नई दिल्ली/पटना : आईआरसीटीसी घोटाला मामले (IRCTC Scam Case) में सीबीआई के आरोप पत्र पर बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान बचाव पक्ष की तरफ से अधिवक्ताओं ने अपनी दलील पेश की. लालू यादव की तरफ से पेश अधिवक्ता ने कोर्ट से अपील की कि वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह कोर्ट में उनका पक्ष रखेंगे, जिसे विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की कोर्ट ने अनुमति दे दी और मामले को 15 दिसंबर 2022 के लिए सूचीबद्ध कर दिया.
ये भी पढ़ें - ऑपरेशन के बाद पहली बार बोले लालू- 'आप लोगों ने दुआ किया, अच्छा Feel कर रहे हैं'
CBI को कोर्ट का निर्देश : सीबीआई ने कोर्ट में एक आवेदन दाखिल कर कोर्ट से अपील की है कि गोपनीय दस्तावेजों के इंस्पेक्शन की बचाव पक्ष की मांग ना मानी जाए. इस पर कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश देते हुए कहा कि यदि सीबीआई को लगता है कि कोई गोपनीय दस्तावेज है तो वह उसे बचाव पक्ष को ना दिखाएं. जबकि अन्य दस्तावेजों को 1 सप्ताह के अंदर बचाव पक्ष को दिखाए जाएं.
आईआरसीटीसी घोटाला मामले में लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने आरोप पत्र दाखिल किया है. इससे पहले बचाव पक्ष की तरफ से सभी साक्ष्य और दस्तावेजों की मांग की गई है, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर 3 दिसंबर तक बचाव पक्ष को दिखाए जाने का निर्देश दिया था. इससे पहले कोर्ट ने सीबीआई के आवेदन को खारिज कर दिया था, जिसमें तेजस्वी यादव की जमानत निरस्त करने की मांग की गई थी.
यह है मामलाः राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव, लालू प्रसाद यादव समेत कुल 11 लोगों के खिलाफ आईआरसीटीसी द्वारा संचालित होटलों का संचालन देने की एवज में जमीन अपने नाम कराने का आरोप है. इस मामले में सीबीआई और ईडी जांच कर रही हैं. तेजस्वी यादव को पटियाला हाउस कोर्ट ने इसी मामले में जमानत दी है. फिलहाल यह मामला राउज एवेन्यू कोर्ट में चल रहा है.