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पटना के मालखाने फुल, वर्षों से नहीं हुआ ऑडिट, पुलिस के सामने ये बड़ी परेशानी

राजधानी पटना के मालखानों की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. वर्षों से कई मामले में पकड़ी गई गाड़ियां भी थाने में पड़े पड़े सड़ने की हालत में पहुंच चुकी हैं. कुछ वाहन तो सड़कर बर्बाद भी हो चुके हैं. बता दें कि थानों का वर्षों से ऑडिट नहीं हुआ है.

पुलिस स्टेशन
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Published : Mar 25, 2021, 9:36 AM IST

Updated : Mar 25, 2021, 10:39 AM IST

पटना: राजधानी में तमाम थानों के मालखाने की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. इसके साथ ही कई थाना के मालखाने पूरी तरह से फुल हो गए हैं. अब ऐसी स्थिति आ गई है कि मालखाने के बाहर बरामद सामान, जब्त गाड़ियां और अवैध शराब की खेप स्टील के बक्से में रखी जा रही है.

वहीं, थाने के बाहर कई दो पहिया वाहन पड़े-पड़े सड़ रहे हैं. इस मामले में पुलिस पदाधिकारियों से बातचीत करने के बाद यह जानकारी मिली कि, उनके थाने के मालखाने का ऑडिट वर्षों से नहीं किया गया. हालात यह हैं कि शराबबंदी के बाद बरामद अवैध देसी शराब की खेप आपको थाने के बाहर ही रखी नजर आएगी.

इसे भी पढ़ें: CAG ने 2018-19 के अपनी रिपोर्ट में कई तरह के वित्तीय अनियमितता का किया खुलासा

थाने के बाहर रखा जा रहा सामान
पटना के कुछ थाने जुगाड़ से बरामद सामानों को रख रहे हैं. कोई थाना छोटे कंस्ट्रक्शन करके या फिर टॉयलेट्स में जब्त सामानों को रखने को मजबूर है. कुछ ऐसे भी थाने हैं, जो जब्त सामान को जंजीर के सहारे थाने के बाहर रखकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

वर्षों से थानों का नहीं हुआ ऑडिट
पटना पुलिस के थानों की स्थिति ये है कि यहां स्थित मालखानों को लगभग 30 सालों से अपडेट नहीं किया गया है. अपराधियों से बरामद हथियार, पैसा, ज्वेलरी, गाड़ी समेत दूसरे कई हथियार और अन्य साक्ष्य मालखाने में रखे-रखे खराब हो रहे हैं. पटना के कई ऐसे थाने हैं जिसके मालखाने का संचालन या तो थाना प्रभारी के कंधों पर है, या फिर बुजुर्ग पुलिसकर्मियों के भरोसे चल रहा है.

मालखाने का प्रभार लेने से घबराते हैं पुलिसकर्मी
पुलिसिया सूत्रों से पता चला है कि माल खाने का प्रभार लेने से पुलिसकर्मी घबराते हैं. फिलहाल अभी कई थानों में थानाध्यक्षों ने ही माल खाने का प्रभार संभाल रखा है. देखरेख के अभाव में जब्त हथियार और बरामद साक्ष्य बेकार हो चुके हैं. यही वजह है कि पुलिसकर्मी माल खाने का प्रभार लेने से खौफ खाते हैं.

मालखाने के चलते पहले भी हो चुकी है किरकिरी
पुलिस थाने के माल खाने भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. मालखाने के खराब रख रखाव के चलते पहले भी पुलिस की किरकिरी हो चुकी है. पूर्व में चूहे के शराब पीने की खबर सामने आई थी. वहीं हथियार और वाहनों के गायब होने की खबर भी कई थानों से आई. बावजूद इसके इस ओर विभाग का ध्यान नहीं है.

हथियार जब्त
साल 2019 में पीरबहोर थाना क्षेत्र के माल खाना से लगभग 6 पिस्तौल और अन्य हथियार गायब होने का मामला भी सामने आया था. यह सभी हथियार वर्षों पहले जप्त करने के बाद माल खाने में रखे गए थे. हालांकि इस मामले में कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई थी.

सबूत गायब होने की बात
कुछ दिनों पहले पटना के गर्दनीबाग थाना के माल खाने से कुछ सबूत गायब होने की बातें भी सामने आईं थीं. हालांकि इस बाबत पुलिस पदाधिकारी ने बताया था अभी जांच की जा रही है. ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है.

जिले के हर थाने का होना चाहिए ऑडिट
अब इस मामले में बिहार सरकार के साथ पटना पुलिस के वरीय पदाधिकारियों को संज्ञान लेते हुए पटना जिले के हर थाने का ऑडिट करवाने की बातें सोचना चाहिए. खास करके हर थाने में शराबबंदी के बाद बरामद अवैध शराब की खेप रखने के लिए एक अलग से पक्के निर्माण की व्यवस्था करने की कोशिश करनी चाहिए. ताकि बरामद साक्ष्य या सबूत नष्ट न हो सके और आरोपी को सजा दिलाई जा सके.

पटना: राजधानी में तमाम थानों के मालखाने की स्थिति काफी जर्जर हो गई है. इसके साथ ही कई थाना के मालखाने पूरी तरह से फुल हो गए हैं. अब ऐसी स्थिति आ गई है कि मालखाने के बाहर बरामद सामान, जब्त गाड़ियां और अवैध शराब की खेप स्टील के बक्से में रखी जा रही है.

वहीं, थाने के बाहर कई दो पहिया वाहन पड़े-पड़े सड़ रहे हैं. इस मामले में पुलिस पदाधिकारियों से बातचीत करने के बाद यह जानकारी मिली कि, उनके थाने के मालखाने का ऑडिट वर्षों से नहीं किया गया. हालात यह हैं कि शराबबंदी के बाद बरामद अवैध देसी शराब की खेप आपको थाने के बाहर ही रखी नजर आएगी.

इसे भी पढ़ें: CAG ने 2018-19 के अपनी रिपोर्ट में कई तरह के वित्तीय अनियमितता का किया खुलासा

थाने के बाहर रखा जा रहा सामान
पटना के कुछ थाने जुगाड़ से बरामद सामानों को रख रहे हैं. कोई थाना छोटे कंस्ट्रक्शन करके या फिर टॉयलेट्स में जब्त सामानों को रखने को मजबूर है. कुछ ऐसे भी थाने हैं, जो जब्त सामान को जंजीर के सहारे थाने के बाहर रखकर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रहे हैं.

देखें रिपोर्ट.

वर्षों से थानों का नहीं हुआ ऑडिट
पटना पुलिस के थानों की स्थिति ये है कि यहां स्थित मालखानों को लगभग 30 सालों से अपडेट नहीं किया गया है. अपराधियों से बरामद हथियार, पैसा, ज्वेलरी, गाड़ी समेत दूसरे कई हथियार और अन्य साक्ष्य मालखाने में रखे-रखे खराब हो रहे हैं. पटना के कई ऐसे थाने हैं जिसके मालखाने का संचालन या तो थाना प्रभारी के कंधों पर है, या फिर बुजुर्ग पुलिसकर्मियों के भरोसे चल रहा है.

मालखाने का प्रभार लेने से घबराते हैं पुलिसकर्मी
पुलिसिया सूत्रों से पता चला है कि माल खाने का प्रभार लेने से पुलिसकर्मी घबराते हैं. फिलहाल अभी कई थानों में थानाध्यक्षों ने ही माल खाने का प्रभार संभाल रखा है. देखरेख के अभाव में जब्त हथियार और बरामद साक्ष्य बेकार हो चुके हैं. यही वजह है कि पुलिसकर्मी माल खाने का प्रभार लेने से खौफ खाते हैं.

मालखाने के चलते पहले भी हो चुकी है किरकिरी
पुलिस थाने के माल खाने भी पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है. मालखाने के खराब रख रखाव के चलते पहले भी पुलिस की किरकिरी हो चुकी है. पूर्व में चूहे के शराब पीने की खबर सामने आई थी. वहीं हथियार और वाहनों के गायब होने की खबर भी कई थानों से आई. बावजूद इसके इस ओर विभाग का ध्यान नहीं है.

हथियार जब्त
साल 2019 में पीरबहोर थाना क्षेत्र के माल खाना से लगभग 6 पिस्तौल और अन्य हथियार गायब होने का मामला भी सामने आया था. यह सभी हथियार वर्षों पहले जप्त करने के बाद माल खाने में रखे गए थे. हालांकि इस मामले में कई पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई भी की गई थी.

सबूत गायब होने की बात
कुछ दिनों पहले पटना के गर्दनीबाग थाना के माल खाने से कुछ सबूत गायब होने की बातें भी सामने आईं थीं. हालांकि इस बाबत पुलिस पदाधिकारी ने बताया था अभी जांच की जा रही है. ऐसी कोई बात सामने नहीं आई है.

जिले के हर थाने का होना चाहिए ऑडिट
अब इस मामले में बिहार सरकार के साथ पटना पुलिस के वरीय पदाधिकारियों को संज्ञान लेते हुए पटना जिले के हर थाने का ऑडिट करवाने की बातें सोचना चाहिए. खास करके हर थाने में शराबबंदी के बाद बरामद अवैध शराब की खेप रखने के लिए एक अलग से पक्के निर्माण की व्यवस्था करने की कोशिश करनी चाहिए. ताकि बरामद साक्ष्य या सबूत नष्ट न हो सके और आरोपी को सजा दिलाई जा सके.

Last Updated : Mar 25, 2021, 10:39 AM IST
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