मोतिहारीः बिहार विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने मोतिहारी में एक समारोह को संबोधित करते हुए विधायकों को उनके कर्त्तव्यों और दायित्वों के बारे में बताया. अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि सदन में 243 माननीयों को देखने और उनकी सुनने के लिए आसन है, उनको देखूंगा, लेकिन विधायकों को अपनी जिम्मेवारी और दायित्वों को समझना चाहिए.
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सदन में जनता की समस्याओं को उठाएंः विधायकों का काम विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने विधायकों को कहा कि कार्य संचालन नियमावली को पढ़िए. सदन में अपने क्षेत्र की समस्याओं को आप उठाते हैं और आप सरकार का ध्यान उस समस्याओं की तरफ दिलाते हैं, तो सरकार जनहित के सवालों का जबाब देने के लिए तैयार बैठी है. लेकिन आप हंगामा करके अपने सवालों का जबाब नहीं ले पाते हैं. अगर सरकार से जबाब लेते, तो क्षेत्रों का विकास होता है ओर आपका भी नाम होता, लेकिन ऐसा नहीं होता है.
"मैं कठोरता के साथ नियम प्रक्रिया लागू करुंगा. सदन को बाधित करने की कोशिश की गई. तो एक दो बार मैं वार्निंग करुंगा. उसके बाद हंगामा करने वाले लोगों को नियम प्रक्रिया के तहत बख्शने वाला नहीं हूं. आप आईए मिलजुल कर सदन को चलाया जाए. यह विमर्श की जगह है. यह झगड़ा करने का जगह नहीं है"- अवध बिहारी चौधरी, विधानसभा अध्यक्ष
अभिनंदन समारोह में पहुंचे थे विधानसभा अध्यक्ष: दरअसल बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी मोतिहारी नगर निगम की मेयर प्रीति गुप्ता द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में पहुंचे थे. होटल परिसर में आयोजित कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी को महागठबंधन के नेताओं ने सम्मानित किया. कार्यक्रम में महागठबंधन के सभी दल के नेता मौजूद रहे. जहां अभिनंदन समारोह को संबोधित करते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में हंगामा करने वाले नेताओं को चेतावनी दे डाली.
हंगामे की भेंट चढ़ा था मानसून सत्र: दरअसल इस बार 10-14 जुलाई तक चला बिहार मानसून सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही लगातार बाधित रही, हालांकि कुछ समय के लिए सदन की कार्यवाही चली लेकिन बीजेपी के सदस्य सदन में मौजूद नहीं रहे. उनकी गैर मौजूदगी में सदन की कार्यवाही सरकार ने चलाई है और प्रथम अनुपूरक बजट को सदन से पास कराया गया. सरकार के खिलाफ कई मुद्दों जैसे शिक्षक बहाली में डोमिसाइल नीति और डिप्टी सीएम की बर्खास्तगी की मांग को लेकर सदन में काफी हंगामा हुआ था.