पटना: स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे लाख दावा कर रहें हों कि बिहार में कोरोना के टीके (Corona Vaccine) की कोई कमी नहीं है और छह माह में छह करोड़ वैक्सीनेशन (Corona Vaccination) का लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा, लेकिन धरातल पर उनके सभी दावे फेल नजर आ रहे हैं. बिहार में टीका की कमी (Corona Vaccine Shortage) लगातार बनी हुई है. पटना में भी यही स्थिति है. टीके की कमी के चलते बुधवार को पटना के सभी वैक्सीनेशन सेंटर बंद रहे. वैक्सीन लेने पहुंचे लोगों को निराश होकर लौटना पड़ा.
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बुधवार को कोरोना के टीके की कमी की वजह से पटना के सभी वैक्सीनेशन सेंटर बंद रहे. इसके साथ ही सभी टीकाकरण एक्सप्रेस भी बंद रहे. शहर के विभिन्न वार्डों में कैंप लगाकर टीकाकरण किया जा रहा था. वैक्सीन की कमी से इन्हें भी बंद करना पड़ा. बुजुर्ग और दिव्यांगों के लिए चलने वाला डोर टू डोर टीकाकरण कार्य भी बंद रहा. वैक्सीन की कमी से बिहार में चल रहा टीकाकरण महा अभियान भी कमजोर पड़ा है.
वैक्सीन उपलब्ध होने के हर तीसरे दिन इसकी किल्लत हो जा रही है. टीके की कमी 2 से 3 दिन तक लगातार बनी रह रही है. पटना में जुलाई में सभी वैक्सीनेशन सेंटरों पर महज 10 दिन भी टीकाकरण कार्य सुचारू रूप से नहीं चल पाया. वैक्सीन की कमी की वजह से कई दिन सिर्फ विशेष टीकाकरण केंद्रों पर ही वैक्सीनेशन हुआ और जब वैक्सीन खत्म हो गए तो सेंटर बंद करना पड़ा. पटना में 24x7 वैक्सीनेशन सेंटर जबसे शुरू हुआ है तबसे बुधवार पहला दिन है जब टीके की कमी की वजह से इन्हें बंद रखना पड़ा है.
पटना में कोवैक्सीन की किल्लत गंभीर समस्या बनी हुई है. लगभग 2 सप्ताह तक इसकी किल्लत रहने के बाद जब पिछले सप्ताह डोज उपलब्ध हुई तो पूरा स्टॉक 2 दिन भी नहीं टिक पाया. तीसरे दिन ही फिर से स्टॉक ड्राई हो गया. ऐसे लोग जिन्हें कोवैक्सीन का दूसरा डोज लेना है और समय आ चुका है वे काफी परेशान हैं और सरकार से इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग कर रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों के अनुसार कोवैक्सीन की आपूर्ति मांग की एक तिहाई भी नहीं हो पा रही है. इस वजह से यह समस्या आ रही है. विभाग पर्याप्त मात्रा में यह वैक्सीन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास कर रहा है.
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