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बिहार में बढ़ा है दलितों पर ऊपर अत्याचार, केवल 4 प्रतिशत लोगों को मिल पाती है सजा- SC आयोग - Atrocities on Dalits

अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमाशंकर कठेरिया ने कहा कि बिहार में अनुसूचित जाति अत्याचार मामले में सजा दिलवाने में भी बिहार काफी पीछे है. यहां केवल 4 प्रतिशत ही लोगों को सजा मिल रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में दलित पर हो रहे अत्याचार के मामले में थानेदार भी काफी कम प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं.

दलितों पर ऊपर अत्याचार
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Published : Feb 19, 2020, 4:35 AM IST

पटना: प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों के कल्याण के लिए चल रहे कार्यक्रमों की समीक्षा के लेने के लिए लिए अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमाशंकर कठेरिया राजधानी के दौरे पर रहे. मौके पर उन्होंने प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों के ऊपर हुए कहा कि राज्य में अत्याचार की घटना बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के ऊपर राष्ट्रीय अपराध का औसत 21 प्रतिशत है. लेकिन केवल बिहार में यह आंकड़ा 42 प्रतिशत है. जो एक चिंता का विषय है.

'केवल 4 प्रतिशत लोगों को मिल रही सजा'
रमाशंकर कठेरिया ने कहा कि बिहार में अनुसूचित जाति के अत्याचार के मामले में सजा दिलवाने में भी बिहार काफी पीछे है. यहां केवल 4 प्रतिशत ही लोगों को सजा मिल रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में दलित पर हो रहे अत्याचार के मामले में थानेदार भी काफी कम प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं. जिस वजह से कोर्ट में मामला दर्ज कराने वाले की संख्या देश के अन्य राज्यों के अपेक्षा सबसे ज्यादा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'प्राथमिकी दर्ज नहीं करने वाले थानेदारों पर हो कार्रवाई'
अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति के मामले को लेकर अधिकारियों से काफी देर तक चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को अनुसूचित जाति मामले को लेकर सजग रहने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने कई मामलों पर जल्द समाधान का आश्वाशन दिया है. वहीं, उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया है कि दलित पर हो रहे अत्याचार के मामले में प्राथमिकी नहीं दर्ज करने वाले थानेदारों पर कठोर कार्रवाई हो. बैठक में बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी सहित कई विभागों के प्रधान सचिव और अन्य अधिकारी शामिल थे. बैठक के बाद राम शंकर कठेरिया ने राज्यपाल फागू चौहान से भी मुलाकात की.

पटना: प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों के कल्याण के लिए चल रहे कार्यक्रमों की समीक्षा के लेने के लिए लिए अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमाशंकर कठेरिया राजधानी के दौरे पर रहे. मौके पर उन्होंने प्रदेश में अनुसूचित जाति के लोगों के ऊपर हुए कहा कि राज्य में अत्याचार की घटना बढ़ी है. उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति के ऊपर राष्ट्रीय अपराध का औसत 21 प्रतिशत है. लेकिन केवल बिहार में यह आंकड़ा 42 प्रतिशत है. जो एक चिंता का विषय है.

'केवल 4 प्रतिशत लोगों को मिल रही सजा'
रमाशंकर कठेरिया ने कहा कि बिहार में अनुसूचित जाति के अत्याचार के मामले में सजा दिलवाने में भी बिहार काफी पीछे है. यहां केवल 4 प्रतिशत ही लोगों को सजा मिल रही है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में दलित पर हो रहे अत्याचार के मामले में थानेदार भी काफी कम प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं. जिस वजह से कोर्ट में मामला दर्ज कराने वाले की संख्या देश के अन्य राज्यों के अपेक्षा सबसे ज्यादा है.

ईटीवी भारत की रिपोर्ट

'प्राथमिकी दर्ज नहीं करने वाले थानेदारों पर हो कार्रवाई'
अनुसूचित जाति आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि अनुसूचित जाति के मामले को लेकर अधिकारियों से काफी देर तक चर्चा हुई. उन्होंने बताया कि अधिकारियों को अनुसूचित जाति मामले को लेकर सजग रहने का निर्देश दिया गया है. अधिकारियों ने कई मामलों पर जल्द समाधान का आश्वाशन दिया है. वहीं, उन्होंने राज्य सरकार से मांग किया है कि दलित पर हो रहे अत्याचार के मामले में प्राथमिकी नहीं दर्ज करने वाले थानेदारों पर कठोर कार्रवाई हो. बैठक में बिहार के मुख्य सचिव और डीजीपी सहित कई विभागों के प्रधान सचिव और अन्य अधिकारी शामिल थे. बैठक के बाद राम शंकर कठेरिया ने राज्यपाल फागू चौहान से भी मुलाकात की.

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