ETV Bharat / state

कृषि कानूनों के खिलाफ पटना में किसानों ने किया विरोध प्रदर्शन

राजधानी पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने विरोध प्रदर्शन किया. तीनों कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए कृषि बिल की प्रति जलाई गई. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि सरकार अब कृषि को भी कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है.

author img

By

Published : Jan 13, 2021, 5:56 PM IST

protest against agriculture laws
कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन

पटना: कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार में धरना प्रदर्शन जारी है. इसके साथ ही आगे के आंदोलन की रणनीति भी बनाई जा रही है. राजधानी पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई.

तीनों कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए कृषि बिल की प्रति जलाई गई. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि सरकार अब कृषि को भी कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है. जिस तरीके से पूरे देश में निजीकरण चरम पर है सरकार चाहती है कि किसान कॉरपोरेट घरानों के अधीन काम करें. यह संभव नहीं है.

सरकार के तीनों कृषि विरोधी कानून से सिर्फ किसानों को ही नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक को आने वाले समय में काफी परेशानियां होने वाली हैं. इसलिए दिल्ली में कड़ाके की ठंड में भी किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उनके समर्थन में अब पूरे देश के 500 से अधिक किसान संगठन हैं.

मांग पूरी न हुई तो तेज होगा आंदोलन
"पूरे देश में जगह-जगह किसान विरोधी काले कानून की प्रति जलाकर विरोध दर्ज किया जा रहा है. हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार तीनों कृषि विरोधी काले कानून को रद्द करे और बिजली बिल अधिनियम 2020 को वापस ले. जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा और आगे आंदोलन को और तेज किया जाएगा."- कुशवाहा नंदन, नेता अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति

पटना: कृषि कानूनों के खिलाफ बिहार में धरना प्रदर्शन जारी है. इसके साथ ही आगे के आंदोलन की रणनीति भी बनाई जा रही है. राजधानी पटना के बुद्ध स्मृति पार्क के पास अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की गई.

तीनों कृषि कानूनों को काला कानून बताते हुए कृषि बिल की प्रति जलाई गई. प्रदर्शन कर रहे किसानों ने कहा कि सरकार अब कृषि को भी कॉरपोरेट के हवाले करना चाहती है. जिस तरीके से पूरे देश में निजीकरण चरम पर है सरकार चाहती है कि किसान कॉरपोरेट घरानों के अधीन काम करें. यह संभव नहीं है.

सरकार के तीनों कृषि विरोधी कानून से सिर्फ किसानों को ही नहीं बल्कि देश के हर एक नागरिक को आने वाले समय में काफी परेशानियां होने वाली हैं. इसलिए दिल्ली में कड़ाके की ठंड में भी किसान लगातार आंदोलन कर रहे हैं. उनके समर्थन में अब पूरे देश के 500 से अधिक किसान संगठन हैं.

मांग पूरी न हुई तो तेज होगा आंदोलन
"पूरे देश में जगह-जगह किसान विरोधी काले कानून की प्रति जलाकर विरोध दर्ज किया जा रहा है. हम सरकार से मांग करते हैं कि सरकार तीनों कृषि विरोधी काले कानून को रद्द करे और बिजली बिल अधिनियम 2020 को वापस ले. जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती तब तक आंदोलन जारी रहेगा और आगे आंदोलन को और तेज किया जाएगा."- कुशवाहा नंदन, नेता अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.