मुंबई: न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में अनियमितताओं के खुलासे के बाद बड़ा हड़कंप मचा हुआ है. मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में 122 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में आरोपी पूर्व जनरल मैनेजर हितेश मेहता को गिरफ्तार किया. पुलिस ने आज उसे किला कोर्ट में पेश किया. कोर्ट ने आरोपी हितेश मेहता को 21 फरवरी तक पुलिस रिमांड में भेज दिया है.
पुलिस करेगी पूछताछः न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाले मामले के आरोपी हितेश मेहता के खिलाफ दादर पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि हितेश मेहता ने दादर, मझगांव शाखा में 122 करोड़ रुपये का घोटाला किया है. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हितेश मेहता के साथ डेवलपर धर्मेश पौना भी शामिल था. इसलिए इस बैंक घोटाले मामले में धर्मेश पौना को भी 21 फरवरी तक पुलिस हिरासत में रखा गया है. इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल है, इसका पता लगाया जा रहा है.
बैंक के बाहर ग्राहकों की भीड़ः सूत्रों ने बताया कि पुलिस आगे की जांच कर रही है. घोटाले और धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक ने न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. इस मामले में बैंक को कानूनी नोटिस जारी कर कहा गया था कि बैंक में कोई वित्तीय लेनदेन नहीं होगा. इससे बैंक में जमा पैसे रखने वाले निवेशक डरे हुए हैं. इसके चलते पिछले दो दिनों में बैंक के बाहर पैसे निकालने के लिए काफी भीड़ देखी गई. खाताधारकों को यह चिंता सता रही है कि कहीं उनका पैसा गायब न हो जाए.
आरबीआई की कार्रवाई: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के निदेशक मंडल को 12 महीने की अवधि के लिए भंग कर दिया. केंद्रीय बैंक ने इस अवधि के दौरान बैंक के मामलों के मैनेजमेंट के लिए भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्रीकांत को प्रशासक नियुक्त किया है. बैंक की 28 शाखाएं हैं, जिनमें से अधिकांश मुम्बई क्षेत्र में स्थित हैं. बैंक ने भारतीय रिजर्व बैंक के किसी भी नियम और मानदंड का पालन किए बिना अवैध रूप से ऋण वितरित किए.
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