पटना: प्रदेश में बाल विवाह और दहेज प्रथा को रोकने के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए महिला विकास निगम ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया. इसमें निगम की चेयरमैन एन विजयालक्ष्मी ने कहा कि बिहार में 2017 से बाल विवाह उन्मूलन के लिए अभियान सभी जिलों में चलाया जा रहा है. बिहार में अभी भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. लेकिन फिर भी 2017 के बाद कमी देखने को मिली है.
बाल विवाह और दहेज प्रथा है समस्या
दरअसल, बिहार में बाल विवाह बहुत बड़ी समस्या है. बाल विवाह ऐसे लोगों में पकड़ बनाये बैठी है, जहां शिक्षा का स्तर कम है. इसको लेकर महिला विकास निगम कई दिनों से जागरुकता अभियान चला रही है.
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बाल विवाह और दहेज प्रथा के लिए जागरुकता अभियान
महिला विकास निगम की चेयरमैन ने कहा कि 2017 से पहले तक 32 प्रतिशत से ज्यादा मामले बाल विवाह के सामने आते थे. निश्चित तौर पर इसमें कमी आयी है. इसको लेकर सरकार ने जो कानून बनाया है और जिस तरह से विभिन्न माध्यम से समाज को जागरूक किया जा रहा है, इसका प्रभाव समाज पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास है कि बाल विवाह रुके, दहेज प्रथा पर रोक लगे. इसके लिए बिहार के सभी जिलो में कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. इन कार्यक्रमों से बहुत हद तक हमें सफ़लता भी मिल रही है. हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करेंगे और समाज से बाल विवाह और दहेज प्रथा को खत्म कर देंगे.
अभियान में मिल रही है सफलता
एन बिजयलक्षमी ने कहा कि जिले के अधिकारी समय-समय पर बाल विवाह के अवगुण को उस समुदाय में जाकर बताने का काम करते हैं. जहां लोग लड़कियों को अभी भी बोझ समझते हैं और 18 साल से कम उम्र में शादी कर देना चाहते हैं. हम वैसे समुदाय को समझाने में सफल हो रहे हैं और उम्मीद है कि हम बाल विवाह उन्मूलन कार्यक्रम में सफल होंगे.