पटना : जेडीयू के प्रवक्ता अजय आलोक को जनता दल यूनाइटेड ने उन्हें ना सिर्फ पद से हटाया बल्कि उनकी प्राथमिक सदस्या भी वापस ले ली. अपने ऊपर हुई इस कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ अजय आलोक ने कहा कि ये फैसला लेते लेते पार्टी ने बहुत देर कर दी. उन्होंने सभी को धन्यवाद देते हुए कहा उन्हें पार्टी से मुक्त करने के लिए सभी को शुभकामनाएं. इतने दिनों तक वो पार्टी के साथ रहे ये पल बहुत अच्छे रहे.
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'बहुत देर कर दी मेहरबां आते आते, मुझे पार्टी से मुक्त करने के लिए सभी का धन्यवाद, इतने दिनों तक साथ अच्छा रहा, आप सभी लोगों को शुभकामनाएं'- अजय आलोक, पार्टी से निष्कासित नेता
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने आरसीपी सिंह के समर्थकों (Supporters of RCP Singh expelled from JDU ) पर आज बड़ी कार्रवाई की है. जदयू प्रवक्ता अजय आलोक (JDU spokesperson Ajay Alok) समेत कई 4 नेताओं को पद से मुक्त करते हुए प्राथमिक सदस्यता से भी निलंबित (JDU expelled many leaders) कर दिया गया है. माना जा रहा है कि आरसीपी सिंह के केंद्र सरकार से नजदीकियों से सीएम नीतीश (CM Nitish Kumar) नाराज हैं और यह फैसला उसी का प्रतिफल है.
आरसीपी सिंह के समर्थकों को दिखाया बाहर का रास्ता: प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने कहा कि कुछ लोग पार्टी में कंफ्यूजन क्रिएट कर रहे थे और इसलिए उनके खिलाफ कार्रवाई की गई है. आरसीपी समर्थकों पर कार्रवाई के सवाल पर उमेश कुशवाहा ने कहा कि पार्टी में सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार हैं. अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं होगी और आगे भी ऐसे लोगों पर कार्रवाई की जाएगी जो पार्टी के खिलाफ काम करेंगे. आरसीपी समर्थकों को पहले भी लगातार साइडलाइन किया गया है और अब बड़ी कार्रवाई कर एक मैसेज देने की कोशिश की गई है.
पहले ही कार्रवाई के दिए थे संकेत: इससे पहले भी उमेश कुशवाहा ने सोशल मीडिया पर पार्टी की छवि धूमिल करने वालों पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी थी. चेतावनी देते हुए यह भी कहा था कि पार्टी में रहते हुए अमर्यादित बयान देने वाले या पोस्ट करने वाले कतई पार्टी के हितैषी नहीं हो सकते. जदयू एक संस्कारित पार्टी है, जो लोहिया, जयप्रकाश ओर कर्पूरी की विचारधारा को मानती है. पार्टी के सर्वमान्य नेता माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के नेतृत्व में जदयू एक संगठित पार्टी है. जिसकी एक अलग पहचान है. हम सभी उन्हीं की विचारधारा को आगे बढ़ा रहे हैं.
नाराजगी का नतीजा: बता दें कि बिहार की राजनीति में चर्चा यही है कि आरसीपी सिंह के केंद्रीय मंत्री बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आरसीपी सिंह से नाराज हैं. पार्टी की इस कार्रवाई को इसी नजरिये से जोड़कर देखा जा रहा है. पिछले कुछ समय से पार्टी में खेमेबाजी भी काफी हो रही है. ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच की जंग भी किसी से छुपी नहीं है.
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