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अभिनेता कुमुद मिश्रा 'शक्कर के पांच दाने' से तीन दिनों तक पटना में भरेंगे अभिनय की मिठास, बोले- वेब सीरीज ने बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया

film actor kumud mishra थप्पड़ फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड जीत चुके कुमुद मिश्रा इन दिनों पटना में है. पटना के हाउस आफ वैरायटी स्टूडियो में नाटक 'शक्कर के पांच दाने' में अभिनय करेंगे. एमएस धोनी, सुल्तान, रांझणा जैसे अनेकों फिल्मों में अपने अभिनय से लोहा मनवा चुके कुमुद मिश्रा ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है. देखिए रिपोर्ट…

अभिनेता कुमुद मिश्रा
अभिनेता कुमुद मिश्रा
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Jan 18, 2024, 8:59 PM IST

अभिनेता कुमुद मिश्रा से खास बातचीत.

पटना: बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता और थप्पड़ फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड जीत चुके कुमुद मिश्रा इन दिनों पटना में है. शुक्रवार 19 जनवरी से रविवार 21 जनवरी तक अगले तीन दिनों कुमुद मिश्रा पटना के हाउस आफ वैरायटी स्टूडियो में नाटक 'शक्कर के पांच दाने' में अभिनय करेंगे. नाटककार मानव कौल के इस नाटक में अगले तीन दिनों तक कुमुद मिश्रा शाम 3:30 बजे से शाम 6:30 तक अभिनय करेंगे.

लाइव एक्टिंग का मजा: कुमुद मिश्रा ने बताया कि पटना पहुंचने के बाद अपने वर्क स्पेस को देखा, जहां पर उन्हें अगले तीन दिनों तक नाटक में अभिनय करना है. पटना पहुंचने से पहले यह फिक्र थी कि समय पर पहुंच जाएं. ट्रेन समय पर पहुंचा दें. हवाई जहाज कैंसिल हो रहे थे, इसलिए ट्रेन ही आने का माध्यम था. मानव कौल की लिखित सोलो नाटक है 'शक्कर के पांच दाने' जिसमें वह अभिनय करने जा रहे हैं. इसमें पात्र को एक कविता लिखनी है और उसका द्वंद्व है, इसी को चित्रित किया गया है. कुमुद मिश्रा ने कहा कि चाहे कितने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आ जाए और रील्स का दौर चले, लेकिन लाइव ऑडियंस का जो फील है, जो लाइव एक्टिंग का मजा है वह कहीं और नहीं है. यही कारण है कि वह थिएटर करने पटना आए हुए हैं.

वेब सीरीज ने बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध करायाः कुमुद मिश्रा ने कहा कि आजकल लोग एक दूसरे से बात भी नहीं कर रहे हैं. इमोजी भेज कर काम चला ले रहे हैं. ऐसे में उन्हें लगता है कि एक समय आएगा जब जिंदा लोगों को बात करते हुए देखने के लिए लोगों को थिएटर आना पड़े. जब तक कहानी कहना और कहानी सुनना जारी रहेगा तब तक थिएटर जिंदा रहेगा. कुमुद मिश्रा ने कहा कि 30 साल का उनका करियर है, लेकिन सिनेमा कितना बदला है इस पर कुछ कह पाना उनकी काबिलियत से बाहर है. उन्होंने कहा कि वेब सीरीज ने कलाकारों को एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म एक्सप्लोर करने के लिए उपलब्ध कराया है. जो गायक हैं, लेखक हैं या अभिनेता हैं उन्हें नई कहानियां एक्सप्लोर करने का मौका मिल रहा है.

"जब अभिनय में जा रहे हैं तो टिके रहें, संघर्ष से ही रास्ता बनता है. अपने सिचुएशन के अनुसार रास्ता तय करते हुए डटे रहें. थिएटर, अभिनय की बारीकियां से अवगत कराता है. अभिनय की चाह रखने वालों के लिए थिएटर करना और थिएटर देखना जरूरी है. अभिनय में हर कैरेक्टर अपने साथ प्रक्रिया लेकर आता है और यह अभिनय के दौरान पता चलता है."- कुमुद मिश्रा, अभिनेता


लिट्टी चोखा काफी पसंद आयाः कुमुद मिश्रा ने बताया कि जब बिहार आ रहे थे, तो उनकी जहन में सिर्फ यही था कि पटना पहुंचने पर सबसे पहले अपना वर्क स्पेस देखना है जहां पर जाकर थिएटर करना है. लेकिन जब भी बिहार का जिक्र होता है तो इसका बड़ा इतिहास रहा है. यहां से निकलकर बुद्ध ने दुनिया को शांति का संदेश दिया है. बिहारी लोग काफी जीवट होते हैं और अपनी मेहनत से अपनी प्रतिभा का हर जगह लोहा मानवते हैं. अपनी जगह बनाते हैं. बिहारी लोग काफी जुझारू होते हैं. उन्होंने बताया कि वह खाने पीने की शौकीन हैं और पटना आने पर सबसे पहले उन्होंने लिट्टी चोखा का स्वाद लिया है. उन्हें लिट्टी चोखा काफी पसंद आया.

इसे भी पढ़ेंः Film Review: बेबाक और साहसिक है आयुष्मान खुराना की "आर्टिकल 15"

इसे भी पढ़ेंः INTERVIEW: नंदिता दास और मानव कौल ने बताया कैसे 'अल्बर्ट पिंटो ..' के सेट पर करते थे मस्ती

अभिनेता कुमुद मिश्रा से खास बातचीत.

पटना: बॉलीवुड के जाने-माने अभिनेता और थप्पड़ फिल्म के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का फिल्मफेयर अवार्ड जीत चुके कुमुद मिश्रा इन दिनों पटना में है. शुक्रवार 19 जनवरी से रविवार 21 जनवरी तक अगले तीन दिनों कुमुद मिश्रा पटना के हाउस आफ वैरायटी स्टूडियो में नाटक 'शक्कर के पांच दाने' में अभिनय करेंगे. नाटककार मानव कौल के इस नाटक में अगले तीन दिनों तक कुमुद मिश्रा शाम 3:30 बजे से शाम 6:30 तक अभिनय करेंगे.

लाइव एक्टिंग का मजा: कुमुद मिश्रा ने बताया कि पटना पहुंचने के बाद अपने वर्क स्पेस को देखा, जहां पर उन्हें अगले तीन दिनों तक नाटक में अभिनय करना है. पटना पहुंचने से पहले यह फिक्र थी कि समय पर पहुंच जाएं. ट्रेन समय पर पहुंचा दें. हवाई जहाज कैंसिल हो रहे थे, इसलिए ट्रेन ही आने का माध्यम था. मानव कौल की लिखित सोलो नाटक है 'शक्कर के पांच दाने' जिसमें वह अभिनय करने जा रहे हैं. इसमें पात्र को एक कविता लिखनी है और उसका द्वंद्व है, इसी को चित्रित किया गया है. कुमुद मिश्रा ने कहा कि चाहे कितने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म आ जाए और रील्स का दौर चले, लेकिन लाइव ऑडियंस का जो फील है, जो लाइव एक्टिंग का मजा है वह कहीं और नहीं है. यही कारण है कि वह थिएटर करने पटना आए हुए हैं.

वेब सीरीज ने बड़ा प्लेटफॉर्म उपलब्ध करायाः कुमुद मिश्रा ने कहा कि आजकल लोग एक दूसरे से बात भी नहीं कर रहे हैं. इमोजी भेज कर काम चला ले रहे हैं. ऐसे में उन्हें लगता है कि एक समय आएगा जब जिंदा लोगों को बात करते हुए देखने के लिए लोगों को थिएटर आना पड़े. जब तक कहानी कहना और कहानी सुनना जारी रहेगा तब तक थिएटर जिंदा रहेगा. कुमुद मिश्रा ने कहा कि 30 साल का उनका करियर है, लेकिन सिनेमा कितना बदला है इस पर कुछ कह पाना उनकी काबिलियत से बाहर है. उन्होंने कहा कि वेब सीरीज ने कलाकारों को एक बहुत बड़ा प्लेटफार्म एक्सप्लोर करने के लिए उपलब्ध कराया है. जो गायक हैं, लेखक हैं या अभिनेता हैं उन्हें नई कहानियां एक्सप्लोर करने का मौका मिल रहा है.

"जब अभिनय में जा रहे हैं तो टिके रहें, संघर्ष से ही रास्ता बनता है. अपने सिचुएशन के अनुसार रास्ता तय करते हुए डटे रहें. थिएटर, अभिनय की बारीकियां से अवगत कराता है. अभिनय की चाह रखने वालों के लिए थिएटर करना और थिएटर देखना जरूरी है. अभिनय में हर कैरेक्टर अपने साथ प्रक्रिया लेकर आता है और यह अभिनय के दौरान पता चलता है."- कुमुद मिश्रा, अभिनेता


लिट्टी चोखा काफी पसंद आयाः कुमुद मिश्रा ने बताया कि जब बिहार आ रहे थे, तो उनकी जहन में सिर्फ यही था कि पटना पहुंचने पर सबसे पहले अपना वर्क स्पेस देखना है जहां पर जाकर थिएटर करना है. लेकिन जब भी बिहार का जिक्र होता है तो इसका बड़ा इतिहास रहा है. यहां से निकलकर बुद्ध ने दुनिया को शांति का संदेश दिया है. बिहारी लोग काफी जीवट होते हैं और अपनी मेहनत से अपनी प्रतिभा का हर जगह लोहा मानवते हैं. अपनी जगह बनाते हैं. बिहारी लोग काफी जुझारू होते हैं. उन्होंने बताया कि वह खाने पीने की शौकीन हैं और पटना आने पर सबसे पहले उन्होंने लिट्टी चोखा का स्वाद लिया है. उन्हें लिट्टी चोखा काफी पसंद आया.

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