पटना : लोक आस्था के महापर्व छठ (Chhath Puja 2022 ) का कल तीसरा दिन है. चारों तरफ छठी मैया के गीत सुनाई दे रहे हैं. छठी मैया के गानों से पूरा वातावरण भक्तिमय हो चुका है. छठ महापर्व को लेकर सभी गायक अपने-अपने छठ गीतों के एल्बम लॉन्च किए हैं. इन्हीं में से एक हैं अमृता सिन्हा, जो बिहार की जानी-मानी भजन गायिका हैं. अमृता सिन्हा (Bhojpuri singer Amrita Sinha) ने इस बार तीन छठ गीतों का एल्बम पेश किया है. इनके गीतों में एक है 'कार्तिक मासे छठ परब'.. दूसरा है 'दउरा माथे सजनवा उठाई..' और तीसरा गाना है 'आदित के दर्शन पईनी हो..' ईटीवी से खास बातचीत में अमृता सिन्हा ने कहा कि छठ के समय पारंपरिक गीतों का एक अलग महत्व है. इन गीतों को सुनते ही छठ पर्व की अनुभूति होने लगती है और पूरा माहौल भक्तिमय हो जाता है.
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पारंपरिक छठ गीत शांति का भाव पैदा करते हैं: अमृता सिन्हा ने बताया कि छठ पर्व बिहार यूपी का बेहद महत्वपूर्ण पर्व है. अब देश विदेशों में भी बड़े उत्साह से छठ पर्व मनाया जा रहा है. विदेशों में भी अब छठ के गीत बज रहे हैं. छठ पर्व में साफ-सफाई और शुद्धता का विशेष महत्व है. इस महापर्व में प्रकृति की पूजा की जाती है. जिसमें केला का पत्ता का भी विशेष महत्व है. उन्होंने कहा कि छठ पूजा में जो हमारे पारंपरिक गीत हैं, वह शांति का भाव पैदा करते हैं.
छठ पर रैप गाने वाले आस्था से खिलवाड़ ना करें: अमृता सिन्हा ने बताया कि केला के पत्ता का भी इसमें विशेष महत्व होता है. खरना के लिए छठ व्रती केला के पत्ता पर ही प्रसाद ग्रहण करते हैं. अमिता सिन्हा ने कहा कि छठ के समय लोग भक्ति गाने गाते हैं और पारंपरिक धुन में गाते हैं. इसी का मजा है, जो लोग छठ का रैप गाना गा रहे हैं, उनसे अपील करेंगे कि अन्य गानों को इस प्रकार गाना है तो गायें लेकिन छठ के भक्ति गानों को इस प्रकार ना गाएं. जहां लोगों की आस्था जुड़ी हुई है उससे छेड़छाड़ ना करें. अमृता सिन्हा ने इस मौके पर छठ के कई गीत को गुनगुनाया.
''छठ गीत पारंपरिक धुन में ही अच्छे लगते हैं. इसी का मजा है. जो लोग छठ का रैप सॉन्ग गा रहे हैं उनसे अपील करेंगे कि छठ के गीतों को पारंपरिक धुन में ही गाएं. आस्था से जुड़े हुए गीतों से छेड़छाड़ बिल्कुल ना करें''- अमृता सिन्हा, भोजपुरी गायिका