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बिजली दर बढ़ाने का BIA ने किया विरोध, कहा- झारखंड और बंगाल से सीखे बिहार

बिजली उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दर निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है. बिजली दर की वृद्धि को लेकर बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई है.

Patna
बिजली बिल बढ़ाने का बीआईए ने किया विरोध
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Published : Dec 17, 2019, 11:49 PM IST

Updated : Dec 18, 2019, 8:11 AM IST

पटना: राज्य में साल 2020-21 के लिए विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दर निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है. इसको लेकर बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने लोगों से राय मांगी है. जानकारी के मुताबिक इस बार बिजली दर में करीब 10 फीसदी वृद्धि की संभावना है. जिसे देखते हुए बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) ने विरोध जताया है.

आंतरिक खर्च में अनावश्यक बढ़ोतरी
बीआईए के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने बताया कि बीआईए ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग को अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली के दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तार्किक नहीं है. इससे अनावश्यक बोझ बढ़ेगा.

बिजली बिल बढ़ाने का बीआईए ने किया विरोध

पड़ोसी राज्यों की तुलना में लिया जा रहा 25 से 35% ज्यादा फिक्स्ड चार्ज
रामलाल खेतान ने कहा कि अपने अनावश्यक खर्चों का भार उपभोक्ताओं पर डालना कहीं से भी सही नहीं है. बिहार में औद्योगिक उपभोक्ताओं से अभी पड़ोसी राज्यों की तुलना में 25 से 35% ज्यादा फिक्स्ड चार्ज लिया जा रहा है. इसका सीधा असर औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन लागत पर पड़ता है. जिससे बिहार अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ जाता है.

Patna
फिक्स्ड चार्ज का ब्योरा

पटना: राज्य में साल 2020-21 के लिए विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए विद्युत दर निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है. इसको लेकर बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने लोगों से राय मांगी है. जानकारी के मुताबिक इस बार बिजली दर में करीब 10 फीसदी वृद्धि की संभावना है. जिसे देखते हुए बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (बीआईए) ने विरोध जताया है.

आंतरिक खर्च में अनावश्यक बढ़ोतरी
बीआईए के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने बताया कि बीआईए ने बिहार विद्युत विनियामक आयोग को अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है. उन्होंने कहा कि राज्य में बिजली के दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव तार्किक नहीं है. इससे अनावश्यक बोझ बढ़ेगा.

बिजली बिल बढ़ाने का बीआईए ने किया विरोध

पड़ोसी राज्यों की तुलना में लिया जा रहा 25 से 35% ज्यादा फिक्स्ड चार्ज
रामलाल खेतान ने कहा कि अपने अनावश्यक खर्चों का भार उपभोक्ताओं पर डालना कहीं से भी सही नहीं है. बिहार में औद्योगिक उपभोक्ताओं से अभी पड़ोसी राज्यों की तुलना में 25 से 35% ज्यादा फिक्स्ड चार्ज लिया जा रहा है. इसका सीधा असर औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन लागत पर पड़ता है. जिससे बिहार अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ जाता है.

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फिक्स्ड चार्ज का ब्योरा
Intro:बिहार में बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने लोगों से बिजली बिल को लेकर राय मांगी है। वर्ष 2020-21 के लिए विभिन्न श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के लिए लगने वाले विद्युत दर निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। जानकारी के मुताबिक इस बार बिजली बिल में करीब 10 फ़ीसदी वृद्धि की संभावना है जिसे देखते हुए बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने विरोध दर्ज कराया है।


Body:बी आई ए के अध्यक्ष राम लाल खेतान ने ईटीवी भारत को बताया कि बिहार में बिजली के दरों में किसी भी वृद्धि का विरोध करते हैं खेतान ने कहा कि बी आई एन ए बिहार विद्युत विनियामक आयोग को अपनी आपत्ति दर्ज करा दी है उन्होंने कहा बिहार में बिजली केदार में बढ़ोतरी का प्रस्ताव पूरी तरह और तार्किक है क्योंकि इस प्रस्तावित बढ़ोतरी के पीछे बिजली कंपनियों के आंतरिक खर्च में अनावश्यक बढ़ोतरी और प्रबंधकीय कमजोरी सबसे बड़ा कारण है। रामलाल खेतान ने कहा कि अपने अनावश्यक खर्चो का भार उपभोक्ताओं पर डालना कहीं से भी उचित नहीं है। बिहार में वर्तमान में औद्योगिक उपभोक्ताओं से जो फिक्स्ड चार्ज लिया जा रहा है वह पड़ोसी राज्यों की तुलना में 25 से 35% ज्यादा है। इतने बड़े अंतर का सीधा असर औद्योगिक इकाइयों की उत्पादन लागत पर पड़ता है जिसके कारण बिहार अन्य राज्यों की तुलना में पिछड़ जाता है।



Conclusion:झारखंड और पश्चिम बंगाल में बिजली दरों का जिक्र करते हुए बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि सरकार को बिजली दरें घटाने की कोशिश करनी चाहिए ना कि बढ़ाने की।

रामलाल खेतान अध्यक्ष, बीआइए
Last Updated : Dec 18, 2019, 8:11 AM IST
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