नई दिल्ली/पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दलबदल का खेल शुरू हो गया है. राजद के पांच विधान पार्षदों ने पार्टी छोड़ कर जदयू का दामन थाम लिया है. आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह ने भी नाराज होकर आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद से इस्तीफा दे दिया है. पूरे मामले पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और बिहार से कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने प्रतिक्रिया दी है.
अखिलेश सिंह ने कहा कि राजद के 5 विधान पार्षद जेडीयू में चले गए हैं. इससे आरजेडी को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. राजद की ताकत कम नहीं होने वाली है, यह जो भी लोग जेडीयू में गए हैं इनका कार्यकाल अब समाप्त होने वाला था. ये कोई नई बात नहीं है, चुनाव से पहले नेता पार्टी बदलते हैं.
संपर्क में हैं जेडीयू के विधायक
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने यह दावा किया है कि जेडीयू के कई विधायक मेरे संपर्क में हैं. यह सब जल्द जदयू छोड़कर कांग्रेस में आएंगे. अखिलेश सिंह की मानें तो जल्द ही जदयू में एक बड़ी टूट होने वाली है.
महागठबंधन में ऑल इज नॉट वेल!
बिहार महागठबंधन में सीएम कैंडिडेट को लेकर भी खींचतान चल रही है. आरजेडी ने तो कह दिया कि तेजस्वी यादव ही महागठबंधन के सीएम कैंडिडेट होंगे. लेकिन, महागठबंधन के अन्य दल इससे सहमत नहीं हैं. हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पहले ही कोर्डिनेशन कमेटी को लेकर अल्टीमेटम दे दिया है. यहां तक कि मांझी ने जेडीयू का दामन थामने तक भी इशारा दिया है.
सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे मांझी
बता दें कि महागठबंधन में कोई टूट ना हो और सभी समस्याओं का निदान के लिए कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने जीतन राम मांझी को दिल्ली बुलाया है. मांझी दिल्ली पहुंच चुके हैं. अखिलेश सिंह ने कहा कि मांझी कांग्रेस आलाकमान से मिलकर अपनी बात रखेंगे. हमारी कोशिश है कि महागठबंधन में कोई टूट न हो. सभी विपक्षी दल एकजुट होकर एनडीए को परास्त करें.