पटना: बिहार में वामपंथी नक्सल के विरुद्ध कार्रवाई की जाने का सकारात्मक परिणाम (Decrease in Naxalite incidents in Bihar) प्राप्त हुआ है. नक्सलियों के खिलाफ लगातार दबिश बनाए जाने के कारण नक्सल घटनाओं में कमी आई है. ऐसे जिले में जहां नक्सलियों का कभी प्रभाव था, वहां अब पहले के अपेक्षा सामान्य स्थिति है. इसी का परिणाम है कि पिछले विधानसभा और लोकसभा चुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुए. उस दौरान कोई नक्सली घटना नहीं हुई. यह कहना था एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार का.
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इस साल पुलिस मुठभेड़ में तीन नक्सली की मौत: बिहार पुलिस मुख्यालय से जारी रिपोर्ट की माने तो वर्ष 2022 में बिहार में कुल 13 नक्सली घटना घटित हुई हैं, जो पिछले 5 वर्षों में सबसे कम है. इन नक्सली घटनाओं में एक आम नागरिक की जान गई. जबकि इस साल पुलिस मुठभेड़ में 3 नक्सली मारे गए. मुठभेड़ में कोई पुलिसकर्मी हताहत नहीं हुआ. वर्ष 2022 में नक्सलियों द्वारा पुलिस से लूटे गए 20 हथियार बरामद किए गए. बिहार पुलिस की विशेष टीम ने नक्सलियों से 6980 गोलियां बरामद की
'लेवी के करीब 34 लाख रुपये नक्सलियों से जब्त': एडीजी ने बताया कि साल 2022 में 12615 डेटोनेटर और 1574 लैंडमाइंस कैनवर्म आईडी बरामद किया गया. इसके अलावा उनके पास से 34,74,175 लेवी की राशि बरामद की गई. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के दिशा निर्देश पर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुलिस कैंप कर रही है. नक्सलियों के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में लाभकारी कार्य किए जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडिचर योजना के अंतर्गत सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय लोगों को नक्सल विचारधारा से हटाकर मुख्यधारा में लाने के लिए कई लाभकारी कार्य किए गए हैं. नक्सल गतिविधियों में लिप्त नक्सलियों को भी मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयास किया जा रहा है. जिसके चलते कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी किया है.
"नक्सलियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं. पुलिस के दबिश के कारण नक्सली घटनाओं में निरंतर कमी आई है. जहां पहले नक्सलियों का प्रभाव था, वहां अब उनके प्रभाव में कमी आई है" - जितेंद्र सिंह गंगवार, एडीजी, बिहार पुलिस मुख्यालय