पटना: राज्य में साल 2020-21 के लिए विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दर निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है. इसको लेकर बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने लोगों से राय मांगी है. जानकारी के मुताबिक इस बार बिजली दर में करीब 10 फीसदी वृद्धि की संभावना है. जिसे देखते हुए बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) ने विरोध जताया है.
आंतरिक खर्च में अनावश्यक बढ़ोतरी
बीआईए के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने बताया कि बीआईए ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग को अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली के दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तार्किक नहीं है. इससे अनावश्यक बोझ बढ़ेगा.
पड़ोसी राज्यों की तुलना में लिया जा रहा 25 से 35% ज्यादा फिक्स्ड चार्ज
रामलाल खेतान ने कहा कि अपने अनावश्यक खर्चों का भार उपभोक्ताओं पर डालना कहीं से भी सही नहीं है. बिहार में औद्योगिक उपभोक्ताओं से अभी पड़ोसी राज्यों की तुलना में 25 से 35% ज्यादा फिक्स्ड चार्ज लिया जा रहा है. इसका सीधा असर औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन लागत पर पड़ता है. जिससे बिहार अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ जाता है.