी नहीं है.

राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर का कहना है कि बीजेपी के सुर में सुर मिलाने से नीतीश कुमार को नुकसान उठाना पड़ सकता है. बता दें कि पिछले तीन बार से बिहार में एनडीए की सरकार है. बीच के महागठबंधन की सरकार को छोड़ दें तो एनडीए की सरकार नीतीश कुमार बिहार में लगातार एनडीए का चेहरा रहे हैं. इस बार भी चुनाव में एनडीए का सीएम कैंडिडेट रहेंगे. दिल्ली में जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी के चुनाव लड़ने के बाद भी हार पर केजरीवाल का विकास मॉडल चर्चा में है. डीएम दिवाकर का कहना है कि दिल्ली का इफेक्ट बिहार पर ही पड़ेगा.

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जेडीयू प्रवक्ता राजीव रंजन

राजनीतिक विश्लेषक डीएम दिवाकर का कहना है कि इसके पीछे कई कारण है.

  • 1. बिहार में पिछले कुछ सालों से विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़ा है. सरकार सिर्फ नशा मुक्ति, दहेज बंदी, जल जीवन हरियाली जैसे अभियानों पर पूरी ताकत लगा रही है.
  • 2. शिक्षा, स्वास्थ्य की स्थिति बिहार में पूरी तरह खराब है. वहीं, दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने इस पर बहुत ही बेहतर काम किया है. जिसकी पूरी दुनिया में चर्चा हो रही है.
  • 3. नीतीश कुमार लगातार बिहार के मुख्यमंत्री हैं. बावजूद इसके पलायन नहीं रुक रहा है. आज भी सबसे अधिक पलायन बिहार से ही हो रहा है. बिहार में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है.
    ईटीवी भारत संवाददाता की रिपोर्ट
  • 4. नीतीश कुमार बीजेपी के सुर में सुर मिला रहे हैं. दूसरी तरफ बीजेपी लगातार कई राज्यों में चुनाव हार रही है. इसका खामियाजा नीतीश कुमार को भी उठाना पड़ सकता है.

ये भी पढ़ेंः मिशन 2020: प्रशांत किशोर होंगे बिहार में आम आदमी पार्टी का चेहरा!

'सब पर भारी नीतीश कुमार'

वहीं, जेडीयू नेता का दावा है कि बिहार में नीतीश कुमार का कोई विकल्प नहीं है. प्रदेश प्रवक्ता राजीव रंजन का कहना है कि नीतीश कुमार ने विकास कार्यों के बदौलत जनता के दिलों में जगह बनाई है. जेडीयू नेता की मानें तो पार्टी लगातार शानदार जीत की ओर बढ़ रही है. नीतीश कुमार अपने काम के दम पर बिहार में सब पर भारी हैं.

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