पटना: राजधानी में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता ही जा रहा है. इसे लेकर सरकार तमाम दावे कर ले लेकिन इसका स्तर घटने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार ने वायु प्रदूषण को लेकर कई नियम और कानून तो बनाएं हैं. लेकिन ये कानून धुंए की तरह राख नजर आ रहे हैं.
बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों का इस बाबत कहना है कि राजधानी पटना में वायु प्रदूषण का स्तर कम करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है. लेकिन ये कम नहीं हो रहा है. पटना में चल रहे निर्माण कार्यों की वजह से वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ रहा है.
ये बड़ा कारण
निर्माण कार्यों की वजह से धूल के कण हवा में मिल जाते हैं. निर्माण कार्य में प्रयोग हो रही सामाग्री की धूल के ये कण बेहद ही खतरनाक होते हैं. वहीं, दूसरी तरफ पटना में वाहनों की बढ़ रही संख्या और उससे निकलने वाला धुंआ, इसके चलते वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है.
300 पीएच पहुंच जाता है वायु प्रदूषण
बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अध्यक्ष अशोक कुमार घोष का कहना है कि हवा में नाइट्रोजन और सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा को कम करने का प्रयास किया जा रहा है. इसका मानक 40 पीएच होना चाहिए. लेकिन राजधानी पटना में जाड़े के दिनों में ये 300 पीएच तक हो जाता है. हमारी कोशिश है कि 100 पीएच के लगभग स्तर को रखा जाए.
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सरकार की ये योजना कितनी होगी कारगर!
फिलहाल, सरकार ने जल जीवन हरियाली अभियान की शुरूआत कर दी है. बिहार में वृक्षारोपण अभियान भी चलाया जा रहा है. लेकिन जिस तरह से राजधानी पटना सहित मुजफ्फरपुर गया में वायु प्रदूषण अलार्मिंग स्टेज में पहुंच गया है. निश्चित तौर पर यह चिंता का विषय है. सरकार तो इसे कम करने के दावे जरूर कर रहे हैं. लेकिन यह दावा खरा उतरता नजर नहीं आ रहा है.