पटना: राजधानी पटना में साइबर क्राइम लगातार बढ़ रहा है. कई लोग अब तक इसकी चपेट में आ चुके हैं. साइबर ठगों ने आम लोगों के खाते से करोड़ों रुपयों चालाकी से गायब कर लिए हैं. ईटीवी भारत लगातार आपको ऑनलाइन ठगी से जागरूक कर रहा है. हम हर रोज आपको 'जागते रहो' मुहिम के साथ कुछ आसान सुझाव दे रहे हैं. जिसकी सहायता से आप इन ठगों के चंगुल से दूर रह सकते हैं.
आए दिन हो रही साइबर क्राइम की वारदातों से उपभोक्ता आहत हो गए हैं. लिहाजा, बैक पर से उनका विश्वास उठता जा रहा है. पीड़ित लोगों का मानना है कि जब बैंक में ही पैसा सुरक्षित नहीं है, तो वहां पैसा जमा करने से क्या फायदा. आर्थिक अपराध नियंत्रण इकाई के एक्सपर्ट अभिनव सौरभ का मानना है कि साइबर क्राइम के प्रति लोगों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक होना चाहिए. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि हां इसमें बैंकों की भी गलती जरूर है कि जब किसी खाते से एक बड़ा लेन-देन हो रहा है, तो बैंकों को चाहिए कि एक बार उपभोक्ता से संपर्क कर लें.
हाल में घटी कुछ बड़ी वारदातें
- पटना में क्लोन चेक और एटीएम कार्ड से अवैध निकासी की कई बड़ी वारदातें घट चुकी हैं.
- पटना सिटी अनुंडल के दो थाना क्षेत्र, आलमगंज और अगमकुआं में पैसे की अवैध निकासी का मामला दर्ज हुआ है.
- आलमगंज थाना क्षेत्र के न्यू अजीमवाद निवासी शाहनवाज रिजवी का संदलपुर स्तिथ स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा से 19 दिसंबर 2020 को अवैध तरीके से 49 हजार 665 रुपये की निकासी कर ली गई.
- अगमकुआं के आईओसी कॉलोनी विंध्यवासिनी नगर में रहने वाली अर्चना सिंह का लंगरटोली स्तिथ पंजाब नेशनल बैंक शाखा से 31 दिसंबर को 40 हजार और 2 जनवरी को 40 हजार की एटीएम से अवैध निकासी हुई.
- राजधानी पटना के जक्कनपुर थाना अंतर्गत जयप्रकाश नगर स्थित प्राकृतिक स्कूल के खाते से क्लोन चेक से 9 लाख 75 हजार रुपये निकाल लिए गये.
- अगमकुआं थाना अंतर्गत कुमरार चाणक्य नगर निवासी राहुल रंजन वर्मा से जुड़ा है. जिनके खाते से साइबर अपराधियों ने 70 हजार रुपये की अवैध निकासी कर ली गई.
- ये तो बड़ी वारदातें हैं, लोगों के अकाउंट से ऑनलाइन फ्रॉड के जरिए हजार-2 हजार की ठगी भी अब आम बात हो चली है, जिसके चलते लोग थाने जाने से जरूर बचते हैं.
आपके बीच ही ऐसे कई लोग होंगे, जिनके गूगल या फोन-पे अकाउंट से 100-200 या 500 रुपयों की अवैध निकासी हो चुकी होगी. बैंक के चक्कर काटने के बाद ऐसे लोग थक हार कर अपने ये रुपये भुला जरूर देते हैं. लेकिन सोचिए आप जैसे कितने लोगों के साथ ऑनलाइन ठगी हो रही होगी. कुल मिलाकर इंटरनेट के इस दौर में जिस तरह इसका प्रयोग बढ़ा है, उसी तरह ऑनलाइन क्राइम भी तेजी से बढ़ा है.
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बड़े मामलों में पुलिस ने एफआईआर तो दर्ज कर ली है, जांच भी चल रही है. लेकिन ऑनलाइन सिस्टम के तारों को जोर पुलिस '4जी' की स्पीड में कोई ठोस नतीजों पर नहीं पहुंच पाई है. साइबर एक्सपर्ट की मानें, तो पूरी कार्रवाई में 2 से तीन महीने का समय लग सकता है.