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दूसरों के घरों में काम करती है मां, बेटा अमरजीत को मिली 35 लाख की स्कॉलरशिप - अटरिया विश्वविद्यालय बेंगलुरु

अमरजीत गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल परिवार से आते हैं. उनकी मां ने दूसरे के घरों में कामकाज कर अब तक की उनकी पढ़ाई पूरी कराई. अब डेक्स्टेरिटी ग्लोबल नामक एक संस्थान ने उनकी मदद की है. आगे पढ़ें पूरी खबर और देखें वीडियो...

अमरजीत अपनी मां के साथ
अमरजीत अपनी मां के साथ
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Published : Aug 30, 2022, 9:26 AM IST

Updated : Aug 30, 2022, 6:22 PM IST

पटनाः बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले अमरजीत को बेंगलुरु के अटरिया विश्वविद्यालय (Atria University Bangalore) से इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई के लिए 35 लाख रुपये की स्कॉलरशिप (Amarjeet of Patna got scholarship of 35 lakhs) मिली है. इस खबर को सुनकर अमरजीत के पूरे परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई है. 18 साल के अमरजीत की मां अपने बेटे की इस कामयाबी पर गर्व कर रही हैं, जिन्होंने बड़ी मेहनत से अपने बेटे की अब तक की पढ़ाई पूरी कराई है.

ये भी पढ़ेंः अमेरिका में पढ़ेगा बिहार के एक मजदूर का बेटा, 2.5 करोड़ की मिली स्कॉलरशिप

दूसरों के घरों में काम करती है अमरजीत की मां: दरअसल अमरजीत गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल श्रेणी में आने वाले परिवार से आते हैं. वे अपने परिवार से पहले ऐसे सदस्य होंगे, जो कॉलेज जाएंगे. अमरजीत कुमार पटना के बोरिंग रोड की गली में एक झोपड़ी में किराए पर रहते हैं. 18 साल के अमरजीत की मां दूसरे के घरों में कामकाज करती हैं और उनके पिता का निधन हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक डेक्स्टेरिटी ग्लोबल नामक एक संस्थान ने अमरजीत को पढ़ाई के लिए स्कॉलशिप दिलाने में मदद की है.

'डेक्स्टेरिटी ग्लोबल नामक संस्था ने की मदद': अमरजीत ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत की. अमरजीत ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी को बयां किया. उन्होंने बताया कि डेक्स्टेरिटी ग्लोबल नामक संस्था है जहां लीडरशिप ट्रेनिंग करायी जाती है. संस्था में बच्चों को नेशनल और इंटरनेशनल अपॉर्चुनिटी के बारे में बताया जाता है. वहां करियर डेवलपमेंट प्रोग्राम में मेरा चयन हुआ. वहीं से मैंने लीडरशिप क्वालिटी के बारे में जाना. वहीं से मुझे विभिन्न प्रकार की अपॉर्चनुनिटी के बारे में पता चला.

"मैंने स्कॉलरशिप प्रोवाइड करने वाले कॉलेजों का चयन किया. उसके बाद मैंने तैयारी की और फिर अपलाय किया जिसमें मेरा सलेक्शन हो गया. मेरा एकेडमिक तो था ही नॉन एकेडमिक की भी तैयारी की थी."- अमरजीत, स्कॉलरशिप पाने वाला छात्र

अमरजीत ने ऐसे की तैयारी: छात्र अमरजीत ने बताया कि मैंने पब्लिक स्पीकिंग,ग्रुप डिस्कशन की तैयारी की. कॉलेज के प्रोसेस में ये सब बहुत काम आती है. अपलाय करते ही एक पोर्टल खुल जाता है. मैंने फर्स्ट राउंड में ही अपलाय किया था. हर प्रोसेस का पूरा करना होता है. मैंने जनवरी में स्टार्ट किया था. चार पांच तरह का प्रोसेस कंपलीट करना होता है. अंतिम में फाइनेंशियल नीड के लिए, स्कॉलरशिप के लिए कॉल आता है. फिर मेरा चयन हुआ. मुझे कॉल करके जानकारी दी गई.

बोले अमरजीत- 'गरीब बच्चों के लिए कुछ करना है': मेरा लक्ष्य है कि अपने राज्य और समाज के लिए कुछ करूं. मेरे स्कूलिंग का पूरा खर्चा मेरी मां जहां काम करती थी वे लोग उठाए हैं. मेरा धर्म है कि मैं भी समाज के लिए कुछ करूं. मुझे अपनी शिक्षा राज्य, समाज और देश के सहयोग में लगाना है. गरीब बच्चों के लिए मैं कुछ करना चाहता हूं.

ये भी पढ़ेंः बेगूसराय के होनहार छात्र ने ढूंढ निकाली गूगल में गलती, कंपनी ने दी खास जिम्मेदारी

पटनाः बिहार की राजधानी पटना के रहने वाले अमरजीत को बेंगलुरु के अटरिया विश्वविद्यालय (Atria University Bangalore) से इंजीनियरिंग में स्नातक की पढ़ाई के लिए 35 लाख रुपये की स्कॉलरशिप (Amarjeet of Patna got scholarship of 35 lakhs) मिली है. इस खबर को सुनकर अमरजीत के पूरे परिवार में खुशियों की लहर दौड़ गई है. 18 साल के अमरजीत की मां अपने बेटे की इस कामयाबी पर गर्व कर रही हैं, जिन्होंने बड़ी मेहनत से अपने बेटे की अब तक की पढ़ाई पूरी कराई है.

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दूसरों के घरों में काम करती है अमरजीत की मां: दरअसल अमरजीत गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल श्रेणी में आने वाले परिवार से आते हैं. वे अपने परिवार से पहले ऐसे सदस्य होंगे, जो कॉलेज जाएंगे. अमरजीत कुमार पटना के बोरिंग रोड की गली में एक झोपड़ी में किराए पर रहते हैं. 18 साल के अमरजीत की मां दूसरे के घरों में कामकाज करती हैं और उनके पिता का निधन हो चुका है. सूत्रों के मुताबिक डेक्स्टेरिटी ग्लोबल नामक एक संस्थान ने अमरजीत को पढ़ाई के लिए स्कॉलशिप दिलाने में मदद की है.

'डेक्स्टेरिटी ग्लोबल नामक संस्था ने की मदद': अमरजीत ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत की. अमरजीत ने अपने संघर्ष और सफलता की कहानी को बयां किया. उन्होंने बताया कि डेक्स्टेरिटी ग्लोबल नामक संस्था है जहां लीडरशिप ट्रेनिंग करायी जाती है. संस्था में बच्चों को नेशनल और इंटरनेशनल अपॉर्चुनिटी के बारे में बताया जाता है. वहां करियर डेवलपमेंट प्रोग्राम में मेरा चयन हुआ. वहीं से मैंने लीडरशिप क्वालिटी के बारे में जाना. वहीं से मुझे विभिन्न प्रकार की अपॉर्चनुनिटी के बारे में पता चला.

"मैंने स्कॉलरशिप प्रोवाइड करने वाले कॉलेजों का चयन किया. उसके बाद मैंने तैयारी की और फिर अपलाय किया जिसमें मेरा सलेक्शन हो गया. मेरा एकेडमिक तो था ही नॉन एकेडमिक की भी तैयारी की थी."- अमरजीत, स्कॉलरशिप पाने वाला छात्र

अमरजीत ने ऐसे की तैयारी: छात्र अमरजीत ने बताया कि मैंने पब्लिक स्पीकिंग,ग्रुप डिस्कशन की तैयारी की. कॉलेज के प्रोसेस में ये सब बहुत काम आती है. अपलाय करते ही एक पोर्टल खुल जाता है. मैंने फर्स्ट राउंड में ही अपलाय किया था. हर प्रोसेस का पूरा करना होता है. मैंने जनवरी में स्टार्ट किया था. चार पांच तरह का प्रोसेस कंपलीट करना होता है. अंतिम में फाइनेंशियल नीड के लिए, स्कॉलरशिप के लिए कॉल आता है. फिर मेरा चयन हुआ. मुझे कॉल करके जानकारी दी गई.

बोले अमरजीत- 'गरीब बच्चों के लिए कुछ करना है': मेरा लक्ष्य है कि अपने राज्य और समाज के लिए कुछ करूं. मेरे स्कूलिंग का पूरा खर्चा मेरी मां जहां काम करती थी वे लोग उठाए हैं. मेरा धर्म है कि मैं भी समाज के लिए कुछ करूं. मुझे अपनी शिक्षा राज्य, समाज और देश के सहयोग में लगाना है. गरीब बच्चों के लिए मैं कुछ करना चाहता हूं.

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Last Updated : Aug 30, 2022, 6:22 PM IST
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