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कम नहीं हो रहा पटना का वायु प्रदूषण, सरकार के नियम हो रहे धुंआ

बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि राजधानी पटना में वायु प्रदूषण का स्तर कम करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. लेकिन ये कम नहीं हो रहा है.

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Published : Aug 31, 2019, 11:47 PM IST

Updated : Aug 31, 2019, 11:57 PM IST

कम नहीं हो रहा पटना का वायु प्रदूषण, सरकार के नियम हो रहे धुंआ

पटना: राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसे लेकर सरकार तमाम दावे कर ले लेकिन इसका स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार ने वायु प्रदूषण को लेकर कई नियम और कानून तो बनाएं हैं. लेकिन ये कानून धुंए की तरह राख नजर आ रहे हैं.

बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का इस बाबत कहना है कि राजधानी पटना में वायु प्रदूषण का स्तर कम करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. लेकिन ये कम नहीं हो रहा है. पटना में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है.

पेश है खास रिपोर्ट

ये बड़ा कारण
निर्माण कार्यों की वजह से धूल के कण हवा में मिल जाते हैं. निर्माण कार्य में प्रयोग हो रही सामाग्री की धूल के ये कण बेहद ही खतरनाक होते हैं. वहीं, दूसरी तरफ पटना में वाहनों की बढ़ रही संख्या और उससे निकलने वाला धुंआ, इसके चलते वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.

300 पीएच पहुंच जाता है वायु प्रदूषण
बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष का कहना है कि हवा में नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. इसका मानक 40 पीएच होना चाहिए. लेकिन राजधानी पटना में जाड़े के दिनों में ये 300 पीएच तक हो जाता है. हमारी कोशिश है कि 100 पीएच के लगभग स्तर को रखा जाए.

सरकार की ये योजना कितनी होगी कारगर!
फिलहाल, सरकार ने जल जीवन हरियाली अभियान की शुरूआत कर दी है. बिहार में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है. लेकिन जिस तरह से राजधानी पटना सहित मुजफ्फरपुर गया में वायु प्रदूषण अलार्मिंग स्टेज में पहुंच गया है. निश्चित तौर पर यह चिंता का विषय है. सरकार तो इसे कम करने के दावे जरूर कर रहे हैं. लेकिन यह दावा खरा उतरता नजर नहीं आ रहा है.

पटना: राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसे लेकर सरकार तमाम दावे कर ले लेकिन इसका स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार ने वायु प्रदूषण को लेकर कई नियम और कानून तो बनाएं हैं. लेकिन ये कानून धुंए की तरह राख नजर आ रहे हैं.

बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का इस बाबत कहना है कि राजधानी पटना में वायु प्रदूषण का स्तर कम करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. लेकिन ये कम नहीं हो रहा है. पटना में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है.

पेश है खास रिपोर्ट

ये बड़ा कारण
निर्माण कार्यों की वजह से धूल के कण हवा में मिल जाते हैं. निर्माण कार्य में प्रयोग हो रही सामाग्री की धूल के ये कण बेहद ही खतरनाक होते हैं. वहीं, दूसरी तरफ पटना में वाहनों की बढ़ रही संख्या और उससे निकलने वाला धुंआ, इसके चलते वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.

300 पीएच पहुंच जाता है वायु प्रदूषण
बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष का कहना है कि हवा में नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. इसका मानक 40 पीएच होना चाहिए. लेकिन राजधानी पटना में जाड़े के दिनों में ये 300 पीएच तक हो जाता है. हमारी कोशिश है कि 100 पीएच के लगभग स्तर को रखा जाए.

सरकार की ये योजना कितनी होगी कारगर!
फिलहाल, सरकार ने जल जीवन हरियाली अभियान की शुरूआत कर दी है. बिहार में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है. लेकिन जिस तरह से राजधानी पटना सहित मुजफ्फरपुर गया में वायु प्रदूषण अलार्मिंग स्टेज में पहुंच गया है. निश्चित तौर पर यह चिंता का विषय है. सरकार तो इसे कम करने के दावे जरूर कर रहे हैं. लेकिन यह दावा खरा उतरता नजर नहीं आ रहा है.

Intro: एंकर राजधानी पटना नहीं लगातार वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ता चला जा रहा है सरकार तमाम दावे कर ले लेकिन बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारी साफ-साफ ये कहते हैं कि वायु प्रदूषण का स्तर कम करने का हम लोग प्रयास कर रहे हैं फिलहाल यह स्तर कम नहीं हो रहा है निश्चित तौर पर अमूमन पटना के सड़कों पर जब लोग चलते हैं तो देखने को मिलता है कि किस तरह से राजधानी पटना में चल रहे निर्माण कार्यों से वायु प्रदूषित हो रहा है और हवा में धूल की मात्रा पर्याप्त मात्रा में दिखता है सिर्फ धूल ही नहीं सड़क पर चलने वाले वाहन का भी धुँआ वायु प्रदूषण को लगातार बढ़ाते चला जा रहा है सरकार ने इसको लेकर कई करे कानून तो बनाए हैं लेकिन इस कानून को सख्ती से लागू करने में सरकारी तंत्र विफल नजर आ रहा है जिसके कारण राजधानी पटना में नए सड़क निर्माण के कार्य से और नए भवन का निर्माण के सामग्री हो उससे निकलने वाले धूलकण सीधा सीधी वायु को प्रदूषित करते नजर आ रही है


Body:बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष का कहना है कि हवा में नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने का प्रयास किया जा रहा है इसका मानक 40 पीएच होना चाहिए लेकिन राजधानी पटना में जाड़े के दिनों में 300 पी एच तक हो जाता है हमारी कोशिश है कि 100 पी एच के लगभग स्तर को रखा जाए बाइट अशोक कुमार घोष अध्यक्ष बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड


Conclusion:फिलहाल सरकार जल जीवन हरियाली कार्यक्रम को चलाने की घोषणा कर रही है बिहार में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है लेकिन जिस तरह से राजधानी पटना सहित मुजफ्फरपुर गया में वायु प्रदूषण अलार्मिंग स्टेज में पहुंच गया है निश्चित तौर पर यह चिंता का विषय है सरकार तो इसे कम करने के दावे जरूर कर रहे हैं लेकिन यह दावा सर जमी पर उतरते नजर नहीं आ रहा है अब देखना यह है कि कागजी दावे कब तक सरजमीं पर उतरते हैं और राजधानी पटना सहित राज्य के 3 बड़े शहर के लोग कब शुद्ध हवा का सांस ले पाते हैं। पी टी सी कुन्दन कुमार पटना
Last Updated : Aug 31, 2019, 11:57 PM IST
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